देश के इन राज्यों में काफी अलग और ख़ास अंदाज में मनाई जाती है नवरात्रि !

शारदीय नवरात्रि के दौरान शक्ति के नौ रूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि एकमात्र ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। जहाँ उत्तर भारत में नवरात्रि पर रामलीला का भी बेहद महत्व है वहीं गुजरात में डांडिया और गरबा से माता का स्वागत किया जाता है। बंगाल में दुर्गा पूजा को काफी भव्य अंदाज से मनाया जाता है। आज हम आपको विशेष रूप से देश के विभिन्न राज्यों में नवरात्रि मनाये जाने के ख़ास अंदाज के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि के नौ दिनों में विभिन्न राज्यों में कैसी रौनक नजर आती है।

बिहार, असम और बंगाल 

भारत के तीन राज्यों में नवरात्रि को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से बंगाल और असम के लिए देवी माँ का ये त्यौहार राज्य के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इन राज्यों के कुछ प्रमुख त्योहारों में से दुर्गा पूजा को सबसे मुख्य और बड़ा त्यौहार माना जाता है। इन राज्यों में मिट्टी से देवी माँ की प्रतिमा बनाकर उसे छोटे-छोटे पंडाल में स्थापित किया जाता है। आप बंगाल, बिहार और असम में जगह-जगह पर दुर्गा पूजा के दौरान माँ का पंडाल देख सकते हैं। कलकत्ता में विशेष रूप से हर साल अलग-अलग थीम पर देवी माँ का भव्य पंडाल तैयार किया जाता है। असम और बंगाल के निवासियों के लिए दुर्गा पूजा किसी उत्सव से कम नहीं होता है। दूसरी तरफ बिहार में माँ की प्रतिमा तो स्थापित की ही जाती है लेकिन साथ ही साथ नवरात्रि के पहले दिन कलश भी स्थापित किया जाता है। पूजा स्थल पर मिट्टी और रेत में जौ डालकर उसके ऊपर कलश स्थापना की जाती है। दुर्गा पूजा के आखिरी दिन जौ पूरी तरह से छोटे-छोटे पौधों में परिवर्तित हो जाता है। इसे पूजा के आखिरी दिन काट कर देवी माँ की चरणों में चढ़ाया जाता है। आखिरी दिन इन तीनों राज्यों में देवी माँ की मूर्ति का विसर्जन भी किया जाता है। 

गुजरात 

गुजरात में नवरात्रि के नौ दिनों में अलग ही छटा नजर आती है। यहाँ के निवासी मुख्य रूप से नवरात्र में नौ दिनों का व्रत रखते हैं और श्रद्धाभाव के साथ खुद को देवी माँ की सेवा में लिप्त कर लेते हैं। यहाँ नवरात्रि के पहले दिन देवी माँ के सामने एक मिट्टी के कलश में नारियल, पांच सुपारी और चांदी का सिक्का डालकर रखा जाता है। देवी माँ के सामने नौ दिनों के लिए अखंड ज्योत जलाई जाती है। रात के वक़्त विशेष रूप से लोग समूह में इक्कठा होकर देवी माँ की उपासना करते हैं और उसके बाद डांडिया और गरबा खेलते हुए त्यौहार का आनंद लेते हैं। 

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दक्षिण भारत 

दक्षिण भारत के कुछ राज्यों, जैसे की कर्नाटका, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में बेहद ख़ास अंदाज में इस त्यौहार को मनाया जाता है। इन राज्यों में मुख्य रूप से मिट्टी की छोटी-छोटी मूर्तियां बनाकर उसे बेचा जाता है। इन मूर्तियों की ख़ास बात ये होती है कि ये सिर्फ देवी माँ की ही नहीं बल्कि किसी की भी बनायीं जा सकती है। दुर्गा पूजा के त्यौहार को यहाँ मुख्य रूप से बोम्बे हब्बा, गोलू और गुड़ियों के त्यौहार के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन यहाँ विशेष रूप से गणेश जी, सरस्वती माँ और देवी पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही साथ बनायीं गयी छोटी-छोटी मूर्तियों की भी पूजा की जाती है और आखिरी दिन उनका विसर्जन किया जाता है।