ज्योतिष में शनि को एक बेहद ही क्रूर ग्रह माना गया है। ज्योतिष बताते हैं कि शनि कुंडली में मौजूद सभी 12 भावों पर अलग-अलग तरह के प्रभाव डालता है। शनि के इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर अवश्य पड़ता है। बताया तो ये भी जाता है कि अगर किसी की कुंडली में शनि मज़बूत स्थिति में है तो इससे जातक को हमेशा ही अच्छा परिणाम मिलता है। लेकिन अगर किसी की कुंडली में शनि मज़बूत स्थिति में नहीं हैं तो अक्सर देखा जाता है कि उस जातक पर शनि की ढैया या शनि की साढ़े-साती का प्रकोप चल रहा होता है।
अधिकतर लोग शनि की ढैया या शनि की साढ़े-साती की बात सुनकर घबरा जाते हैं लेकिन अगर किसी भी जातक की कुंडली इस बात की तरफ इशारा कर रही है तो उसे डरने की बिलकुल भी ज़रूरत नहीं हैं क्योंकि जातक पर शनि की ढैया या शनि की साढ़े-साती का क्या असर पड़ेगा ये कई बातों पर निर्भर करता है। ज्योतिष बताते हैं कि जन्म कुंडली में शनि की चंद्र से दूरी कितनी है, या जन्म कुंडली में शनि की स्थिति क्या है, इन सब बातों पर भी निर्भर करता है कि शनि की ढैया या शनि की साढ़े-साती का किसी पर क्या असर होने वाला है।
इसके अलावा कुंडली और गोचर में ग्रहों की तुलनात्नक स्थिति क्या है, ये सब पूर्ण रूप से जानने के बाद ही शनि की ढैया और साढ़ेसाती पर विचार करना चाहिए। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव है तो आपको भी डरने की बिलकुल जरूरत नहीं है। आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे करके आप अपनी कुंडली में उथल-पुथल मचाए हुए शनि को शांत कर सकते हैं।
शनि साढ़े साती – राशियों पर प्रभाव व उपाय
शनि को शांति करने के उपाय
- अगर किसी की कुंडली में शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव है तो उसको शांति करने के लिए उन्हें महामृत्युंजय और शनि मंत्र का जप करना चाहिए।
- इसके अलावा शनि का क्रूर रूप झेल रहे जातकों को काली चालीसा, श्री दुर्गा सप्तशती का अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- अगर आपकी कुंडली में भी शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव है तो आप किसी जानकार को दिखाकर नीलम धारण करें।
- ऐसे जातकों को हर शनिवार को छाया दान करने से भी लाभ मिलता है।
- शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव वाले जातक तिल, उड़द दाल, लोहा, तेल, काले वस्त्र, आदि का दान करें।
- शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव वाले जातक शनि चालीसा, शनि स्तोत्र का पाठ करें।
- शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव वाले जातक हर दिन सात या तीन बार हनुमान चालीसा पढ़ें।
- हो सके तो सुंदरकांड का भी पाठ करें।
- शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव वाले जातक हनुमान जी की काले तिलों से पूजा करें।
- शनि की ढैया और साढ़ेसाती का प्रभाव वाले जातक शनि मंत्र से पहले हनुमान जी का मंत्र पढ़ें।