सूर्य ग्रहण सभी के जीवन पर प्रभाव डालने वाला माना जाता है। वर्ष 2020 का यह अंतिम सूर्य ग्रहण है जो आप सभी के जीवन पर प्रभाव डालने में सक्षम है। सूर्य हमारी आत्मा और जगत के पिता कहे जाते हैं। इस प्रकार जब सूर्य पर ग्रहण लगता है तो वह हमारे जीवन को भी प्रभावित करता है। यदि आप यह जानना चाहते हैं कि यह ग्रहण के बुरे प्रभाव से किस प्रकार बचा जा सकता है और इसका आपकी राशि पर विस्तृत रूप से आपकी कुंडली पर क्या प्रभाव होगा तथा कोई अन्य प्रश्न भी आपके मन में है तो उनके जवाब जानने के लिए आप हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श हेतु यहाँ क्लिक करें।
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सूर्य देव समस्त जगत के पिता कहे जाते हैं क्योंकि ये अपने प्रकाश से समस्त प्राणी मात्र को जीवन प्रदान करते हैं। यदि वैदिक ज्योतिष की बात करें तो सूर्य को पिता और ग्रहों के राजा की संज्ञा दी गई है तथा यह आरोग्य के कारक भी हैं। जब सूर्य ग्रहण होता है तो सूर्य पीड़ित अवस्था में हो जाते हैं जिसकी वजह से प्राणी मात्र पर इसका प्रभाव पड़ता है और यह लंबे समय तक दृष्टिगोचर होता है। यह सूर्य ग्रहण वर्ष 2020 का अंतिम सूर्य ग्रहण है। इस प्रकार 15 दिनों के अंदर लगने वाला यह दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 30 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगा था। इस प्रकार ग्रहण का लगना हमारे जीवन को भी प्रभावित करेगा। ऐसी स्थिति में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि यह जो सूर्य ग्रहण कब लग रहा है, यह हमारे जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा। क्या हमारे जीवन में कुछ अच्छा होगा या फिर हमें सावधान रहना होगा इसलिए आप इस लेख को पढ़कर इस सूर्य ग्रहण से जुड़ी समझ जानकारियों को प्राप्त कर पाएंगे और यह भी जान सकेंगे कि इस सूर्य ग्रहण की क्या खास बात है और आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण
14 दिसंबर 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण वर्ष 2020 का अंतिम ग्रहण है। इससे पूर्व 30 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगा था। इस ग्रहण को मिलाकर इस वर्ष कुल 6 ग्रहण लग चुके हैं जिसमें दो सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हैं। इससे पूर्व सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है।
यदि ग्रहण के समय काल की बात की जाए तो हिंदू पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दिन सोमवार को 14 दिसंबर 2020 को भारतीय समय के अनुसार सायं काल 7:03 से मध्य रात्रि 12:23 तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा तथा वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में आकार लेगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जिसका विस्तृत प्रभाव अनेक स्थानों पर दिखाई पड़ेगा।
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कहां दिखेगा 14 दिसंबर का सूर्य ग्रहण
हिंदू पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यदि इस ग्रहण की दृश्यता की बात की जाए तो यह दक्षिण अटलांटिक महासागर, अर्जेंटीना, दक्षिण प्रशांत महासागर और चिली में पूर्ण रुप से दिखाई देगा अर्थात इन स्थानों पर खग्रास सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य जगहों पर आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में भी देखा जाएगा जिनमें पेरू, ब्राजील, उरुग्वे और पराग्वे के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। भारत सहित एशियाई देशों जैसे कि श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस, अफग़ानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और फिजी आदि में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा तथा उत्तरी अटलांटिक महासागर, अफ्रीका का अधिकांश भाग, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, हिंद महासागर और उत्तरी अमेरिका के देशों में भी यह ग्रहण दृश्यमान नहीं होगा।
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क्या है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा अपनी कक्षा में गति करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरने लगता है। इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश पूर्ण रूप से पृथ्वी पर सीधा नहीं आ पाता और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है जिससे कुछ समय के लिए अंधकार जैसी स्थिति महसूस होती है। यह ज्योतिष के अनुसार एक महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इसका अलग-अलग प्रभाव भी दृष्टिगोचर होता है।
सूर्य ग्रहण और सूतक काल
किसी भी ग्रहण में (चाहे वह चंद्र ग्रहण हो अथवा सूर्य ग्रहण) सूतक काल महत्वपूर्ण होता है। यह वह समय अवधि होती है जो ग्रहण लगने से कुछ समय पूर्व शुरू हो जाती है और ग्रहण की समाप्ति के बाद पूर्ण होती है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगभग चार पहर पहले से शुरू होता है अर्थात ग्रहण लगने के समय से चार प्रहर पूर्व ही ग्रहण के सूतक लग जाते हैं। इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता और सभी धार्मिक स्थानों के पाट भी ग्रहण काल तक के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान पूजा पाठ करना, मूर्तियों का स्पर्श करना, भोजन बनाना, खाना, आदि कार्य नहीं करने चाहिए लेकिन रोगियों और बच्चों को ऐसा कोई नियम मानने की बाध्यता नहीं है। चूँकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में इसका सूतक काल लागू नहीं होगा लेकिन जिन – जिन स्थानों पर ग्रहण लगेगा, वहां ग्रहण लगने के समय से चार पहर पूर्व सूतक काल शुरू हो जाएगा। जो लोग इस ग्रहण के साक्षी बनेंगे और यह सूर्य ग्रहण उनके निवास देश या शहर में पड़ेगा तो उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यह समस्त जानकारी आप नीचे पढ़ सकते हैं।
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ग्रहण काल में क्या करें
- जिस समय सूर्य ग्रहण प्रारंभ हो रहा हो तो उससे पहले ही आपको स्नान करके शुद्ध हो जाना चाहिए और मंत्र जाप करने का संकल्प लेना चाहिए।
- सूरज ग्रहण के मध्य में अपने इष्ट देव या देवी की पूजा अर्चना कर सकते हैं। उनका कोई मंत्र जाप कर सकते हैं या फिर आप सूर्य देव के इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इससे ग्रहण के बुरे प्रभाव जातकों पर नहीं पड़ते। मंत्र नीचे दिये गये हैं:
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥
- विशेष रूप से सूर्य ग्रहण के समय नीचे दिये गये मंत्र का जाप करें :
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो: सूर्य: प्रचोदयात।
- सूर्य ग्रहण की समाप्ति से कुछ पूर्व अपनी इच्छा से दान करने का संकल्प लें और जब सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाए तो एक बार पुनः स्नान कर लें।
- सूर्य ग्रहण के दौरान और सूर्य ग्रहण के उपरांत सूर्य देव की उपासना करना अच्छा होता है। इसके लिए आप आदित्य हृदय स्तोत्र अथवा सूर्याष्टक का पाठ भी कर सकते हैं और आप चाहें तो सूर्य देव के किसी भी मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
- ग्रहण काल में पहले से कटे हुए सब्जी, फल, आदि को प्रयोग में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह ग्रहण के कारण अशुद्ध हो जाते हैं और संक्रमित होने के कारण इनके प्रयोग से आपको भी संक्रमण हो सकता है।
- ग्रहण काल के दौरान किसी भी मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए और ना ही मंदिर में प्रवेश करना चाहिए लेकिन आप किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ कर सकते हैं।
- दूध और अन्य ऐसी चीजें जिनका प्रयोग आवश्यक हो और आप उन्हें अपने यहां रखना चाहें जैसे कि दूध, घी, दही, पनीर, मक्खन, अचार, चटनी, मुरब्बे, आदि को दोबारा प्रयोग करने से पूर्व ग्रहण काल से पहले ही उनमें तुलसी पत्र या फिर कुशा रख सकते हैं।
- ग्रहण के समय में महान पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों पर जाकर स्नान करना और दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।
- यदि परिवार में कोई किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जप महान फलदायक होता है और रोगी स्वस्थ हो जाता है।
- यदि आप का जन्म लग्न अथवा जन्म राशि और वृश्चिक है अथवा सिंह है या फिर आपका जन्म ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ है तो आप को विशेष रूप से इस सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-अर्चना करनी चाहिए क्योंकि यह ग्रहण आप ही की राशि और नक्षत्र में लग रहा है तथा सिंह राशि इसलिए क्योंकि सिंह राशि के स्वामी स्वयं सूर्य हैं।
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ग्रहण काल में क्या न करें
- ग्रहण काल के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए और ना ही भोजन पकाना चाहिए।
- यदि आवश्यक हो तो गंभीर रूप से बीमार रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों को भोजन दिया जा सकता है।
- ग्रहण काल के दौरान किसी भी देवी देवता की मूर्ति का स्पर्श नहीं करें और ना ही मंदिर के द्वार खोलें।
- विशेष रुप से गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान किसी भी प्रकार की सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, आदि का कारण नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के समय में दाढ़ी बनाना, बाल काटना या कटवाना, नाखून काटना, शरीर पर तेल मालिश करना, आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
- संभव हो तो ग्रहण काल के दौरान सोने से बचना चाहिए और इस दौरान संभोग से भी परहेज करना चाहिए।
- मंत्र सिद्धि के लिए ग्रहण काल सर्वोत्तम माना जाता है। इस दौरान जाप करने से मंत्र का हजारों गुना फल प्राप्त होता है।
सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर प्रभाव
सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव प्रत्येक प्राणी मात्र पर पड़ता है। इसी प्रकार वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत भी सूर्य ग्रहण एक बड़ी घटना है, जो विभिन्न राशियों में जन्मे लोगों पर अपना अलग-अलग प्रभाव डालने में सक्षम है। इसी को ध्यान में रखते हुए अनेक ग्रंथों में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को बहुत महत्व दिया गया है और उनके राशि अनुसार प्रभाव को भी बताया गया है। सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य बताए गए हैं जिनमें जप, तप, दान, पुण्य और पवित्र नदियों के जल में स्नान करना मुख्य है। यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में आकार ले रहा है इसलिए वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष रुप से ध्यान देना होगा। आइए जानते हैं कि विभिन्न राशियों में जन्मे लोगों के लिए यह सूर्य ग्रहण किस प्रकार के प्रभाव लेकर आ रहा है:
विभिन्न राशियों पर सूर्य ग्रहण के प्रभाव को आप निम्नलिखित विवरण से जान सकते हैं:
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें चंद्र राशि कैल्कुलेटर
मेष राशि
यह सूर्य ग्रहण आपकी राशि से अष्टम भाव की राशि में घटित होगा जिसके परिणाम स्वरूप आपको किसी अनजाने भय से ग्रसित बनाएगा। आपके विरोधी इस दौरान प्रबल होंगे और आप बेवजह की चिंताओं से परेशान रहेंगे। हालांकि दूसरी तरफ आपको सामान्य तौर पर लाभ हो सकता है और मन में आध्यात्मिक विचार भी आएँगे।
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के सप्तम भाव में आकार ले रहे इस सूर्य ग्रहण के कारण आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा। आप और आपके जीवन साथी को स्वास्थ्य कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त आर्थिक चुनौतियाँ भी आ सकती हैं। धन हानि के योग हैं इसलिए धन का निवेश सोच समझकर करें तथा किसी व्यक्ति को अपना धन उधार के रूप में ना दें।
मिथुन राशि
आपकी राशि से छठे भाव की राशि वृश्चिक में सूरज ग्रहण घटित होगा जो आपको शारीरिक तौर पर कमजोर बना सकता है और आपको बीमारी दे सकता है। आपके खर्चे भी बढ़ेंगे और गुप्त चिंताएं आपको परेशानी दे सकती हैं। अपने विरोधियों से सावधान रहें और मन की बातें मन में ही रखें, किसी अन्य व्यक्ति से साझा ना करें।
कर्क राशि
आपकी राशि से पंचम भाव की राशि में सूर्य ग्रहण का घटित होना आपके खर्चों को बढ़ाने वाला साबित होगा। इस दौरान आपकी आमदनी में भी कुछ गिरावट आ सकती है जिससे आर्थिक तौर पर कुछ कमजोरी रहेगी। आपके कार्यों में रुकावट आएगी और आपको अपनी संतान की भी चिंता रहेगी। यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो यह समय परेशानी वाला होगा।
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सिंह राशि
आपकी राशि से चौथे भाव की राशि में यह ग्रहण घटित होने के कारण आपको अपने कार्य में सफलता मिलेगी। आप कुछ ऐसे कार्यों में भी हाथ डालेंगे जो पहले आपके लिए मुश्किल था लेकिन इस दौरान आपको सफलता मिल सकती है। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और अच्छा आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।
कन्या राशि
आपकी राशि से तीसरे भाव की राशि वृश्चिक में सूर्य ग्रहण के घटित होने के कारण आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी बल्कि यह ग्रहण आपको आर्थिक तौर पर लाभ देने वाला साबित होगा। आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएँगे और आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी तथा कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
तुला राशि
तुला राशि के लोगों के दूसरे भाव की राशि वृश्चिक है जिसमें यह सूर्य ग्रहण घटित होगा। इसके कारण आपको इसका अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलेगा। आपको कुछ आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकता है और धन हानि के योग बन सकते हैं। धन का निवेश करने से आपको बचना होगा और मीठी वाणी से सबका दिल जीतने की कोशिश करनी होगी।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि यह आपकी ही राशि में घटित होगा। यही वजह है कि इसका सर्वाधिक प्रभाव आप पर ही होगा। आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा क्योंकि आपके रोग ग्रस्त होने या किसी प्रकार की चोट लगने अथवा दुर्घटना होने की संभावना बन सकती है। आपको बेवजह की चिंताओं से दूर रहना चाहिए और अपने जीवन में सकारात्मकता को अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
धनु राशि
आपकी राशि से द्वादश भाव की राशि में पड़ रहे इस सूर्य ग्रहण के कारण आपको आर्थिक तौर पर कमजोरी का सामना करना पड़ेगा। आप के खर्च में वृद्धि होगी और धन हानि के योग बन सकते हैं। आपको अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा क्योंकि यह ग्रहण आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
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मकर राशि
आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में स्थित राशि में सूर्य ग्रहण होने से आपको इस ग्रहण का मध्यम फल प्राप्त हो सकता है। इसके परिणाम स्वरूप आर्थिक लाभ के प्रबल योग बनेंगे और आपकी प्रगति होगी। आपकी किसी पुरानी इच्छा की पूर्ति हो सकती है। हालांकि स्वास्थ्य जनित समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
कुंभ राशि
आपकी राशि से दशम भाव की राशि में सूर्य ग्रहण के आकार लेने से आपको अपने कामों में सफलता मिलने के योग बनेंगे। कार्यक्षेत्र में आप का दबदबा बढ़ेगा लेकिन किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या आपको परेशान कर सकती है और बेवजह का डर आपको लगा रहेगा। मानसिक तनाव से बाहर निकलने की कोशिश करने से ही आपको सफलता मिल सकती है।
मीन राशि
आपकी राशि से नवम भाव की वृश्चिक राशि में बनने वाले सूर्य ग्रहण से मान सम्मान में कमी आ सकती है। आपकी मानसिक चिंताओं में वृद्धि होगी और आपको संतान से जुड़ी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। आपकी संतान को स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं। किसी तीर्थ स्थल की यात्रा करना मानसिक शांति प्रदान करेगा।
सूर्य ग्रहण का भारत और विश्व पर प्रभाव
14 दिसंबर को होने वाला यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है जो मार्गशीर्ष मास में घटित होगा। जिस समय यह ग्रहण आकार लेगा, उस समय सूर्य ग्रह के साथ चंद्रमा के अतिरिक्त बुध, शुक्र और केतु भी विराजमान होंगे। इस प्रकार एक ही राशि में 5 ग्रहों की उपस्थिति होगी। वैसे तो इस ग्रहण की दृश्यता भारत में नहीं है इसलिए भारत पर इसका कोई सामान्य प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन वैश्विक रूप से देखें तो वृश्चिक राशि में सूर्य के स्थित होकर ग्रहण में पीड़ित होने से पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। सूर्य सरकार का प्रतिनिधित्व करता है और सूर्य के पीड़ित होने से इस समय में सत्ताधारी दल को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सूर्य राजा का कारक ग्रह है और राहु कूटनीति का।
इस कारण राजनीतिक लोगों के लिए यह ग्रहण अधिक प्रभावशाली रहेगा और उन्हें उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा। सूर्य के केतु के साथ स्थित होने और उनके साथ जल तत्व के ग्रहों चंद्रमा और शुक्र के स्थित होने से सर्दी में बढ़ोतरी होगी और सर्दी का समय लंबा चल सकता है। ऐसी भी संभावना है कि यह सर्दी पिछले कुछ समय का रिकॉर्ड तोड़ दे लेकिन दिन आश्चर्यजनक रूप से गर्म महसूस होंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण में कमी आने की संभावना नहीं होगी अपितु केतु के साथ सूर्य का होना संक्रामक रोगों की वृद्धि का कारण बन सकता है। विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने का पुरजोर प्रयास करेगा लेकिन कुछ समय के लिए ही यह स्थिति बनेगी, उसके बाद सरकार इस विरोध को समाप्त करने में कामयाब होगी।
वृश्चिक राशि काल पुरुष की कुंडली के अष्टम भाव की राशि है। इस सूर्य ग्रहण के प्रभाव से ऐसे दवा विक्रेताओं को लाभ मिलेगा जो केमिकल या फिर विष और रसायन संबंधित दवाओं का निर्माण करते हैं। इस ग्रहण के साथ ही गुरु और शनि की युति का भी प्रभाव देश और दुनिया पर अपनी प्रभाव डालेगा और कई अन्य संगठनों के हड़ताल करने की नौबत आ सकती है। यह समय देश और दुनिया के लिए उथल-पुथल भरा रहेगा। जिन देशों में विशेष रूप से सूर्य ग्रहण दृश्य मान होगा, उनमें सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन हो सकते हैं। अमेरिका में वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए और ग्रहण के प्रभाव से वर्तमान राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित जो बिडेन के लिए भी यह समय परेशानी भरा रहेगा और उन्हें विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार यह सूर्य ग्रहण समस्त विश्व पर अपना प्रभाव डालने वाला होगा।
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