रहस्यमयी है यह झील, आगे है स्वर्ग जाने का रास्ता

उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। इस राज्य में हिंदुओं के सबसे ज्यादा धार्मिक स्थल हैं। यहां हर कदम पर आपको मंदिरों के दर्शन होंगे। कई सारे पवित्र मंदिरों के कारण यह राज्य प्रसिद्ध है। चार धामों में से 2 तीर्थस्थल बद्रीनाथ और केदारनाथ यहां स्थित हैं। यहां के मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक है सतोपंथ झील। इस झील के प्रति लोगों की बहुत सारी धार्मिक मान्यतायें हैं। इसके साथ महाभारत काल की घटनाओं का भी ताल्लुक यहां से बताया जाता है। हर साल कई सारे लोग इस झील को देखने आते हैं।

सतोपंथ झील-

सतोपंथ मतलब ‘सत्य का रास्ता’ । मान्यता है कि, महाभारत काल में पांडव अपना राज-पाठ त्याग कर इसी रास्ते से स्वर्ग की ओर जा रहे थे, यही वजह है कि इस रास्ते का नाम सतोपंथ पड़ा। इसके अलावा बताया जाता है कि, जब पांडव स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो एक-एक करके उनकी मृत्यु हो रही थी और इस रास्ते पर भीम की मृत्यु हुई थी। इसलिए भी इस जगह का महत्व ज्यादा है।

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स्वर्ग जाने का रास्ता है यह झील-

कहा जाता है कि पांडवों  ने स्वर्ग जाते वक्त इस जगह पर स्नान-ध्यान किया था। उसके बाद आगे का रास्ता तय किया था। इसलिए भी इस झील को पवित्र माना जाता है। पौराणिक कथा में तो ये भी कहा जाता है कि इसी जगह से धर्मराज युधिष्ठिर ने स्वर्ग जाने के लिए आकाशीय वाहन लिया था।

झील की मान्यताएं-

अक्सर आपने देखा होगा कि किसी भी झील का आकार गोल या लंबा होता है लेेकिन इस झील का आकार बिल्कुल अलग है । इसका आकार तिकोना है। मान्यता है कि एकादशी के पावन अवसर पर त्रिदेव विष्णु, ब्रह्मा, महेश ने अलग-अलग कोने पर खड़े होकर डुबकी लगाई थी। इसलिए इस झील का आकार त्रिभुजाकार है। इस झील को लेकर इस तरह की कई और भी मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि इस झील में जब तक सफाई होगी तब तक इसका पुण्य प्रभाव बना रहेगा। इसलिए इस झील की साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है।

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स्वर्ग जाने की सीढ़ियां-

सतोपंथ झील के कुछ दूर चलने पर है स्वर्गारोहिणी ग्लेशियर, जिसे स्वर्ग जाने का रास्ता भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि स्वर्ग जाने वाली सीढ़ियां यहीं मौजूद हैं। वैसे तो इस ग्लेशियर पर सात सीढ़ियां है लेकिन तीन सीढ़ियां ही नजर आती है बाकी की सीढ़ियां बर्फ और कोहरे से ढकी हुई हैं। कहा जाता है कि ये सात सीढ़ियां किसी को भी सुशरीर स्वर्ग ले जा सकती है।

ट्रेकिंग पॉइंट-

गर्मियों के दिन में सतोपंथ झील के पास आपको साधु-संत और टूरिस्ट मिल जाएंगे। यह झील बस धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि सैलानियों के ट्रेकिंग के लिए भी मशहूर हैं। इस जगह की सुंदरता के कारण यहां भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्वतारोही ट्रेकिंग के लिए आते हैं।