आज पंचक समाप्त, जरूर जान लें इन महत्वपूर्ण बातों को !

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है की बीते शुक्रवार से ही पंचक की शुरुआत हो गयी थी जो आज समाप्त होने वाली है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले योग को पंचक कहते हैं। पंचक काल मुख्य रूप से पांच दिनों तक चलता है, शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। आज हम आपको पंचक के समाप्त होने का समय और इससे जुड़े तमाम आवश्यक बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो देर किस बात की आइये जान लेते हैं आज पंचक की समाप्ति का समय और साथ ही जानने की कोशिश करेंगे इससे जुड़े अन्य पहलुओं को।

पंचक क्या है ?

पंचक के अन्य पहलुओं के बारे में जानने से पहले ये जान लेना बेहद आवश्यक है कि आखिर पंचक होता क्या है और क्यों इसे इतनी अहमियत दी जाती है। आपको बता दें कि असल में पंचक पांच नक्षत्रों को मिलाने से बनने वाला समय है। वो पांच नक्षत्र हैं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार जब चन्द्रमा इन नक्षत्रों से होकर गुजरता है तो उसे पंचक काल कहते हैं। कुछ पंचक शुभ भी होते हैं लेकिन प्रायः पंचक को अशुभ ही माना जाता है। इस दौरान कुछ भी काम हैं जिनका किया जाना वर्जित माना जाता है।

पंचक समाप्ति का समय

बता दें कि आज बुधवार, 24 जुलाई के दिन 3 बजकर 42 मिनट और 32 सेकंड पर पंचक काल समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही वो काम जिन्हें पंचक काल के दौरान वर्जित माना जाता है उसका आरंभ हो जायेगा। पांच दिनों तक चलने वाले इस पंचक की शुरुआत 19 जुलाई शुक्रवार के दिन 2 बजकर 58 मिनट और 10 सेकंड पर हुई थी।

पंचक के दौरान इन कामों को करने से बचना चाहिए

  • पंचक काल के दौरान मुख्य रूप से यात्रा करना वर्जित माना जाता है। चूँकि इस दौरान दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है, इसलिए इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • इस दौरान चारपाई बनवाना या बिस्तर बनवाना अशुभ माना जाता है।
  • हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि पंचक के दौरान किसी की मृत्यु हो जाए तो, अंतिम संस्कार के वक़्त परिवार वालों को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और विधि पूर्वक अंतिम संस्कार करना चाहिए। इसके साथ ही पांच पुतले बनाकर उसे शव के साथ जलाना चाहिए। माना जाता है की पंचक के दौरान किसी की मौत होने पर परिवार वालों पर मृत्यु का भय बना रहता है।
  • पंचक काल में कोई ऐसी वस्तु एकत्रित नहीं करनी चाहिए जिसमें आग लगने का भय हो।
  • इस दौरान किसी भी शुभ काम को करना वर्जित माना जाता है खास करके विवाह और यज्ञोपवीत संस्कार।
  • पंचक के दौरान खासतौर से अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखें वर्ना आपको सेहत से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है।