नवरात्रि तीसरा दिन: नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा का विधान बताया गया है। माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा नजर आता है और यही वजह है कि इन देवी का नाम चंद्रघंटा पड़ा। कहते हैं माँ की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से भय, नकारात्मकता, असफलता, आदि का अंत होने लगता है।
स्वरूप की बात करें तो माता का शरीर सोने की तरह चमकीला है और माँ की दस भुजाएँ हैं। चार भुजाओं में उन्होंने त्रिशूल, गदा, तलवार, और कमंडल धारण किया हुआ है पांचवा हाथ वरद मुद्रा में है और माँ की अन्य चार भुजाओं में कमल, तीर, धनुष और जपमाला है और पाँचवाँ हाथ अभय मुद्रा में है।
आइए अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं नवरात्रि के तीसरे दिन की सही पूजन विधि, मंत्र, और इस दिन किए जाने वाले कुछ उपाय।
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चैत्र नवरात्रि तीसरे दिन का महत्व
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सौम्यता और शांति बनी रहती है। साथ ही माँ चंद्रघंटा अपने भक्तों के कष्टों का जल्द से जल्द निवारण भी करती हैं। देखा जाए तो क्योंकि माँ का वाहन सिंह है इसीलिए कहा जाता है कि जो कोई भी जातक माँ की सही विधि और निष्ठा के साथ पूजा करता है वह सिंह की ही तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है।
इसके अलावा प्रेत बाधा से भी माता अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। चंद्रघंटा देवी की पूजा करने से बेहद कम समय के अंदर उनके जातक शांति का अनुभव करने लगते हैं और उनके जीवन में सफलता आने लगती है।
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चैत्र नवरात्रि 2023- तीसरे दिन की सही पूजन विधि
- देवी चंद्रघंटा को लाल रंग बेहद प्रिय है ऐसे में इस दिन की पूजा करते समय लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा में लाल रंग के फूल, रक्त चंदन, और चुनरी अवश्य चढ़ाएं।
- माँ को चमेली का फूल अर्पित करें।
- कहा जाता है चमेली का फूल माँ को अति प्रिय होता है।
- इसके अलावा माँ चंद्रघंटा की पूजा में दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएं।
- दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय का पाठ करें।
- दुर्गा चालीसा पढ़ें।
- आरती करें और अपनी मनोकामना देवी से कहें।
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माँ चंद्रघण्टा के मंत्र –
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
ध्यान मंत्र:
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥
मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खंग, गदा, त्रिशूल,चापशर,पदम कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर हार केयूर,किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥
प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुगं कुचाम्।
कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥
नवरात्रि तीसरे दिन के महा उपाय
- नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा में लाल रंग के फूल और लाल वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद नर्वाण मंत्र का जप करें। जप के बाद लाल वस्त्र को अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन संपदा बनी रहती है।
- जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित दोष हो उन्हें नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से शुक्र ग्रह से संबंधित दोष भी दूर होते हैं। साथ ही शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
- सुख समृद्धि के लिए माँ चंद्रघंटा की विधिवत पूजा करें।
- इसके अलावा यदि संतान प्राप्ति की इच्छा हो या अपनी संतान को निडर और सफल बनाना हो तो भी माँ चंद्रघंटा की पूजा अवश्य करें।
- नवरात्रि के तीसरे दिन लाल फूल, एक तांबे का सिक्का, और तांबे की कोई भी वस्तु, माँ को अर्पित करें। पूजा के बाद सिक्का अपने पर्स में रख लें या फिर से गले में धारण करने से माँ की कृपा आपके जीवन में हमेशा बनी रहेगी।
- हलवा, सूखे मेवे, माँ को भोग के रूप में अर्पित करें।
- कर्ज़ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का माँ चंद्रघंटा के समक्ष 51 बार जप करें।
- नौकरी में सफलता, आर्थिक समृद्धि के लिए माँ को कमल की माला चढ़ाएं।
- इसके अलावा आर्थिक संपन्नता के लिए नवरात्रि के तीसरे दिन केले के पेड़ की जड़ में रोली, चावल, फूल आदि अवश्य अर्पित करें।
नवरात्रि तीसरे दिन और रंग बात करें रंगों की तो नवरात्रि के तीसरे दिन हरे रंग के वस्त्रों का अलग महत्व बताया गया है। इसमें आप चाहे तो इस दिन की पूजा करते समय हरे रंग के वस्त्र धारण करें। बात करें हरे रंग के महत्व की तो हरा रंग नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इसके अलावा हरा रंग प्रकृति का भी रंग होता है।
इसके अलावा चूंकि यह दिन बृहस्पति ग्रह से भी संबंधित है ऐसे में बृहस्पति ग्रह शांति पूजा के लिए भी यह दिन सर्वोत्तम है। ऐस्ट्रोसेज की घर बैठे पूजा करवाने की सुविधा का लाभ उठाते हुए आप अपने घर बैठे देश के विद्वान ज्योतिषी द्वारा बृहस्पति ग्रह शांति पूजा करवा कर इसका लाभ उठा सकते हैं। इस दिन के भोग की बात करें तो, नवरात्रि के तीसरे दिन दूध या फिर दूध से बनी हुई कोई भी मिठाई या फिर खीर का भोग लगाएं और फिर पूजा के बाद इसे ब्राह्मण को दान अवश्य करें। कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से हर तरह के कष्टों का निवारण होता है।
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