वृषभ राशि में बुध अस्त: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क का कारक ग्रह माना जाता है। जब व्यक्ति की कुंडली में बुध शक्तिशाली होता है तो व्यक्ति को तीक्ष्ण बुद्धि, बुद्धि, शरीर की अच्छी सेहत और जीवन में संतुष्टि मिलती है। मजबूत बुध के प्रभाव स्वरूप व्यापार और नौकरी में व्यक्ति को अच्छी सफलता मिलती है।
वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में बुध राहु– केतु या मंगल के साथ मौजूद होता है ऐसे लोगों को इसका नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। अब यही महत्वपूर्ण ग्रह 2 जून 2024 को वृषभ राशि में अस्त होने जा रहा है।
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वृषभ राशि में बुध के अस्त होने के प्रभाव स्वरूप जीवन में आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव की वृद्धि होने की आशंका है। कई राशियों पर करियर और सेहत के संदर्भ में भी असर देखने को मिलेगा। बुध अस्त के इस समय अवधि में कई राशियों को करियर और सेहत के संदर्भ में भी प्रतिकूल परिणाम उठाने पड़ सकते हैं। अपने खास ब्लॉग में हम बुध के बारे में बात करेंगे जानेंगे इसका समय और दिन क्या रहने वाला है। साथ ही जानेंगे सभी 12 राशियों पर इसका क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है।
अस्त बुध- क्या रहेगा समय?
समय की बात करें तो बुध 2 जून को 18:10 पर वृषभ राशि में अस्त होने वाला है। इसके बाद 14 जून को बुध का मिथुन राशि में अस्त अवस्था में ही गोचर हो जाएगा और फिर 27 जून को बुध मिथुन राशि में अस्त अवस्था से निकलकर उदित अवस्था में आ जाएंगे।
अस्त बुध के प्रभाव
ज्योतिष में विचार और वाणिज्य का ग्रह माने जाने वाला बुध ग्रह 2 जून से 27 जून तक सूर्य के बेहद ही निकट मौजूद होने वाला है। ज्योतिष में इसे ही ग्रहों का अस्त होना कहते हैं। दरअसल जब भी कोई ग्रह सूर्य के बेहद ही निकट पहुंच जाता है तो वह धीरे-धीरे अपनी शक्तियां खोने लगता है और इसे ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है।
बुध के अस्त होने के प्रभाव से जातकों को निर्णय लेने और सोच समझकर कोई भी काम करने में परेशानियां उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा शैक्षणिक और व्यावसायिक समय सीमाएं भी तनावपूर्ण हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में मुमकिन है कि कुछ जातक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ना दिखा पाएँ। साथ ही ध्यान केंद्रित करने में भी लोगों को परेशानियां उठानी पड़ सकती है। लोग चिंता और ज्यादा सोच में फंसे नजर आ सकते हैं।
क्या यह जानते हैं आप? अलग-अलग ग्रहों के लिए सूर्य के करीब होने की अलग-अलग डिग्रियां निर्धारित होती है और उसी स्थिति में ही वह अस्त माने जाते हैं। बात करें बुध की तो अगर बुध सूर्य के दोनों तरफ 14 डिग्री के भीतर आता है तो वह अस्त कहलाता है। यह उसी स्थिति में सटीक बैठता है जब बुध मार्गी गति में होता है अगर बुध वक्री गति में है तो इसे सूर्य के 12 डिग्री के भीतर आना होता है और तब यह अस्त माना जाता है।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि बुध ग्रह हमारी संचारक क्षमताओं को नियंत्रित करता है इसीलिए अस्त बुध व्यक्ति को अपने विचारों को व्यवस्थित करने या किसी व्यावसायिक सौदे पर प्रभावी ढंग से बातचीत करने में कठिनाइयां देता है। इसके अलावा बुध के अस्त होने की अधिक संभावना रहती है क्योंकि यह सबसे छोटा और सूर्य के सबसे करीब मौजूद ग्रह है। बुध की अस्त अवस्था बहुत ही आम होती है। बुध और सूर्य की युति से सबसे शुभ योग बुधादित्य योग का निर्माण होता है। हालांकि यह संयोजन बहुत अधिक निकट नहीं होना चाहिए अन्यथा इसके फल अनुकूल नहीं मिलते हैं।
वृषभ राशि में अस्त बुध- प्रभाव
जब बुध वृषभ राशि में अस्त होता है तो इसे कुछ ज्योतिषों के अनुसार बुध के लिए एक कठिन स्थान माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति के अंदर ज़िद्द और अनुकूलन क्षमता की कमी देखने को मिल सकती है। व्यक्ति खुद को प्रभावी ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते हैं, नई चीज़ सीखने में उन्हें परेशानियां उठानी पड़ सकती है आदि।
वहीं दूसरी तरफ वृषभ राशि में अस्त बुध के सकारात्मक पक्ष देखे जाएँ तो ये प्लेसमेंट उच्च रचनात्मकता को प्रोत्साहित कर सकता है और समस्या समाधान के लिए ज्यादा मजबूत दृष्टिकोण विकसित करने में भी मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा बुध के वृषभ राशि में अस्त होने के दौरान जीवन में स्थिरता और सुरक्षा के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह अनुकूल समय साबित होता है।
ज्योतिष में वृषभ राशि
ज्योतिष के अनुसार वृषभ एक स्त्री राशि मानी गई है। माना जाता है कि इस राशि के जातक सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। जब बुध वृषभ राशि में अस्त होता है तो व्यक्ति अपने लक्ष्यों को ज्यादा कुशल तरीके से प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों की योजना बनाते हैं। इस दौरान व्यक्ति अपने सपनों के प्रति ज्यादा समर्पित और अपने प्रियजनों के प्रति ज्यादा वफादार महसूस करते हैं।
बुध अस्त का ये चरण किसी भी नई परियोजना को शुरू करने के लिए अच्छा समय नहीं माना जाता है क्योंकि मुमकिन है कि इस दौरान अगर हम कोई काम शुरू करते हैं तो उससे हमें वांछित परिणाम ना मिले और इसके बदले हमें इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर आप अस्त बुध का अपने जीवन पर व्यक्तिगत और सटीक प्रभाव जानना चाहते हैं तो आप हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी फोन या चैट के माध्यम से जुड़कर इस बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
बुध वृषभ राशि में अस्त- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और अब आपके दूसरे घर में अस्त…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें घर का स्वामी है और अब प्रथम…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ भाव का स्वामी है। बुध वृषभ राशि…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी है। दसवें घर में बुध …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है और नवम भाव में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें घर का स्वामी है और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके सप्तम…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और आपके छठे घर में अस्त…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके पांचवे घर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके चतुर्थ भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके तीसरे …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर: अस्त ग्रह अपनी शक्ति खो देते हैं और कमजोर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में जातक को उस विशेष ग्रह के गुणों में कमजोरी उठानी पड़ती है।
उत्तर: जब कोई ग्रह सूर्य के करीब आता है और कमजोर हो जाता है तो इसे अस्त होना कहा जाता है।
उत्तर: जब बुध ग्रह अस्त होता है तो व्यक्ति को महत्वपूर्ण फैसले लेने में दुविधा, चिंता की परेशानी, मानसिक परेशानियां आदि उठानी पड़ सकती हैं।