कुंडली में ये तीन ग्रह दिला सकते हैं करियर में अपार सफलता

वैदिक ज्योतिष मानता है कि पूरी दुनिया का वर्तमान और भविष्य ग्रहों की स्थिति और गोचर पर ही निर्भर करता है। यदि किसी जातक की कुंडली में ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा होता है तो कम मेहनत में भी वह बुलंदियों को छू लेता है, जबकि अगर किसी जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति नकारात्मक नतीजे देने का योग बना रहा हो तो उस जातक को लाख कोशिशों के बावजूद भी सफलता नहीं मिलती है। जाहिर है कि सब कुछ ग्रहों के चाल व स्थिति पर निर्भर करता है। ग्रहों की कुंडली में शुभ-अशुभ स्थिति और उनका आपके जीवन पर प्रभाव समझने में एस्ट्रोसेज की व्यक्तिगत बृहत कुंडली आपके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है।

ऐसे में आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से यह बताने वाले हैं कि कुंडली में सूर्य, मंगल और बुध की स्थिति किसी भी व्यक्ति के करियर पर क्या प्रभाव डालते हैं। इसके साथ ही हम आपको इस लेख में कुछ बेहद सरल उपाय भी बताने वाले हैं जिनसे आप इन ग्रहों को और भी मजबूत कर सकते हैं।

सूर्य-मंगल और बुध का करियर पर प्रभाव 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक के जीवन में सूर्य का विशेष महत्व है। इनकी अमृतरूपी रश्मियों के द्वारा ही जीव की उत्पत्ति होती है। ज्योतिष में इन्हें आत्मा का कारक, शोध परक कार्य करने वाला, राजयोग प्रदान करने वाला, कुशल प्रशासक, यश तथा कीर्ति प्रदान करने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। जन्म कुंडली में इनकी स्थिति जातक के जीवन की दशा-दिशा बदलने में पूर्णतः सहायक होती है। 

व्यक्ति के जीवन की सफलता और असफलता का ग्राफ बहुत हद तक सूर्य की स्थिति पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति की नौकरी और करियर या बिजनेस में तरक्की पाने के लिए तो सूर्य का शुभ होना अत्यंत जरूरी है। इसके बिना किसी भी व्यक्ति को सफलता मिल ही नहीं पाती है। सूर्य जगत पिता हैं। सूर्य की शक्ति से समस्त ग्रह चलायमान है, इसलिए जन्म कुंडली विश्लेषण के समय सूर्य किस भाव में हैं इसकी गहनता से विवेचना करनी चाहिए। 

तो चलिए आज जानते हैं आत्म शक्ति कारक ग्रह सूर्य के साथ बुध व मंगल ग्रह के युति व दृष्टि पात से किसी भी व्यक्ति का करियर किस मार्ग की ओर चमकता है।  

सूर्य मंगल व बुध के प्रथम भाव स्थित व करियर

किसी भी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य प्रथम भाव में मंगल और बुध ग्रह के साथ युक्त हों तो ऐसे जातकों के चेहरे पर एक विशेष तरह की आभा होती है। ऐसे जातक बलवान व समाज में अलग सी पहचान बनाते हैं। ऐसे जातक को सरकारी सर्विस मिलने की सर्वाधिक संभावना रहती है व उच्च पदों पर विराजमान होकर अपने क्षेत्र से जुड़े हुए कार्य का नेतृत्व पूर्ण रूप से करने में सफल रहते हैं। खासकर ऐसे जातक सेना से जुड़े अधिकारी पद पर विराजित और यहाँ तक कि अपने राष्ट्र के सबसे बड़े पद को भी प्राप्त करते हैं। ऐसे जातकों में ग़जब की पूर्वाभास शक्ति रहती है। व्यापार की दृष्टि से देखा जाये तो ऐसे जातक एक बड़े व्यापारी के रूप में उभरते हैं व देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी आपने नाम रोशन करते हैं। 

किसी भी नौकरी या पेशे में सफलता हासिल करने के लिए यहाँ ये बात जानना बेहद जरूरी होता है कि आपके लिए कौन सा करियर विकल्प शुभ साबित होगा। यदि आप भी इस बारे में जानकारी हासिल करना चाहता हैं तो हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी प्रश्न पूछ सकते हैं या फिर अपनी कुंडली पर आधारित कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से भी इस संदर्भ में परामर्श हासिल कर सकते हैं। 

मानसागरी ग्रन्थ के अनुसार कहा गया है कि क्रूर ग्रहों (सूर्य -मंगल) की युति होने पर ऐसे लोग थोड़े जिद्दी स्वभाव के हो जाते हैं और अपनी जिद के कारण अपनी हर इच्छित वस्तु को प्राप्त करते हैं।

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कर्म क्षेत्र में स्थित यह तीन ग्रह बताते हैं आपका करियर 

जिन जातकों की जन्म कुंडली के कर्म भाव में सूर्य, मंगल व बुध ग्रह स्थित हो तो ऐसे जातक तीक्ष्ण बुद्धि वाले, कार्य और व्यापार में पूर्ण सफल रहने वाले, धर्म शास्त्रों में पारंगत ,स्वअर्जित धन का सदुपयोग करने वाले, प्रखर वक्ता तथा कठिन साधनाओं की ओर अग्रसर रहने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति राजसत्ता का पूर्ण सुख भोगते हैं। विदेशी कंपनियों में भी ऐसे लोग उच्च पदों पर आसीन होते देखे गए हैं। 

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इसके अलावा ऐसे व्यक्ति धर्म-कर्म के मामलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और दान पुण्य करने में सदा अग्रणी रहते हैं। इनके जीवन में माता-पिता से दूर रहने अथवा विदेश प्रवास का योग निरंतर बना रहता है। ऐसे लोगों को विदेशी नागरिकता बड़ी सहजता से मिल जाती है व अनेकों प्रकार के कार्य-व्यापार करके समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। जन्म के समय से पिता ही के जीवन में सफलता व ऐसे जातक अच्छे राजनीतिज्ञ तथा समाजसेवियों के रूप में भी अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।

सूर्य को मजबूत करने के उपाय

  • भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • सूर्य देव की पूजा करें।
  • आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करें।
  •  सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए रविवार का व्रत करें।
  • गुड़, गेहूं, तांबा का दान करें।
  • सूर्य देव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए रूबी माणिक्य रत्न धारण करें।

मंगल को मजबूत करने के उपाय 

  • हनुमान जी की पूजा करें।
  • भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
  • सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।
  • मंगलवार का व्रत करें। इससे मंगल ग्रह को मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • लाल मसूर, गेहूं,तांबे के बर्तन का दान करें।
  • मंगल ग्रह की प्रसन्नता हासिल करने के लिए मूँगा रत्न धारण करें। 

बुध को मजबूत करने के उपाय 

  • भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • बुध देव की पूजा करें।
  • विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का जाप करें।
  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए मुमकिन हो तो बुधवार का व्रत करें।
  • हरी घास, साबुत मूंग, हाथी के दाँत से बनी वस्तुओं का दान करें।
  • बुध ग्रह की प्रसन्नता के लिए पन्ना रत्न धारण करें। 

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आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा।

एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।