28 अप्रैल से वैशाख माह प्रारंभ हो चुका है। इस महीने पड़ने वाला पहला प्रदोष व्रत 8 मई शनिवार के दिन किया जाएगा। शनिवार के दिन पड़ने की वजह से प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत की बात करें तो, प्रत्येक माह में भगवान शिव को समर्पित यह व्रत बेहद ही फलदाई माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की विधिवत पूजा का विधान बताया गया है। इसके अलावा जानकारी के लिए हम आपको यह भी बता दें कि, प्रत्येक माह में दो प्रदोष व्रत किए जाते हैं।
इस विशेष आर्टिकल में हम बात करेंगे वैशाख माह में पड़ने वाले पहले प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त की और इस व्रत से मिलने वाले फल के बारे में।
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प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल यानी कि संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले आरंभ करने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है इस दौरान यदि प्रदोष व्रत की पूजा की जाए तो व्यक्ति के जीवन में इस व्रत और पूजा का प्रभाव हमेशा हमेशा के लिए बना रहता है।
वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी प्रदोष व्रत
वैशाख त्रयोदशी तिथि आरंभ- 08 मई 2021 शाम 05 बजकर 20 मिनट से
वैशाख त्रयोदशी तिथि समाप्त- 09 मई 2021 शाम 07 बजकर 30 मिनट पर
पूजा समय- 08 मई शाम 07 बजकर रात 09 बजकर 07 मिनट तक
पूजा की कुल अवधि 02 घण्टे 07 मिनट रहेगी।
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए प्रदोष व्रत 08 मई को किया जाएगा।
शनि प्रदोष व्रत का महत्व
वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत होने वाला है। इस दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है जो कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है उसके जीवन से शनिदेव के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। इसके अलावा यदि आपको अपनी नौकरी या व्यवसाय में कोई समस्या हो या धन संबंधित समस्याएं आपके जीवन में लगातार बढ़ती जा रही हो खत्म ना हो रही हो तो ऐसी स्थिति में शनि प्रदोष व्रत करने की सलाह दी जाती है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
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शनि प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं यह शुभ योग
शनि प्रदोष व्रत के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, किसी भी तरह के शुभ काम को करने के लिए प्रीति योग बेहद ही श्रेष्ठ होता है।
प्रीति योग महत्व: इसके अलावा प्रीति योग आपसी प्रेम को बढ़ाने के लिए बेहद ही कारगर माना जाता है। यदि आपस में प्रेम बढ़ाने, प्रेम विवाह करने और अपने दोस्तों को मनाने के लिए यदि प्रीति योग में कोई भी प्रयास किया जाए तो इससे व्यक्ति को सफलता अवश्य मिलती है। इसके अलावा इस योग में जो कोई भी काम किया जाता है उससे व्यक्ति को मान सम्मान में वृद्धि हासिल होती है।
प्रदोष व्रत के नियम: प्रदोष व्रत बेहद सरल और फलदाई व्रत माना जाता है। इस दिन का व्रत निर्जला किया जाता है। हालांकि निर्जला मुमकिन ना हो तो इस दिन फलाहार खाकर भी व्रत रखा जा सकता है।
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