सूर्य का मेष राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में सूर्य देव “नवग्रहों के जनक” के नाम से जाने जाते हैं क्योंकि यह अन्य ग्रहों की तरह कभी भी अस्त, उदित, वक्री और मार्गी नहीं होते हैं। लेकिन, हर माह अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं इसलिए सूर्य के गोचर को बहुत ख़ास माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह का गोचर राशि चक्र के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है। अब यह जल्द ही मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इसका सकारात्मक और नकारात्मक असर संसार और मनुष्य जीवन दोनों पर दिखाई दे सकता है। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश आपके जीवन के भिन्न-भिन्न आयामों जैसे करियर, व्यापार, प्रेम और वैवाहिक जीवन आदि को प्रभावित करेगा।

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ऐसे में, आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि सूर्य का मेष राशि में गोचर किन राशियों के लिए शुभ रहेगा और किन राशियों की परेशानियों को बढ़ाएगा? क्या आपको करियर में मिलेगी सफलता? आर्थिक स्थिति में होगा सुधार या बनी रहेंगी धन से जुड़ी समस्याएं? इन सभी सवालों के जवाब आपको एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। सूर्य का मेष राशि में गोचर का यह लेख हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा सूर्य की स्थिति और दशा की गणना करने के बाद तैयार किया गया है। आइए जानते हैं कि सूर्य का मेष राशि में गोचर का समय और डेट।
सूर्य का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय
सूर्य का मेष राशि में गोचर बेहद ख़ास माना जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य अपना एक राशि चक्र पूरा कर लेते हैं। साथ ही, पहली राशि होने के कारण मेष राशि में प्रवेश के साथ सूर्य के नए राशि चक्र की शुरुआत हो जाती है। इसी क्रम में, सूर्य महाराज अब 14 अप्रैल 2025 की रात 03 बजे मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि उग्र स्वभाव के हैं और सूर्य को भी उग्र स्वभाव का ग्रह माना जाता है। ऐसे में, मेष राशि में सूर्य गोचर के दौरान संसार में कुछ बड़े परिवर्तन नज़र आ सकते हैं। आइए अब जानते है धार्मिक दृष्टि से सूर्य गोचर का महत्व।
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सूर्य का मेष राशि में गोचर: धार्मिक दृष्टि से
सूर्य गोचर का ज्योतिष के अलावा धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व होता है। बता दें कि जब सूर्य महाराज अपना राशि परिवर्तन करते हैं या फिर एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस घटना को हिन्दू धर्म में संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य का गोचर हर माह होने के कारण हर महीने संक्रांति आती है और इस तिथि को बहुत शुभ माना गया है। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं, उस संक्रांति का नाम उसी राशि के नाम पर पड़ता है जिनमें वह गोचर करते हैं।
अब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं, तो इस तिथि को मेष संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा। यह सौर वर्ष का पहला दिन होता है और इस अवसर पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाता है। इनकी उपासना से जातक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही, आपको सभी तरह की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।
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खरमास 2025 का होगा अंत
शायद ही आप इस बात को जानते होंगे कि जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है, तब खरमास लग जाता है। इसके साथ ही अगले एक महीने के लिए सभी तरह के धार्मिक कार्यों जैसे शादी-विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि पर रोक लग जाती है। इसी क्रम में, सूर्य देव पिछले 14 मार्च 2025 से मीन राशि में विराजमान थे इसलिए खरमास लगा हुआ था, लेकिन अब सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास का अंत हो जाएगा। ऐसे में, एक बार फिर से शुभ एवं मांगलिक कार्य किये जा सकेंगे। चलिए अब जानते हैं सूर्य ग्रह का ज्योतिष में महत्व।
सूर्य ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
- ज्योतिष की दुनिया में सूर्य ग्रह को महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है जो हर माह अपनी राशि में बदलाव करते हैं।
- मनुष्य जीवन में सूर्य महाराज मान-सम्मान, नेतृत्व क्षमता और उच्च पद का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- राशि चक्र में सिंह राशि के स्वामी सूर्य ग्रह हैं और इनकी उच्च राशि मेष है जबकि यह तुला राशि में नीच अवस्था में होते हैं।
- हिन्दू धर्म में सूर्य ग्रह जिस दिन किसी राशि में प्रवेश करते हैं, वह तिथि और अवधि सभी तरह के धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है।
- सूर्य गोचर की अवधि में लोग आत्मशांति के लिए अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। साथ ही, सूर्य देव की आराधना करते हैं।
- हालांकि, अगर कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ भाव में मौजूद होते हैं, तो जातक को अच्छी नौकरी समाज में मान-सम्मान और प्रसिद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन, कभी-कभी ऐसा होता है कि यह अपने उग्र स्वभाव की वजह से थोड़े बेहतर परिणाम देने में पीछे रह जाते हैं।
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सूर्य का धार्मिक महत्व
- जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि सूर्य ग्रह को सौरमंडल का राजा कहा जाता है। इसी क्रम में, ज्योतिष के कुछ ग्रंथों और पुराणों में सूर्य को सूर्य देव माना गया है इसलिए इनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है।
- पौराणिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव के पिता महर्षि कश्यप और माता अदिति हैं इसलिए इन्हें आदित्य के नाम से भी जाना जाता है।
- सूर्य महाराज से शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति के लिए सूर्य को नियमित रूप से जल का अर्घ्य देना चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
- हिन्दू पंचांग में सूर्य को रविवार का दिन समर्पित है और इसे सप्ताह का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
इन पांच कामों से प्रसन्न होते हैं सूर्य
- आप सूर्य ग्रह को मज़बूत करने के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना एवं पूजन कर सकते हैं।
- सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए “ॐ भास्कराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- सूर्य से शुभ परिणाम पाने के लिए किसी ज्योतिषी की सलाह पर आप माणिक्य रत्न भी धारण कर सकते हैं।
- आप दैनिक जीवन में पीला या केसरिया रंग ज्यादा से ज्यादा धारण करें।
- बेल मूल की जड़ के इस्तेमाल से आप सूर्य ग्रह की कृपा पा सकते हैं।
चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं सूर्य को मज़बूत करने के उपायों से।
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सूर्य का मेष राशि में गोचर के दौरान अपनाएं ये उपाय
- सूर्य ग्रह को मज़बूत करने के लिए प्रत्येक रविवार लाल रंग के वस्त्र धारण करें या फिर इनका दान करें।
- आप नियमित रूप से ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें।
- सूर्य की स्थिति को बलवान बनाने के लिए कम से कम 11 रविवार उपवास करें। साथ ही, रोज़ाना सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- कुंडली में सूर्य को बली करने के लिए सूर्य महाराज को जल अर्पित करने से पूर्व उसमें लाल चंदन मिलाएं।
- संभव हो, तो सूर्य देव से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए 11 रविवार नमक का सेवन न करे।
- जातक के लिए सूर्य देव के 12 नामों का नियमित रूप से जाप करना शुभ रहेगा।
- अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषी की सलाह पर आप माणिक्य रत्न धारण कर सकते है।
- सूर्य के प्रभाव को प्रबल करने के लिए रविवार के दिन दलिया, घी, गेहूं और दूध चीनी आदि का सेवन करें।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम एवं सरल उपाय यह है कि प्रत्येक रविवार सूर्य चालीसा का पाठ करें।
- रविवार के दिन गुड़ का दान करें। साथ ही, गरीब और जरूरतमंदों की सेवा करें।
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सूर्य का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
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सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं और सूर्य का मेष राशि में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मेष राशि… (विस्तार से पढ़ें)
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सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके सप्तम… (विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हर महीने सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं और इस तरह पूरे साल हर राशि में बारी-बारी से गोचर करते हैं, इसको ही सूर्य का गोचर कहा जाता है।
साल 2025 में सूर्य का मेष राशि में गोचर 14 अप्रैल 2025 को होगा।
मेष राशि पर मंगल देव का स्वामित्व है।