25 दिसंबर को दरिद्रता का नाश करने वाली माँ तुलसी का पूजन दिवस; जानें महत्व और पूजा विधि

हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। तुलसी को माँ का रूप मानते हैं और पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं। इस वर्ष तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर रविवार को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में तुलसी उगती है, वहां रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके साथ ही घर में धन का भी आगमन होता है। वहीं सेहत के लिए तुलसी काफी फायदेमंद होती है और आयुर्वेद में भी तुलसी के कई गुण बताए गए हैं। आपको बता दें कि घर में लगाई गई तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में पहला संकेत देती है। हिंदू शास्त्रों में इस बात उल्लेख किया गया है कि जब भी घर में कोई संकट आता है तो सबसे पहले लक्ष्मी यानी कि तुलसी उस घर को छोड़ देती है। इसके बाद घर में दरिद्रता का वास होता है और लोगों के स्वास्थ्य में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है।

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आचार्य हरीश चंद्र तिवारी के मुताबिक हिंदू धर्म में तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं बल्कि इस पृथ्वी के लिए वरदान है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय और औषधि माना जाता है। आचार्य हरीश चंद्र तिवारी का कहना है कि अगर कोई तुलसी पूजन करता है तो उसे इसके चमत्कारी लाभ मिलते हैं और घर में धन का आगमन होता है। उन्होंने बताया कि आजकल ज्यादातर हिंदू परिवार 25 दिसंबर को घर में तुलसी पूजन का आयोजन करते हैं और माँ से घर में वास करने का आग्रह करते हैं।

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तुलसी को आयुर्वेद में अमृत कहा जाता है और यह एक औषधि भी है और इसका नियमित उपयोग करने वाले लोग उत्साहित, प्रसन्न और शांत रहते हैं। घर में तुलसी होने के कारण घर में शांति आती है और घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। भगवान विष्णु की कोई भी पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं होती है। जबकि भगवान शिव की पूजा में तुलसी वर्जित होती है।

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जानिए क्या है माँ तुलसी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ तुलसी की पूजा भगवान श्री राम और कृष्ण जी ने भी की थी। भगवान श्रीराम ने गोमती के तट पर तुलसी लगाई थी। जबकि भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन में तुलसी लगाई थी। यही नहीं, अशोक वाटिका में सीता जी ने रामजी को पाने के लिए माँ तुलसी की आराधना की थी। जबकि माँ पार्वती ने भगवान शंकर को पाने के लिए हिमालय पर्वत पर तुलसी का पौधा लगाया था। जिसके बाद उनकी मनोकामना पूरी हुई थी। मान्यता है कि रोज तुलसी पूजन और दर्शन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है। उस घर में त्रिदेव यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है।

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कैसे करें माँ तुलसी की पूजा

आचार्य हरीश चंद्र तिवारी ने बताया कि 25 दिसंबर दिन रविवार को माँ तुलसी का पूजन किया जाएगा। पूजा करने से पहले प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर तुलसी को जल अर्पित करें। इसके बाद माँ तुलसी को अक्षत, चंदन, रोली चढ़ाएं और रोली न होने पर जल चढ़ाने से पहले तुलसी के पौधे को हल्दी अर्पित करें। इसके बाद सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा करें। फिर माँ तुलसी का ध्यान कर आरती करें। तुलसी पूजन के दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। इसके घर में कलह खत्म होगा और सुख-समृद्धि आएगी। रविवार होने के कारण तुलसी के पत्तों को न तोड़ें क्योंकि रविवार को तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित माना जाता है।

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