सुप्रिया कंडवाल

लिखना पेशा नहीं शौक़ है। जो देखती हूं, महसूस करती हूं, सीखती हूं उन विचारों को कलम के जरिए शब्दों में पिरोती हूं। यकीनन ऐसे ही किसी आर्टिकल को पढ़कर आप मेरे बायो तक एक क्लिक से पहुंचे हैं I पढ़ाई-लिखाई दिल्ली में हुई लेकिन जड़े उत्तराखंड में है। इसलिए नदी, बारिश, पहाड़, देवी-देवाताओं का अक्स अक्सर लिखे हुए में आप पा ही जाएंगे।  बाकी प्रोफेशनली एस्ट्रोसेज के साथ जुड़कर जीवन के नए पहलुओं का अनुभव कर रही हूँ I मुझे उम्मीद है कि मैं अपने आसपास की हर चीज से ऐसे ही नए अनुभव प्राप्त करती रहूंगी और अपने उन अनुभवों को आप सभी पाठकों के साथ यथासंभव साझा करती रहूंगी I मेरे द्वारा लिखे गए लेखों को पढ़ने और उन्हें पसंद करने के लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद I