प्रत्येक व्यक्ति का अपना व्यक्तित्व होता है और अपने व्यक्तित्व के कारण ही वह समाज में पहचाना जाता है। इसलिए ज़रुरी है कि मनुष्य को स्वयं के विकास के लिए अपनी पर्सनाल्टी को विकसित करना चाहिए। यदि किसी मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास रुक जाए तो वह समाज में पिछड़ जाएगा। पर्सनाल्टी डेवलेपमेंट के महत्व को हम कुछ इस तरह से भी समझ सकते हैं। जैसे ठहरा पानी सड़ने लगता है वैसे ही यदि किसी व्यक्ति के गुणों का विकास रुक जाए तो वह इस भागदौड़ भरी दुनिया में पीछे रह जाएगा। इसलिए मनुष्य के विकास हेतु उसके गुणों की उन्नति सतत होती रहनी चाहिए।
व्यक्तित्व विकास के महत्व को देखते हुए आज कई संस्थाएँ ऐसी हैं जो अपने यहाँ इसके लिए बाक़ायदा हज़ारों-लाखों रूपये लेकर पर्सनाल्टी डेवलेपमेंट का कोर्स कराती हैं। लेकिन हम यहां आपको व्यक्तित्व विकास के 10 ऐसे टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने व्यक्तित्व को और भी ऊँचा करने में सफल होंगे। हालांकि इससे पहले हम यह समझते हैं कि व्यक्तित्व विकास क्या है और इसके मायने क्या हैं?
व्यक्तित्व विकास क्या है और यह क्यों ज़रुरी है?
व्यक्ति के गुणों का विकास ही व्यक्तित्व विकास कहलाता है। कई बार लोगों के ये गुण आनुवंशिक होते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने गुणों का विकास करते हैं और अपने गुणों के विकास से ही वे कामयाबी की मंज़िल को प्राप्त करते हैं। आज के युग में सफलता का मूल मंत्र यदि कोई है तो वह है आपका आकर्षक और प्रभावी व्यक्तित्व। यदि कोई व्यक्ति आत्मविश्वास, ज़बरदस्त संवादशैली, गुड लुक्स, ज्ञान से धनी हो तो वह सफल व्यक्तियों में गिना जाता है और यह केवल व्यक्तित्व विकास से ही संभव है।
व्यक्तित्व विकास के 10 मंत्र
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आत्मविश्वास को बढ़ाएँ
व्यक्ति के लिए आत्मविश्वास ऐसी शक्त्ति है जिसकी सहायता से वह बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना डटकर कर सकता है इसलिए प्रत्येक क्षेत्र में जीत के लिए आत्मविश्वास में वृद्धि करना आवश्यक है। आत्मविश्वास आपको निडर बनाएगा। इससे आपकी छवि में सकारात्मक परिवर्तन होगा, जो आपके व्यक्तित्व विकास का प्रतीक है।
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सकारात्मक सोच रखें
सकारात्मक सोच आपको प्रगति के मार्ग पर सदैव आगे बढ़ाएगी। किसी कार्य से पहले उसके नकारात्मक पक्ष की बजाय सकारात्मक पहलू पर ग़ौर करें, निश्चित ही ऐसा करने से आप ख़ुद को दूसरों से बेहतर स्थिति में पाएंगे। ध्यान रखें, निराश व्यक्ति जीवन में दोषारोपण के सिवाय और कुछ नहीं कर पाते हैं।
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चेहरे के भाव को नियंत्रित रखें
चेहरे के भाव से तात्पर्य यह है कि जब आप किसी के साथ भेंटवार्ता करें तो हमेशा आपके मुख पर मुस्कान झलकनी चाहिए। भले ही उस समय आपका मूड ख़राब क्यों न हो, लेकिन आपको उसे ज़ाहिर नहीं करना है। यदि आप अपने भावों पर नियंत्रण रख पाने में सफल होते हैं तो इससे आप दूसरों पर अपनी छाप छोड़ पाने में कामयाब रहेंगे।
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अध्ययन की आदत बनाएँ
पढ़ने की आदत बनाएँ। ऐसा करने से आपका ज्ञान तो बढ़ेगा ही, साथ ही साथ आपकी संवादशैली भी प्रभावी होगी। ज्ञान और कुशल संवाद आपके व्यक्तित्व को ऊँचा करता है। यदि आपके पास ज्ञान है तो निश्चित ही आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। अखबार, पत्रिका एवं अन्य प्रकार के साहित्य का अध्ययन करें।
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शारीरिक भाषा पर काम करें
व्यक्ति के उठने, बैठने, चलने और अन्य प्रकार की शारीरिक भाषा से उसके व्यक्तित्व का पता चलता है। इसलिए इस दिशा में आपको काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज़ का अवलोकन करना होगा और अपनी त्रुटियों को सुधारना होगा।
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सुनने की आदत डालें
कई बार ऐसा होता है कि हम दूसरे लोगों की आधी-अधूरी बात सुनकर या किसी की बात को बीच में ही काटकर ख़ुद बोलने लगते हैं। ऐसा करना सभ्य तरीक़ा नहीं है, लिहाज़ा हमें दूसरों को सुनना चाहिए। ऐसा कहते हैं कि अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता होना आवश्यक है।
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अपने विचार को रखें
अपने कार्यक्षेत्र और परिवार में अपने विचारों को अवश्य रखें। इसमें यह न सोचें कि आपके दृष्टिकोण को परिवार या संस्थान में समझा जाएगा या नहीं। ऐसा करने से आपकी भागीदारी सुनिश्चित होगी और आज नहीं तो कल आपके विचारों को भी अवश्य ही महत्व दिया जाएगा।
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अपनी प्रतिभा का विकास करें
यदि आपके अंदर कोई टैलेंट हैं तो उसका विकास अवश्य करें। जब कोई व्यक्ति अपनी प्रतिभा को अपना प्रोफेशन बनाता है तो वह उसमें बहुत सफल होता है। फिर चाहें वह नृत्य, गायन, या अन्य कला अथवा खेल क्यों न हो। ऐसे कई उदाहरण आपको देखने को मिलेंगे।
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अहंकार का त्याग करें
कहते हैं रावण को अपने ज्ञान पर अहंकार हो गया था और यही अहंकार उसके पतन का कारण बना था। अहंकार व्यक्ति को नकारात्मक बनाता है। इसलिए यह आपके व्यक्तित्व विकास का सबसे बड़ा बाधक है। यदि आपके अंदर अहंकार है तो आपके सीखने की शक्ति क्षीण हो जाएगी।
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बाहरी व्यक्तित्व को आकर्षक बनाएँ
आपका बाहरी व्यक्तित्व दूसरों के समक्ष पहला प्रभाव होता है। इसमें लोग आपकी शारीरिक बनावट, आपकी ड्रेसिंग सेंस आदि पर ग़ौर करते हैं। इसलिए परिस्थिति के अनुसार ही वस्त्र धारण करें और आकर्षक बॉडी बनाने के लिए आप जिम, योग, प्राणायाम व्यायाम आदि का सहारा ले सकते हैं।