इसरो ने बुधवार को पृथ्वी की निचली कक्षा में रडार इमेजिंग सेटेलाइट ‘आरआईसैट-2 बी’ का सफल प्रक्षेपण किया है। अंतरिक्ष विज्ञान में यह भारत की बड़ी कामयाबी है। इस उपग्रह के द्वारा ख़राब मौसम में साफ तस्वीरें खींची जा सकेंगी। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के मुताबिक आरआईसैट-2 बी में उच्च तकनीकी के ख़ास एक्टिव सेंसर लगे हैं जिसकी मदद से देश की आंतरिक और बाह्य रूप से निगरानी की जा सकेगी। यह उपग्रह पाँच सालों तक काम करेगा। इस सेटेलाइट को पृथ्वी की लो ऑर्बिट में पीएसएलवी-सी46 के द्वारा भेजा गया है।
ट्वीट कर ISRO ने साझा की जानकारी
इसरो ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से फोटो के साथ इस बात को साझा किया है। इसरो के मुताबिक पीएसएलवी-सी46 रॉकेट के 48वें मिशन के जरिए बुधवार सुबह साढ़े पाँच बजे तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आरआईसैट-2बी को प्रक्षेपित किया गया। इस उपग्रह का भार 615 किलोग्राम है और इसे प्रक्षेपण के करीब 15 मिनट बाद पृथ्वी की निचली कक्षा में छोड़ा गया।
अब पड़ोसी देशों पर होगी भारत की पैनी नज़र
अपनी इस कामयाबी के बाद इसरो अंतरिक्ष में निगरानी सेटेलाइट की एक पूरी फौज को तैयार करेगा। इसके तहत वह आने वाले समय में आरआईसैट-2बीआर1, 2बीआर2, आरआईसैट-1ए, 1बी और 2ए समेत कई अन्य सैटेलाइट लॉन्च करेगा। हालाँकि इसरो ने साल 2009 और 2012 में इसी शृंखला के दो उपग्रह लॉन्च किए थे। अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तकनीक बहुत ही कम देशों के पास है। भारत इन सैटेलाइट्स की मदद से अपने पड़ोसी मुल्कों की निगरानी कर सकेगा, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से देश के लिए बेहद अहम है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन में यह सैटेलाइट भारत के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है।