15 जून को मिथुन संक्रांति है। मिथुन संक्रांति का अर्थ हुआ कि सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। दरअसल सूर्य एक राशि में तकरीबन 1 महीने की समय अवधि के लिए रहते हैं और फिर अपना परिवर्तन कर लेते हैं और सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है। ऐसे में इस कड़ी में जब सूर्य मिथुन राशि में गोचर करेंगे तो इसे मिथुन संक्रांति (Mithun Sankranti 2022) के नाम से जाना जाएगा। जून के महीने में 15 तारीख को सूर्य का यह महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है।
ऐस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताएंगे सूर्य का यह महत्वपूर्ण गोचर सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने वाला है। साथ ही यहां हम आपको राशि अनुसार किए जाने वाले कुछ उपायों की जानकारी भी प्रदान करेंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में सूर्य देव के नकारात्मक प्रभाव को दूर करके उनके शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
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सूर्य गोचर/मिथुन संक्रांति 2022 का समय
हिंदू धर्म में और ज्योतिष के अनुसार सूर्य को विश्व की आत्मा के रूप में जाना जाता है। अच्छे स्वास्थ्य, प्रसिद्धि, नाम, प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी, सम्मान, सफलता, इत्यादि का कारक सूर्य ग्रह 15 जून 2022, बुधवार को दोपहर 11 बजकर 58 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर कर जाएगा।
मिथुन राशि में सूर्य की यह उपस्थिति कई राशियों के लिए शुभ संकेत लेकर आ रही है। वहीं कुछ जातकों को इस दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता भी पड़ेगी। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं सूर्य के इस अहम राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर कैसा पड़ेगा असर।
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मिथुन संक्रांति का महत्व और उपाय
वैदिक ज्योतिष में जहां सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना गया है वहीं मिथुन को वायु तत्व की राशि कहा जाता है। मिथुन राशि में इस गोचर के दौरान वर्षा ऋतु भी प्रारंभ हो जाती है। ऐसे में इस दौरान अपना स्वास्थ्य उत्तम बनाए रखने के लिए लोगों को बेहद सजग रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय वायरल संक्रमण बेहद ही तेजी से फैलता है।
इसके अलावा वायु तत्व की राशि में सूर्य का यह गोचर दुनिया की अर्थव्यवस्था में भी उतार-चढ़ाव लेकर आता है। सूर्य के इस महत्वपूर्ण गोचर से कुछ मामलों में संचार प्रभावित हो सकता है वहीं दूसरी तरफ अपने लेखन को उत्कृष्टता प्रदान करने, छोटी दूरी की यात्रा पर जाने, और मीडिया और संचार के लिए मिथुन संक्रांति या फिर सूर्य गोचर को बेहद शुभ माना जाता है।
सूर्य को मजबूत करने के लिए अवश्य करें ये उपाय
- यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो कम से कम 12 रविवार का व्रत अवश्य रखें। कुंडली में सूर्य की स्थिति जानने के लिए आप विद्वान ज्योतिषियों से कॉल/लाइव/चैट पर परामर्श ले सकते हैं।
- इसके अलावा विशेष तौर पर रविवार के दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य मंत्र का 3, 5 या 12 माला जप करें।
- रविवार के दिन नमक का सेवन ना करें।
- इसके अलावा धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि रविवार के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सूर्य के शुभ परिणाम मिलने लगते हैं और जीवन में शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
- सूर्य को मजबूत करने के लिए लाल और पीले रंग के वस्त्र, तांबा, आदि का दान करने की सलाह दी जाती है।
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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: जानें राशि के अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष के लोगों के लिए, सूर्य पंचम भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के दौरान ये आपकी राशि से तीसरे भाव में विराजमान होंगे। इसके परिणामस्वरूप, घर-परिवार में…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं और अब इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से दूसरे भाव में विराजमान होने वाले हैं। ऐसे में इस गोचर काल के दौरान,…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए, सूर्य तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और अब अपनी वर्तमान गोचरीय स्थिति में यह आपकी ही राशि में गोचर कर रहे हैं। इसलिए ये आपकी राशि से लग्न भाव, यानी की प्रथम भाव में स्थापित होंगे। जिसके परिणामस्वरूप, …..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए, सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी होते हैं और अब यह ग्रह कर्क राशि के जातकों के द्वादश भाव में विराजमान हो रहा है। सूर्य की ये गोचरीय स्थिति, आपके…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके प्रथम भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से एकादश भाव में स्थापित होंगे। सिंह राशि वालों के लिए सूर्य के गोचर की ये स्थिति, …..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कन्या राशि
जिन लोगों की चंद्र राशि कन्या है उनके लिए, सूर्य द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब मिथुन राशि में अपने गोचर के दौरान ये आपकी राशि से दशम भाव में स्थापित होंगे। सूर्य का ये गोचर सबसे अधिक, आपको…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
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तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके एकादश भाव के स्वामी होते हैं, और अब सूर्य का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में हो रहा है। ऐसे में गोचर की ये अवधि, आपकी आय में वृद्धि लेकर आएगी और इस दौरान आपको…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, सूर्य दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य ग्रह के मिथुन राशि में गोचर के दौरान, ये आपकी राशि से अष्टम भाव में स्थापित होंगें। सूर्य का ये गोचर वृश्चिक राशि वालों के लिए,…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए, सूर्य उनके नवम भाव के स्वामी होते हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान सूर्य देव आपकी राशि से सप्तम भाव में स्थित होंगें। ऐसे में, इस गोचर काल में सूर्य का प्रभाव…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए, सूर्य अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब यह अपने गोचर के दौरान आपकी राशि से छठे भाव में विराजमान होंगें। ऐसे में इस गोचरकाल के दौरान, आपको हर …..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और अब सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के दौरान, ये आपकी राशि से पंचम भाव में स्थापित होंगें। ऐसे में सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से, …..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए सूर्य उनके षष्ठम भाव के स्वामी होते हैं और वे अब इस गोचर के दौरान आपकी राशि से चतुर्थ भाव में विराजमान होंगें। ऐसे में सूर्य के इस प्रभाव से, आपके…..(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
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