हमें ऊर्जा और प्रकाश देने वाले सूर्य ग्रह को सनातन धर्म में सूर्य देवता के रूप में पूजित किया जाता है। इसके अलावा वैदिक ज्योतिष में भी सूर्य ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है और इसे सभी अन्य ग्रहों में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में अपने इस विशेष आर्टिकल में आज हम सूर्य ग्रह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानने के साथ-साथ जानेंगे सूर्य ग्रह का वैदिक ज्योतिष में क्या महत्व होता है? वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे क्यों इतना महत्व दिया जाता है? कुंडली में कमजोर सूर्य से क्या कुछ परेशानियां होने की आशंका रहती है? कुंडली में सूर्य से बनने वाले शुभ योग कौन कौन से होते हैं और साथ ही जानेंगे सूर्य ग्रह को प्रसन्न और मजबूत करने के कुछ उपाय।
सूर्य ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसके अलावा सूर्य पिता का प्रतिनिधित्व भी माना जाता है। ज्योतिष के आधार पर बात करें तो पिता के साथ संतान के कैसे अच्छे या बुरे संबंध होने वाले हैं यह सीधे तौर पर सूर्य की शुभ अशुभ स्थिति पर निर्धारित होता है। इसके अलावा कुंडली में सूर्य को सफलता और सम्मान का कारक भी कहा गया है। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में होता है ऐसे जातक अपने जीवन में यश प्राप्त करते हैं। आइये जानते हैं सूर्य ग्रह से जुड़ी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय बातें:
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- सूर्य जहां मेष राशि में उच्च का होता है वहीं तुला राशि में नीच का होता है।
- गुरु और सूर्य ज्योतिष के दुनिया में परम मित्र माने गए हैं। ऐसे में यदि इन दोनों का संयोग बन जाए तो इससे जीवात्मा का संयोग बनता है।
- सूर्य ग्रह को मजबूत करने या सूर्य देव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए दिया जाने वाला दान रविवार के दिन दोपहर में करना सबसे ज्यादा लाभकारी बताया गया है।
- व्यवसाय और नौकरी के लिए सूर्य ग्रह बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है।
- 17 सितम्बर, 2021 को सूर्य ग्रह राशि परिवर्तन अर्थात गोचर करने जा रहे हैं। कन्या राशि में सूर्य का गोचर 17 सितंबर 2021 को सुबह 1:02 बजे होगा। और यह 17 अक्टूबर दोपहर 1:00 बजे तक कन्या राशि में ही रहेगा और उसके बाद तुला राशि में प्रवेश कर जाएगा। आप यहाँ क्लिक करके इस गोचर के बारे में विस्तार से जान सकते हैं
सूर्य का मानव जीवन पर प्रभाव
सूर्य की ऊर्जा के दम पर हम ऊर्जावान रहते हैं। इसके अलावा हमारी प्रकृति सुचारू रूप से अगर चल रही है तो वह भी सूर्य की वजह से मुमकिन है। ज्योतिष के अनुसार जिस जातक की कुंडली में सूर्य लग्न भाव में विराजित होता है ऐसे व्यक्तियों का चेहरा गोल और बड़ा होता है और साथ ही ऐसे जातक शानदार व्यक्तित्व वाले होते हैं। मजबूत सूर्य अगर कुंडली में मौजूद हो तो ऐसे जातक साहसी होते हैं और अपने जीवन में सभी लक्ष्य हासिल करते हैं। ऐसे लोगों का जीवन भी खुशियों से भरा रहता है और ऐसे व्यक्ति स्वभाव में दयालु होते हैं।
वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में सूर्य पीड़ित होता है ऐसे जातक स्वभाव में अहंकारी होते हैं और ऐसे लोगों का गुस्सा उनका सबसे बड़ा दुश्मन होता है। काम बनते बनते बिगड़ने लगते हैं और व्यक्ति हर छोटी बड़ी बात को लेकर उदास हो जाता है। पीड़ित सूर्य की वजह से व्यक्ति आत्म केंद्रित हो जाता है जिसकी वजह से उसकी प्रतिष्ठा में भी कमी आने लगती है।
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कुंडली में सूर्य के ये तीन शुभ योग बदल सकते हैं आपकी किस्मत
- पहला शुभ योग- वेशि: कुंडली में सूर्य के अगले घर में चंद्रमा, राहु और केतु के अलावा किसी अन्य ग्रह के स्थित होने से इस योग का निर्माण होता है। हालांकि इस योग का फल तभी प्राप्त होता है जब सूर्य कमजोर ना हो और ना ही किसी पाप ग्रह से युक्त हो।
वेशि योग से मिलने वाला फल: इस योग के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ बेहद ही धनवान होता है। ऐसे लोगों का जीवन बेशक कठिनाई में शुरू हुआ हो लेकिन आगे चलकर उन्हें सफलता, संपत्ति, धन, समृद्धि सब हासिल होता है। - दूसरा शुभ योग- वाशि: सूर्य के पिछले घर में चंद्रमा, राहु और केतु के अलावा किसी अन्य ग्रह के होने पर इस योग का निर्माण होता है। हालांकि यह योग भी तभी फलीभूत होता है जब सूर्य पाप ग्रहों से युक्त ना हो।
वाशि योग से मिलने वाला फल: इस योग के प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में शानो शौकत कमाने में सफल रहता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान, ज्ञानी और धनवान होते हैं। अपने जीवन में ढेरों विदेश यात्राएं करते हैं और अपने घर से दूर जाकर सफलता हासिल करते हैं। - तीसरा शुभ योग- उभयचारी योग: सूर्य का तीसरा शुभ योग उस स्थिति में निर्माण होता है जब कुंडली में चंद्र, राहु और केतु के अलावा पहले और पिछले दोनों ही भाव में कोई अन्य ग्रह मौजूद होता है।
उभयचारी योग से मिलने वाला फल: इस योग के प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचता है और जिस भी क्षेत्र से संबंधित होता है वहां प्रसिद्धि और सफलता प्राप्त करता है। साथ ही जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य का यह शुभ योग होता है वह हर परिस्थिति से बाहर निकलने में सक्षम रहते हैं और राजनीति और प्रशासन में बड़े पदों पर विराजित होते हैं।
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अन्य ग्रहों से सूर्य की युति का फल
इस ग्रह से युति | फल | |
सूर्य ग्रह | चंद्रमा | ऐसे व्यक्ति कुशल व्यापारी होने के साथ छोटी सोच वाले हो सकते हैं। |
सूर्य ग्रह | मंगल | ऐसे व्यक्ति हमेशा सत्य का साथ देते हैं और भाइयों से इनके संबंध मज़बूत होते हैं। |
सूर्य ग्रह | बुध | ऐसे व्यक्ति विद्वान होते हैं और उन्हें सम्मान प्राप्त होता है। |
सूर्य ग्रह | गुरु/बृहस्पति | ऐसे व्यक्तियों को सम्मान प्राप्त होता है और इनके दोस्त, शिक्षक हमेशा अच्छे होते हैं। |
सूर्य ग्रह | शुक्र | ऐसे व्यक्ति शास्त्रों के जानकार होते हैं और नृत्य कला में माहिर होते हैं। |
सूर्य ग्रह | शनि | ऐसे व्यक्ति विद्वान होते हैं। |
सूर्य ग्रह | राहु | ऐसे व्यक्तियों को मानसिक समस्या होने की आशंका रहती है साथ ही व्यक्ति स्वभाव में थोड़े जिद्दी भी हो सकते हैं। |
सूर्य ग्रह | केतु | ऐसे व्यक्तियों को आंख का रोग होता है स्वभाव में जिद्दी होते हैं और समझदार होते हैं। |
कमजोर सूर्य से होने वाली बीमारियां
ज्योतिष के अनुसार सभी नौ ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर हमेशा शुभ या अशुभ प्रभाव पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह मज़बूत स्थिति में हो तो उस ग्रह से संबंधित व्यक्ति को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं वहीं इसके विपरीत अगर कोई ग्रह कमजोर हो तो इससे व्यक्ति को बुरे या नकारात्मक परिणाम भी झेलने पड़ते हैं। इन परिणामों में एक समस्या बीमारी की भी हो सकती है। सुन कर आपको शायद अजीब लगे लेकिन व्यक्ति को जो भी छोटी-बड़ी या गंभीर बीमारियां होती हैं इनके भी तार कहीं ना कहीं नौ ग्रहों से संबंधित होते हैं।
जानते हैं कुंडली में कमजोर सूर्य की वजह से व्यक्ति को क्या कुछ बीमारियां होने की आशंका बन सकती है।
जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य कमजोर या खराब होता है ऐसे व्यक्तियों को आंख से संबंधित परेशानी, सिर से संबंधित परेशानी या हड्डी से संबंधित बीमारियां परेशान कर सकती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कई मामलों में सूर्य की वजह से हृदय रोग और पाचन तंत्र की बीमारियां भी व्यक्ति को आजीवन परेशान कर सकती हैं।
सूर्य को मज़बूत और नौकरी में सफलता के लिए महाउपाय
- सूर्य को प्रसन्न करने के लिए अपने जीवन में लाल और केसरिया रंग को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। परिवार के छोटे बड़े सभी सदस्यों का सम्मान और प्रेम करें।
- उगते सूरज को अर्घ्य दें।
- मुमकिन हो तो रविवार का उपवास करें। इस दिन नमक का सेवन ना करें।
- रोजाना सूर्य की पूजा करें। उन्हें जल चढ़ाएं और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही हरिवंश पुराण का भी पाठ करना आपके लिए शुभ साबित होगा।
- यथाशक्ति के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को गेहूं, जौ, तांबा, लाल फूल आदि का दान करें।
- अपने घर की पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुथरा और खुला और हवादार रखें और यहां से सूर्य की रोशनी घर में आने दें। ऐसा करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
- यदि आप सरकारी नौकरी का प्रयत्न कर रहे हैं तो इसके लिए रविवार के दिन तांबे के दो टुकड़े लें। इनमें से एक टुकड़े को मन में संकल्प लेकर बहते जल में प्रवाहित कर दें और दूसरा टुकड़ा अपने पास रखें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी होगी।
- इसके अलावा यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं या धन हानि आपको परेशान कर रही है तो रविवार के दिन अपनी यथाशक्ति के अनुसार किसी जरूरतमंद या फिर मंदिर में जाकर किसी ब्राह्मण को तांबे और गेहूं का धान कर दें।
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