सनातन धर्म में तुलसी का पौधा बेहद पवित्र माना जाता है। लगभग हर मांगलिक कार्य में तुलसी का उपयोग सनातन धर्म के अनुयायी करते हैं। न सिर्फ मांगलिक कार्य बल्कि तुलसी के औषधीय गुणों की वजह से भी लगभग हर घर में आपको यह पौधा नजर आ ही जाएगा। आपने अभी तक तुलसी के गुणों के बारे में ही जाना, सुना या पढ़ा होगा लेकिन क्या आपको पता है कि तुलसी के सेवन के कुछ नुकसान भी हैं?
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अगर नहीं पता है तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि आज हम इस लेख में आपको तुलसी के सेवन से होने वाले पांच नुक़सानों की जानकारी देंगे।
पहला नुकसान
तुलसी की तासीर गर्म होती है। ऐसे में तुलसी के ज्यादा सेवन से आपको पेट में जलन की समस्या महसूस हो सकती है।
दूसरा नुकसान
गर्भवती महिलाओं को तुलसी का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल नामक तत्व पाया जाता है जो कि महिलाओं में मासिक धर्म शुरू करने में सहायक होता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान यदि महिलाएं तुलसी के पत्ते का सेवन करती हैं तो उन्हें डायरिया जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
तीसरा नुकसान
तुलसी के पत्ते में ब्लड शुगर लेवल को कम करने का औषधीय गुण मौजूद है। ऐसे में वो मरीज जो मधुमेह का शिकार हैं और उसकी कोई दवाई ले रहे हैं, उन्हें तुलसी के पत्ते का कोई सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत ही नीचे जा सकता है जो उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
चौथा नुकसान
तुलसी के पत्तों के अधिक सेवन से हमारे शरीर का खून पतला होने लगता है। एक निश्चित मात्रा में खून का पतला होना फिर भी सही है लेकिन खून का ज्यादा पतला होना हमारे शरीर के लिए अच्छी बात नहीं। ऐसे में आपको तुलसी का ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए।
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पांचवा नुकसान
तुलसी के पत्ते में पारा यानी कि मरकरी और आयरन की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में तुलसी को चबाने से हमारे दांत के बाहरी परत को काफी नुकसान पहुंचता है। इसलिए आप तुलसी के पत्तों का जब भी सेवन करें तो ऐसे तरीके अपनाएं जिसमें तुलसी के पत्ते को चबाने की जरूरत ना पड़े।
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