ग्रहण योग 2023: हर बार की ही तरह एस्ट्रोसेज एक बार फिर एक महत्वपूर्ण घटना ग्रहण योग के बारे में आपको जानकार करने और इससे जरूरी बातें बताने के लिए ब्लॉग के माध्यम से आपके सामने पेश हैं। हम आपको हर महत्वपूर्ण ज्योतिषय घटना की सूचना या जानकारी पहले ही देने के लिए प्रयासरत हैं ताकि आप उस ज्योतिषीय घटना का अपने जीवन पर पड़ने वाले असर और उसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय पहले से कर सकें और इसके लिए तैयार रहें।
बात करें इस ब्लॉग की तो इसमें हमने आपको ग्रहण योग के बारे में बताया है। दरअसल अप्रैल के महीने में सूर्य का मेष राशि में गोचर होने जा रहा है जहां पहले से ही राहु मौजूद हैं। सूर्य और राहु की युति से बनने वाले ग्रहण योग के बारे में हम आपको बताएंगे।
दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी
14 अप्रैल, 2023 को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर सूर्य का मेष राशि में गोचर हो जाएगा। यहां पहले से ही राहु मौजूद हैं। ऐसे में मेष राशि में सूर्य और राहु की युति बनेगी। ज्योतिष के अनुसार जब भी सूर्य और राहु की युति होती है तो इससे ग्रहण योग का निर्माण होता है। ज्योतिष के अनुसार इस योग को अशुभ योग माना गया है। इस ब्लॉग के माध्यम से जान लेते हैं ग्रहण योग का सभी 12 राशियों पर क्या कुछ असर पड़ने की आशंका है।
कैसे बनता है ग्रहण योग – क्या होता है ग्रहण योग?
सभी बारह राशि पर इस योग का प्रभाव जानने से पहले आइए जान लेते हैं ग्रहण योग आखिर होता क्या है तो हिंदू वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि चंद्रमा या सूर्य राहु केतु की धुरी में कुंडली में मौजूद हो तो इसे ग्रहण योग माना जाता है। राहु और केतु को छाया ग्रह या अशुभ ग्रहों की श्रेणी दी गई है। कुंडली में बनने वाले ग्रहण योग के प्रभाव स्वरूप जातक के जीवन में तमाम तरह की परेशानी और दिक्कतें आने लगती है।
ऐसा माना जाता है कि जब सूर्य या चंद्रमा राहु या फिर केतु की धुरी पर मौजूद होता है तो इससे जातकों को मन की शांति नहीं मिलती और उनके जीवन में परेशानी आने लगती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
राहु केतु की सूर्य चंद्र से युति के चलते बनने वाले इस ग्रहण योग से जातक के जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती है। जैसे व्यक्ति का आत्मविश्वास कम होने लगता है, सोचने समझने की शक्ति कम होने लगती है, लोगों के आकलन करने की, या चीजों के प्रबंधन करने की क्षमता कम होने लगती है, साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
इसके साथ ही ऐसे जातकों के जीवन में मानसिक तनाव भी देखने को मिलते हैं, पढ़ाई में भी बाधा आने लगती है, माता-पिता से रिश्ते खराब होने लगते हैं, इसके अलावा इस ग्रहण योग के चलते जातक अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपना ध्यान एकाग्र करने में भी विफल होने लगते हैं।
पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट
ग्रहण योग का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहण योग मौजूद है तो इसके प्रभाव स्वरूप व्यक्ति के जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव आने की परिस्थिति बनने लगती है। ऐसे लोगों के जीवन में तनाव, झुंझलाहट, परेशानी भरे खयाल, निराशा, आदि आने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि इस ग्रहण योग के प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं जिसको करके आप इस नकारात्मक योग से बनने वाले दुष्प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं। क्या हैं वो उपाय यह जानने के लिए हमारा यह ब्लॉग अंत तक पढ़ें:
ग्रहण योग 2023: सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
मेष राशि
सूर्य मेष जातकों के पंचम भाव का शासक है और इस गोचर के दौरान आपके लग्न भाव में राहु के साथ मौजूद होने वाला है। इसके प्रभाव स्वरूप आपको अपने ख्यालों में स्पष्टता की कमी, झुंझलाहट, नींद ना आने की समस्या, आत्मविश्वास में कमी, जैसी परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। आप बाहर से तो आत्मविश्वास से भरे नजर आ सकते हैं लेकिन अंदर ही अंदर आपके बहुत कुछ चलता रहने वाला है। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि सूर्य आपके पंचम भाव पर शासन करता है ऐसे में आपको इस दौरान अपने बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान एकत्रित करने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा आपकी रचनात्मकता और आपके ख्याल पर भी ग्रहण योग का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
वृषभ राशि
सूर्य वृषभ राशि के जातकों के चतुर्थ भाव पर शासन करता है और इस दौरान आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहा है। ऐसे में यह ग्रहण योग आपके 12वें भाव में बनेगा जिसके फलस्वरूप आपके खर्चों में वृद्धि होने की प्रबल संभावना बनती नजर आ रही है। इसके अलावा आपका स्वभाव भी काफी मूडी रहने वाला है। आपकी माता जी के साथ आपके रिश्तो पर नकारात्मक असर पड़ेगा। सूर्य के पापी ग्रह के साथ युति के प्रभाव स्वरूप इस राशि के कुछ जातक किसी प्रकार के नशे की लत में भी शामिल हो सकते हैं।
मिथुन राशि
सूर्य मिथुन राशि के तीसरे भाव पर शासन करता है। इस गोचर के दौरान सूर्य आपके ग्यारहवें भाव में राहु के साथ विराजमान होकर ग्रहण योग का निर्माण करेगा। इस समय अवधि के दौरान आपके कार्यक्षेत्र में या फिर आपके भाई बहनों के बीच तनाव और परेशानियां बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा आपको इस अवधि में आंख, कान, बाजू, और गर्दन की परेशानियां भी हो सकती हैं। दर्द या फिर चोट की वजह से आपके जीवन में दिक्कतें बनी रहेंगी।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
कर्क राशि
सूर्य कर्क राशि के दूसरे भाव को नियंत्रित करता है और इस गोचर के दौरान आपके दसवें भाव में राहु के साथ मौजूद होगा। दसवें भाव में राहु और सूर्य की युति के प्रभाव स्वरूप आपकी सफलता के राह में ढेरों परेशानियां आने की आशंका है जिससे आपका पेशेवर जीवन परेशानियों भरा रहेगा। इसके अलावा कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ लोगों के साथ आपके झगड़े होने की भी आशंका है। इस दौरान आपके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा सकता है जिससे आपके करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
सिंह राशि
सूर्य सिंह राशि के प्रथम भाव या लग्न भाव का शासक है और इस गोचर के दौरान आपके नवम भाव में स्थित होगा। इस दौरान आपके पिता के साथ आपके रिश्ते या गुरु के साथ आपके रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। भाग्य आपका साथ नहीं देगा जिसकी वजह से आपको अपने कामों में रुकवटों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा काम के चक्कर में की गई यात्रा आपके लिए ज्यादा शुभ फल लेकर नहीं आएगी।
कन्या राशि
सूर्य आपके 12वें भाव पर शासन करता है और इस गोचर के दौरान आपके आठवें भाव में प्रवेश करेगा। ग्रहण योग क्योंकि आपके आठवें भाव में बन रहा है ऐसे में इस दौरान आपके जीवन में तमाम परेशानियां, नकारात्मक चीजें होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा आपके वैवाहिक जीवन और आपकी निजी जीवन पर भी इस ग्रहण का खासा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती है क्योंकि कुंडली का आठवां भाव मारक भाव कहलाता है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
तुला राशि
सूर्य आपके ग्यारहवें भाव का शासक है और इस गोचर के दौरान आपके सातवें भाव जिसको विवाह और कानूनी साझेदारी का भाव कहा जाता है उसमें राहु के साथ युति करके ग्रहण योग का निर्माण करेगा। यह योग सातवें भाव में होने की वजह से आपके वैवाहिक जीवन में परेशानी आने की आशंका है। आपके जीवनसाथी से आपका अलगाव हो सकता है। यह अलगाव स्थायी भी हो सकता है या फिर कुछ समय के लिए भी हो सकता है यह पूरी तरह से कुंडली में मंगल और सूर्य की स्थिति पर निर्भर करता है। अगर अलगाव नहीं भी होता है तो इस दौरान आपके रिश्ते पर इसका नकारात्मक असर तो पड़ेगा ही। इसके अलावा व्यापार में भी घाटा होने के योग बन रहे हैं।
वृश्चिक राशि
सूर्य आपके दशम भाव पर शासन करता है और इस गोचर के दौरान आपके छठे भाव में राहु के साथ मौजूद होगा। ग्रहण योग आपके छठे भाव में बनने जा रहा है। ऐसे में इस दौरान आपके जीवन में कानूनी संबंधों से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। अगर आप किसी कानूनी विवाद में फंसे हुए हैं तो यह समय आपके लिए ज्यादा शुभ नहीं कहा जा सकता है। अगर आप पेशे से वकील या जज हैं तो आपके लिए यह समय करियर के लिहाज से बेहद ही प्रतिकूल रहने वाला है। इस दौरान किसी भी तरह का निवेश करने से बचें या फिर कोई बड़ा कर्ज लेने से बचें।
धनु राशि
सूर्य आपके नवम भाव पर शासन करता है और इस गोचर के दौरान आपके पंचम भाव जिसको संतान और शिक्षा का भाव कहा जाता है वहां गोचर कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में आ रही बाधा इस दौरान आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। अगर आप किसी परीक्षा के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो मुमकिन है कि यह आपके पक्ष में ना आए। इसके अलावा पढ़ाई से जुड़ी रुकावट आने की प्रबल आशंका है। इस राशि के जो लोग कलात्मक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें भी इस दौरान तमाम परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
मकर राशि
सूर्य आपके आठवें भाव पर शासन करता है और इस गोचर के दौरान आपके चतुर्थ भाव में मौजूद होगा। ग्रहण योग क्योंकि चौथे भाव जिससे सुख सुविधा और खुशियों का भाव माना जाता है वहां पर बन रहा है ऐसे में इस दौरान पारिवारिक मुद्दों से जुड़ी परेशानियां आपके जीवन में दस्तक दे सकती हैं। इस दौरान आपकी माँ के साथ आपके रिश्ते खराब होने की पूरी पूरी आशंका है। साथ ही भौतिक सुख में भी कमी आ सकती है। इस दौरान आपके प्रियजनों के साथ टकराव या फिर अलगाव की भी परिस्थिति बन सकती हैं। इस दौरान आपको दिल से संबंधित परेशानियों का सामना करने की आशंका है।
कुंभ राशि
सूर्य आपके सप्तम भाव पर शासन करता है और इस गोचर के दौरान आपके तृतीय भाव में रहेगा। इस दौरान आपके और आपके जीवनसाथी के बीच तलाक होने की संभावना बेहद बढ़ जाती है। इसके अलावा आप बहुत ही सुस्त महसूस करेंगे और आपको दिल से संबंधित कुछ परेशानियां भी होने की आशंका बन रही है। इसके अलावा इस दौरान आपके साहस में कमी देखने को मिलेगी और आप किसी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना करने में कतरा सकते हैं। आपकी वाणी से लोग आहत हो सकते हैं। ऐसे में बातचीत करते समय अपनी वाणी को नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है।
मीन राशि
सूर्य आपके छठे भाव पर शासन करता है और ग्रहण के दौरान राहु के साथ आपके द्वितीय भाव में रहने वाला है। द्वितीय भाव कमाई और परिवार का भाव होता है। ऐसे में इस दौरान आप आय में स्थिरता की परेशानी से जूझ सकते हैं। साथ ही आपकी बचत पर भी ग्रहण योग का अशुभ प्रभाव पड़ने की संभावना है। आर्थिक रूप से तमाम परेशानियां आपके जीवन में स्थान ले सकती हैं। अगर आप किसी फॅमिली व्यवसाय में जुड़े हुए हैं तो इस दौरान कोई बड़ा घाटा होने के योग बन रहे हैं।
ग्रहण योग के नकारात्मक प्रभाव से बचाएंगे यह ज्योतिषीय उपाय
- रोज सुबह 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
- प्रतिदिन सुबह तांबे के बर्तन में जल लेकर इसमें चुटकी भर सिंदूर मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- रोजाना विष्णु भगवान की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जप करें।
- तांबे के गिलास में पानी पिएँ और मुमकिन हो तो इसमें थोड़ा सा गुड अवश्य डाल लें।
- रोजाना आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!