जानें कौन थी भगवान शिव की बहन?

भगवान शिव और उनके परिवार से भला कौन परिचित नहीं है। भगवान शिव से जुड़े कई रहस्य और कथाएं हम अक्सर सुनते रहते हैं। शिव परिवार का नाम कानों तक पहुंचते ही भगवान गणेश, कार्तिकेय और माता पार्वती का ध्यान आता है, लेकिन क्या आपको पता है कि शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की एक बहन भी थीं। आप में से बहुत से लोग अभी तक इस बात से अनभिज्ञ हैं। भगवान शिव की बहन के बारे में धर्म गंर्थों में ज्यादा नहीं बताया गया है। तो अब यह सवाल उठता है कि जब शिव अजन्में हैं, यानि उनका जन्म ही नहीं हुआ था, तब उनकी बहन कहां से आईं। तो चलिए आज हम आपको अपने इस लेख के द्वारा भगवान शिव की बहन के बारे में बताते हैं।

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कौन थी भगवान शिव की बहन?

भगवान शिव की पत्नी और बच्चों के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन उनकी एक बहन भी थी, जिनका नाम था “असावरी देवी” अब आप सोच रहे होंगे कि जब खुद शिव का जन्म नहीं हुआ था तो उनकी बहन कहाँ से आयी। पौराणिक कथा के मुताबिक, जब माता पार्वती शंकर भगवान से विवाह के बाद कैलाश पर्वत आईं थीं, तब उन्हें बहुत अकेलापन महसूस हुआ। पार्वती माता को उनका अकेलापन बहुत परेशान करता था,  लेकिन उन्होंने भगवान शिव को कुछ नहीं बताया किंतु शिव तो अन्तर्यामी हैं, उन्होंने माता पार्वती के मन की बात समझ ली। उन्होंने देवी पार्वती से पूछा कि क्या आपको कोई समस्या है? शिव के पूछने पर माता पार्वती ने कहा कि काश उनकी भी कोई ननद होती, जिससे वो बातें करती और उनका मन लगा रहता।  

माता पार्वती कि इच्छा जानने के बाद शिव जी ने अपनी माया से एक देवी को उत्पन्न किया। उनका रूप बहुत विचित्र था, वो बेहद मोटी थीं और उनके पैरों में बड़ी-बड़ी दरारें भी थीशिव ने उनका नाम रखा “असावरी देवी। 

कैसे थे देवी पार्वती के ननद से संबंध?

देवी पार्वती अपनी ननद “असावरी देवी” को देखकर बड़ी खुश हुई। पार्वती ने असावरी देवी को स्नान करवाया और भोजन परोस कर दिया। जब असावरी देवी ने खाना शुरू किया तो माता पार्वती के सारे अन्न भंडार खाली हो गए।  इससे माता पार्वती बहुत दुखी हुई। इसके बाद ननद रानी ने अपनी भाभी के साथ मज़ाक करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने पैरों की दरारों में मात पार्वती को छिपा लियाजब महादेव माता पार्वती को खोजते हुए आए तो असावरी देवी ने ज़ोर से पैर पटककर उन्हें बाहर निकाला इस घटना से माता पार्वती बेहद नाराज़ हुई। उन्होंने शिव जी से बोला कि कृपया आप असावरी देवी को ससुराल भेज दो। भोलेनाथ को समझ आ गया कि भाभी और ननद की आपस में नहींं पटने वाली है। इसके पश्चात भगवान शिव ने असावरी देवी को कैलाश पर्वत से विदा कर दिया।

तब से लेकर आज तक ननद-भाभी की नोकझोक का यह सिलसिला चला आ रहा है।