एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बृहस्पति मेष राशि में वक्री के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे।
बृहस्पति राशि बदलने में लगभग 13 महीने का लंबा समय लगाते हैं और इस वजह से ज्योतिष में शनि के बाद बृहस्पति ऐसा ग्रह है जो राशि में परिवर्तन करने में लंबा समय लगाते हैं। बृहस्पति का गोचर प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा देश-दुनिया में भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। इस बार बृहस्पति मेष राशि में वक्री हो रहे है जो कि मंगल की मूल त्रिकोण राशि है। बृहस्पति मंगल के मित्र ग्रह हैं और दोनों अग्नि तत्व की राशि है इसलिए बृहस्पति मेष राशि में काफी आरामदायक स्थिति में रहते हैं और अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं।
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बृहस्पति ग्रह हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक है। इन्हें ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे शुभ माना जाता है। बृहस्पति ग्रह को ‘राजा का मंत्री’ भी कहा जाता है और यह ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह महिला की कुंडली में “पति” के कारक हैं और किसी भी व्यक्ति की कुंडली में संतान और परिवार के कारक भी हैं। इन्हें धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। यह व्यक्ति की जन्म कुंडली में शिक्षा के भी कारक हैं। इनका धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व हैं। बता दें कि बृहस्पति 4 सितंबर की शाम 4 बजकर 58 मिनट पर मेष राशि में वक्री होंगे। आइए, अब जानते हैं बृहस्पति मेष राशि में वक्री देश-दुनिया व शेयर बाजार पर क्या प्रभाव डालेंगे लेकिन इससे पहले जानेंगे मेष राशि में बृहस्पति का महत्व।
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मेष राशि में बृहस्पति का प्रभाव
मेष राशि में बृहस्पति के प्रभाव से जातक का भविष्य उज्जवल होता है और ये लोग आगे बढ़ते रहना चाहते हैं। इन्हें यात्रा करना पसंद होता है और यात्रा में आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्सुक होते हैं व रोमांचक अवसरों का भरपूर आनंद लेते हैं। इन्हें नई चीज़ों को अपनाना पसंद होता है। इनका स्वभाव साहसी होता है और ये आत्मनिर्भर होते हैं। इसके अलावा, इनके आत्मविश्वास का स्तर काफ़ी ऊंचा रहता है। साथ ही, इनके अंदर नेतृत्व करने का गुण मौजूद होता है और इस मामले में दूसरों को भी इनसे प्रेरणा मिलती है।
ये लोग नई चीज़ों का अनुभव करने से पीछे नहीं हटते हैं। ये लोग ज्ञानी होते हैं और हर चीज़ के बारे में जानने को लेकर उत्सुक रहते हैं। साथ ही, सकारात्मक विचारों वाले होते हैं। यदि जातक के जन्म के समय बृहस्पति मेष राशि में स्थित हो, तो ऐसे व्यक्ति स्वभाव में तर्कशील होते हैं और तार्किक होकर हर कार्य को करते हैं। इनके आर्थिक जीवन की बात करें तो ये आर्थिक रूप से बेहद मजबूत होते हैं और इनके पास ढेर सारा धन और आभूषण होता है। इन जातकों की ख़ास बात यह है कि जीवन में सर्वश्रेष्ठ हासिल करने के लिए पूरी कोशिश करते हैं और इनकी कोशिश कामयाब भी होती है।
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बृहस्पति मेष राशि में वक्री: वैश्विक स्तर पर प्रभाव
आध्यात्मिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में
- भारत में लोगों का झुकाव धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ बढ़ेगा क्योंकि बृहस्पति के वक्री होने से इन जातकों के अंदर अध्यात्म को खोजने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
- इस गोचर के दौरान आध्यात्मिक ग्रंथों की खोज में भारत में आने वाले विदेशी टूरिस्ट की संख्या में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
- तेल, घी, दूध और अन्य डेयरी उत्पादों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
- पूजा-पाठ में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें जैसे अगरबत्ती, फूल आदि चीजों के निर्यात में कमी देखने को मिल सकती है।
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सरकारी क्षेत्रों में
- मंत्री और सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोग देश और दुनिया की मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न नीतियों में कुछ अहम बदलाव करते हुए नज़र आ सकते हैं।
- मंत्री और अधिकारी यदि सार्वजनिक रूप से सोच विचार कर नहीं बोलेंगे तो मुसीबत में पड़ सकते हैं क्योंकि जनता उनके बयानों पर सवालों पर सवाल खड़े कर सकती है।
- दुनिया भर में स्वास्थ्य से संबंधित क्षेत्रों में खामियों पर नज़र रखी जाएगी और उनसे निपटने की तैयारी की जाएगी।
शिक्षा एवं अन्य संबंधित क्षेत्रों में
- बृहस्पति का वक्री शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों जैसे काउंसलर, शिक्षक, अनुदेशक, प्रोफेसर के लिए अनुकूल प्रतीत हो रहा है लेकिन कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- इस वक्री काल के दौरान लेखकों और फिलॉस्फर लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति देखने को मिल सकती है।
- यह अवधि विश्व भर के रिसर्चर्स, सरकार के सलाहकार और साइंटिस्ट के लिए फलदायी साबित होगी। ये लोग विभिन्न समस्याओं का पता लगाने व इसका समाधान ढूंढने में सक्षम होंगे और साथ ही, इन क्षेत्रों में इनका दृष्टिकोण दूसरों से अलग होगा।
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बृहस्पति मेष राशि में वक्री: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
बृहस्पति ग्रह 04 सितंबर, 2023 को मेष राशि में वक्री हो रहे हैं और ऐसे में, इसका प्रभाव शेयर बाजार में देखने को मिलेगा। आइए देखते हैं कि बृहस्पति मेष राशि में वक्री काल के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2023 के अनुसार,
- बृहस्पति मेष राशि में वक्री काल के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, पब्लिक सेक्टर, अंडर टेकिंग, हीरा उद्योग, ओइल मिल्स, डेयरी प्रोडक्ट, फूड प्रोडेक्ट आदि क्षेत्रों तेज़ी का रुख हो सकता है
- इसके अलावा, हाउसिंग उद्योग, केमिकल एवं फर्टिलाइजर इंडस्ट्रीज़, चाय उद्योग, कॉफ़ी उद्योग, मोटर कार कंपनी, बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंस कंपनी, रबर इंडस्ट्रीज़ में इस अवधि सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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