शनि धनु राशि में मार्गी, जानें क्या होगा इसका असर

जानिये शनि ग्रह के मार्गी होने से आपके जीवन में क्या परिवर्तन आएँगे। इसके साथ ही जानें बली और पीड़ित शनि से जातकों के जीवन पर कैसे प्रभाव पड़ते हैं।

सौर मंडल के नौ ग्रहों में से एक शनि ग्रह को हिंदु ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में शनि को कर्मफल दाता कहा जाता है। वहीं खगोल विज्ञान की बात की जाए तो शनि ग्रह सूर्य से छठे स्थान पर आता है और यह धरती से 95 गुना से भी ज्यादा बड़ा है। ऐसा माना जाता है कि शनि ग्रह के बारे में प्राचीन काल से ही लोगों को पता चल गया था इसलिए कई धर्मों में शनि ग्रह का जिक्र मिलता है। प्राचीन रोमन कथाओं में शनि देव को कृषि के देवता के रूप में देखा जाता था। वहीं प्राचीन चीनी और जापानी सभ्यता में शनि देव को भू-तारा के रुप में जाना जाता था। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मफल दाता ग्रह माना गया है और यह अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के फल देता है। शनि देव को भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सूर्य पुत्र के रुप में भी जाना जाता है।  

शनि ग्रह के वैदिक, तांत्रिक और बीज मंत्र की जानकारी के लिये यहां क्लिक करें

शनि ग्रह के प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में शनि एक ऐसा ग्रह है जिसके प्रभाव से राजा रंक और रंक राजा बन सकता है। राजा यदि गलत कर्म करेगा तो शनि उसका गुरुर तोड़ने के लिए उसे रंक बना सकते हैं वहीं अगर एक रंक मेहनत करे तो उसे वह राजा की पदवी भी दिला सकते हैं। वैदिक ज्योतिष की बात की जाए तो शनि देव को विज्ञान, तकनीक, खनिज तेल, सुख, रोग, आयु, पीड़ा आदि का कारक माना गया है। मेष राशि में शनि देव नीच अवस्था में होते हैं जबकि तुला राशि में उच्च अवस्था में। कुंडली में शनि की दशा लगभग साढ़े सात साल की होती है और इसीलिए इस काल को शनि की साढ़ेसाती का काल कहा जाता है। एक राशि में शनि देव लगभग ढाई साल तक विराजमान रहते हैं। काल पुरुष की कुंडली में शनि देव को मकर यानि कि दशवीं राशि और कुंभ यानि कि ग्यारहवीं वीं राशि का स्वामित्व हासिल है।  इसके साथ ही पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद शनिदेव देव के नक्षत्र हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को तीनों लोकों के न्यायाधीश के रुप में भी देखा जाता है। शनि के प्रभाव से किसी के कार्य की गति धीमी पड़ सकती है हालांकि यदि कर्म ईमानदारी से किया जाये तो फल बहुत अच्छे प्राप्त होते हैं। शनि के प्रभाव से इंसान एकांत में समय बिताना पसंद करता है। 

अपनी जन्म कुंडली देखने के लिये यहां क्लिक करें

बली और पीड़ित शनि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में शनि बली है तो उसे अच्छे फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा व्यक्ति काम के प्रति बहुत केंद्रित रहता है। ऐसा जातक अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाता है। शनि ग्रह तुला राशि में उच्च का होता है और जिस जातक की कुंडली में शनि तुला राशि में बैठा हो उसकी उम्र बड़ी होती है और वह धैर्यवान होता है। वहीं यदि आपकी कुंडली में शनि पीड़ित है तो आपको जीवन में कई परेशानियां आती हैं। शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आपको शनि ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। इन उपायों को करने से आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

मार्गी अवस्था में शनि देंगे शुभ फल

शनिदेव अपनी वक्री गति से जब मार्गी अवस्था में आएंगे तो इससे लोगों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है इसलिए इस दौरान उन लोगों को शुभ फलों की प्राप्ति जरुर होगी जिन्होंने किसी क्षेत्र में सफलता पाने के लिये जी तोड़ मेहनत की है। शनिदेव को उनकी मंदगति के लिए जाना जाता है इसलिए जब भी शनिदेव वक्री अवस्था में होते हैं तो इससे कामों में विलंब होता है। शनि के वक्री अवस्था के दौरान जातकों को किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत पड़ती है। हालांकि जब शनिदेव मार्गी अवस्था में होते हैं तो सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। शनिदेव के मार्गी अवस्था में होने के कारण जातकों को जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में नए अवसरों की प्राप्ति होती है और सफलता मिलती है। हालांकि यह आपकी कुंडली में शनि देव की अवस्था पर भी निर्भर करता है कि वो आपके लिये शुभ होंगे या अशुभ। हमारे इस ब्लॉग के जरिये आप जान सकते हैं कि सभी 12 राशियों को शनि देव के मार्गी होने से कैसे फलों की प्राप्ति होगी।  

यहां पढ़ें पितृ पक्ष में पिंडदान और श्राद्ध का महत्व

शनि मार्गी का समय 

कर्मफल दाता शनि अप्रैल 2019 में वक्री हुए थे और 18 सितंबर 2019 तक शनि वक्री अवस्था में ही थे। लेकिन 18 सितंबर को सुबह  8:54:22 पर शनि देव फिर से मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। इसके बाद शनि देव पूरे साल भर धनु राशि में मार्गी रहेंगे। 

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैल्कुलेटर

मेष राशि

मेष राशि वाले जातकों के लिए शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी है। आप ने पूर्व में काफी मेहनत की है और बहुत चुनौतियों का सामना किया है और अब वह समय आ गया है जब मार्गी होकर शनिदेव आपको हर सफलता प्रदान करेंगे। इस दौरान आपका भाग्य प्रबलता से आपके साथ खड़ा होगा और हर काम में आपको…आगे पढ़ें 

उपाय: किसी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार पर प्रातः काल साफ़ सफ़ाई का कार्य करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि देव नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। शनिदेव ने आपको जीवन में काफी समझदार बनाया है और अब वह समय आने वाला है कि उस समझदारी का आप पूरी तरह से प्रयोग करें। मार्गी होने के बाद शनिदेव आपको धीरे-धीरे भाग्य की सहायता दिलवा देंगे और आने वाले समय में आपकी कुछ योजनाएं भी सफल होंगी, जिनसे आपको अच्छा आर्थिक लाभ हो सकता है और आपकी आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे…आगे पढ़ें 

उपाय: चींटियों के स्थान पर चीनी और आटा डालें।

शनि के अशुभ प्रभावों से हैं परेशान, तो प्राप्त करें: शनि साढ़े साती निवारण रिपोर्ट 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव का स्वामी है। शनि के मार्गी होने का अच्छा प्रभाव आपको प्राप्त होने वाला है और अब से आपको जीवन में जीवन साथी का पूरा सहयोग मिलेगा और केवल इतना ही नहीं, उनकी मदद से आपका भाग्य चमक उठेगा। जो आपके कार्य अटके पड़े थे, वे सभी अब पूरे होने लगेंगे और आपको लंबी यात्राएं करने का भी मौका मिलेगा। ये यात्राएं आपकी सफलता का मार्ग…आगे पढ़ें 

उपाय: शनिवार के दिन अपने घर में श्री शिव रुद्राभिषेक करवाएं।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। शनि देव मार्गी अवस्था में आपके छठे भाव से गोचर करेंगे, जिससे आप अपने विरोधियों को पूरी तरह से शांत करने में कामयाब हो जाएंगे और वे चाहे कितना भी प्रयास कर लें, आपका बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे। आपकी जो स्वास्थ्य समस्याएं चली आ रही थीं, वे भी अब…आगे पढ़ें 

उपाय: नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव षष्ठम और सप्तम भाव के स्वामी हैं। यह समय है अपनी लव लाइफ को पूरी तरह से जीने का। आपने अपने प्रियतम को यदि कभी कोई कष्ट पहुंचाया हो या मानसिक रूप से उन्हें तनाव दिया हो तो, उसके लिए उनसे क्षमा मांगें और सच्चे दिल से अपने प्यार को निभाने का प्रयास करें। यकीन मानिए, शनिदेव आपको हर खुशी देंगे। संतान के मामले में आपको थोड़ा ध्यान से चलना होगा, क्योंकि उनका…आगे पढ़ें 

उपाय: किसी ग़रीब अथवा असहाय की यथासंभव सहायता करें। 

यह भी पढ़ें: ग्रह शांति और अन्य समस्याओं के असरदार उपाय

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शनि देव पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। शनि का मार्गी होना आपको पिछली कुछ सीखों को अमल में लाने का मौका देगा। अब आप अपने परिवार की अहमियत समझते हैं और इसलिए इस दौरान आप अपने परिवार पर पूरा ध्यान देंगे। उनकी जरूरतों को समझेंगे और जब भी आवश्यक होगा आप अपनी ज़िम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हटेंगे। आपकी माताजी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, इसलिए…आगे पढ़ें 

उपाय: शनिवार के दिन एक लोहे अथवा मिटटी के बर्तन में सरसों का तेल  भरें और उसमें अपना चेहरा देख कर इसे छाया पात्र के रूप में दान करें।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शनि देव चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी हैं। आपके लिए शनि का मार्गी होना बहुत महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस दौरान आपको यह सीख मिल चुकी है कि किस प्रकार अपने आलस और लापरवाही को छोड़कर महत्वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाना चाहिए और यही आपको अब करना होगा, तभी आप अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर पाएंगे। छोटे भाई बहनों की ओर से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और…आगे पढ़ें 

उपाय: महाराज दशरथ कृत नील शनिस्तोत्र का पाठ करें।

पढ़ें: आपकी राशि पर शनि साढ़े साती का प्रभाव

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि देव तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। वृश्चिक राशि वालों के परिवार में जो समस्याएं चली आ रही थी, अब धीरे-धीरे उन से मुक्ति का रास्ता मिलने लगेगा। हालांकि चुनौतियाँ अभी भी पूरी तरह से कम नहीं होंगी और परिवार को जोड़ कर रखना सबसे बड़ी चुनौती के रूप में आपके सामने आएगा। आपकी माता जी को…आगे पढ़ें 

उपाय: शनिवार के दिन काले तिलों अथवा साबुत उड़द का दान करें। 

धनु राशि

धनु राशि के लिए शनि देव द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी हैं। आप अभी भी शनि साढ़ेसाती के प्रभाव में चल रहे हैं, लेकिन जो एक स्वास्थ्य को लेकर समस्याएं चली आ रही थीं या मानसिक तनाव हद से ज्यादा चरम पर पहुंच गया था, अब धीरे-धीरे आपको उसमें राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। आपकी सोच विकसित होगी और आपने…आगे पढ़ें 

उपाय: शनिवार के दिन चमेली के तेल का दीपक जला कर हनुमान चालीसा अथवा सुन्दरकाण्ड का पाठ करें और लोगों में बूंदी का प्रसाद बांटें 

मकर राशि

मकर राशि वाले जातकों के लिए शनि देव लग्न और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। शनि की स्थिति आपको परोपकार की राह पर ले कर जाएगी और आप दूसरों के लिए जीवन जीना प्रारंभ कर देंगे। यानि कि आप दूसरों की मदद करने में इस हद तक व्यस्त हो सकते हैं कि अपने हिस्से की वस्तुएँ भी उन्हें दे सकते हैं। ऐसे में आपको यह ध्यान रखना होगा कि अपनी निजी आवश्यकताओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में…आगे पढ़ें 

उपाय: शनिवार के दिन, शनि की होरा में उत्तम क्वालिटी का नीलम रत्न धारण करें।

सभी समस्याओं से मुक्ति पाने का अचूक उपाय – यहाँ क्लिक कर पढ़ें

कुंभ राशि

कर्म का कारक कहा जाने वाला शनि कुंभ राशि के जातकों के लिए लग्न और द्वादश भाव का स्वामी है। मार्गी अवस्था में शनि देव 11 वें भाव में उपस्थित रहेंगे। ये आपके लिए धन, समृद्धि और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इस दौरान आपकी योजनाओं को बल मिलेगा और उनके माध्यम से आपका अटका हुआ धन भी आपको प्राप्त हो जाएगा। स्वास्थ्य में आप नई ताज़गी महसूस करेंगे और पुरानी कोई बीमारी चली आ रही…आगे पढ़ें 

उपाय: आपको नियमित रूप से शमी वृक्ष को जल देकर उसकी पूजा करनी चाहिए।

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए शनि देव एकादश और द्वादश भाव के स्वामी हैं। आपके लिए शनि देव कर्म मार्ग की व्याख्या कर रहे हैं, अर्थात आप को सही दिशा में मेहनत करने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप नौकरी करते हैं तो, उसमें जी जान से जुट जाएँ और पूरा फोकस अपने काम पर रखें। साथ ही साथ परिवार और जीवनसाथी के…आगे पढ़ें 

उपाय: शनिदेव के बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का नियमित जाप करें।

रत्न, यंत्र समेत समस्त ज्योतिष समाधान के लिए विजिट करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर