सूर्य ने किया कन्या राशि में गोचर ! ग्रहों के राजा का गोचर लेकर आएगा ये बड़े बदलाव। पढ़ें सूर्य के कन्या राशि में होने वाले इस गोचर का आपके जीवन पर प्रभाव।
सूर्य देव को जगत के प्रत्यक्ष देव की उपाधि दी गई है, क्योंकि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर जीवन के पुष्पित और पल्लवित होने का आधार है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ही जगत के पिता हैं और सूर्य ही जगत की आत्मा है। इसी आधार पर यह कहा जा सकता है कि वास्तव में सूर्य समस्त पृथ्वी पर प्रभाव डालने वाले ग्रह माने जाते हैं। मेदिनी ज्योतिष के अंतर्गत सूर्य को राजसत्ता का कारक माना जाता है और राष्ट्र तथा राज्यों के प्रमुख का प्रतिनिधित्व सूर्य ग्रह ही करता है। कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सूर्य के अधीन माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त रविवार का दिन सूर्य देव का वार माना जाता है। किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य देव से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए और कुंडली में शुभ होने पर उनको मजबूत करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करने के बारे में सलाह दी जाती है। इस रत्न के द्वारा आपको सरकारी क्षेत्र से लाभ मिलने के योग बनते हैं तथा आपके आत्मबल में वृद्धि होती है।
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सूर्य ग्रह और जन्म कुंडली
पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य देव जब अपने साथ अश्वों के रथ पर सवार होकर आगे बढ़ते हैं, तो समस्त संसार का पालन करते हैं। यही वजह है कि ज्योतिष के अनुसार संपूर्ण जन्म जन्म कुंडली के अध्ययन करने से पूर्व सर्वप्रथम लग्न चंद्र और सूर्य की स्थिति का ही अवलोकन किया जाता है और इनमें से सर्वाधिक बलशाली से ही फल विचार किया जाता है। सूर्य ग्रह आरोग्य के देवता हैं अर्थात अच्छे स्वास्थ्य को प्रदान करने वाले हैं। यदि कुंडली में सूर्य देव की स्थिति अनुकूल ना हो या वह अशुभ प्रभाव दे रहे हो तो उनकी कृपा प्राप्ति के लिए आपको सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए और विधिवत प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करनी चाहिए। यदि सूर्य की स्थिति अनुकूल है तो आपके यश और सम्मान में वृद्धि होने से कोई नहीं रोक सकता। कन्या राशि में सूर्य का गोचर लेखन कार्य करने वाले लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा उन्होंने इस दौरान कोई उपलब्धि या सम्मान मिलने की संभावना रहेगी।
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गोचर काल का समय
ग्रहों के राजा सूर्य देव मंगलवार के दिन 17 सितम्बर 2019, को दोपहर 12:43 बजे अपनी राशि सिंह से निकलकर बुध के आधिपत्य वाली कन्या राशि में गोचर अर्थात प्रवेश करेंगे और 18 अक्टूबर 2019, शुक्रवार 00:41 बजे तक इसी राशि में स्थित रहकर सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। आईये अब जानते हैं कि सूर्य ग्रह के कन्या राशि में होने वाले इस गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और सूर्य देव किस पर अपनी कृपा बरसाएंगे और किसे सूर्य देव के कोप का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही जानेंगे देश और और दुनिया पर पड़ने वाले सूर्य देव के गोचर का प्रभाव:-
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सूर्य मंगल योग से बढ़ेगी देश की ताक़त
17 सितंबर को सूर्य देव का सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करना भारत के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। क्योंकि स्वतंत्र भारत की कर्क राशि है जिससे तीसरे भाव में सूर्य देव का गोचर होगा। तीसरे भाव में पहुंचने पर सूर्य देव की युति शुक्र और बुध के साथ होगी। शुक्र यहां अपनी नीच राशि में हैं, लेकिन बुध उच्च राशि में, जिससे नीच भंग की स्थिति बन रही है। इस स्थिति के कारण भारत की धाक समस्त विश्व में दिखाई देगी और सरकारी क्षेत्र से अनेक ऐसी योजनाएं बनेंगी, जो देश हित में कारगर साबित होंगी। भारत को विदेशी मित्र राष्ट्रों का समर्थन और सहयोग प्राप्त होगा।
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देश में यातायात व्यवस्था में सुधार होगा
तीसरा भाव यातायात और संचार का भाव है, इस भाव में सूर्य की युति शुक्र और बुध के साथ होने से देश में यातायात और सड़क परिवहन से संबंधित कार्यों में तेजी देखने को मिलेगी और संचार व्यवस्था में भी व्यापक सुधार देखने को मिलेंगे।
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सूर्य का गोचर शेयर बाजार में तेजी लाएगा
सूर्य के गोचर का शेयर बाजार पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा और शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। इससे सभी कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिलेगी और बाजार का रुख तेज रहेगा। इसके अतिरिक्त बैंकिंग सेक्टर में भी कुछ अच्छी घोषणाएँ हो सकती हैं जिससे सरकारी क्षेत्र के बैंकों में पूँजी आधार में वृद्धि होने की संभावना बढ़ेगी।
आइये अब जानते हैं सभी राशियों पर कैसा होगा सूर्य के इस गोचर का असर:-
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि
मेष
सूर्य आपकी राशि के लिए पंचम भाव का स्वामी है और आपकी राशि से षष्टम भाव में गोचर करेगा। छठे भाव में सूर्य का गोचर शुभ माना जाता है। इस भाव के द्वारा हम अपने विरोधी, अपने शत्रु, अपनी संघर्ष क्षमता, नौकरी, बीमारियाँ, कंपटीटिव एग्जाम, बैंक लोन, मामा पक्ष, आदि के बारे में जान सकते हैं। इस भाव में सूर्य का जाना आपके लिए कई परेशानियों से मुक्ति दिलाने वाला साबित होगा। कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों में आप सफलता के नए आयाम लिखेंगे और आपको…आगे पढ़ें
वृषभ
सूर्य का गोचर इस भाव में होने के कारण आपको कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है जिनमें मुख्य रूप से आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे जिसके कारण किसी प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में आपको समस्या आ सकती है। संतान का स्वास्थ्य चिंतित कर सकता है और इसलिए आप अधिक गंभीर रहेंगे और उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे। हालांकि …आगे पढ़ें
मिथुन
सूर्य के इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपकी पारिवारिक स्थिति में उतार चढ़ाव आएगा। आपका रवैया परिवार के लोगों को पसंद नहीं आएगा और उसकी वजह होगी कि आप अपने आप को सबसे श्रेष्ठ साबित करना चाहेंगे और साथ ही यह भी चाहेंगे कि लोग आपकी बात ही मानें और आपके अनुसार कार्य करें। आपको अपनी इस आदत से बचने का प्रयास करना चाहिए। इस दौरान मानसिक तनाव में वृद्धि होगी तथा आपका स्वास्थ्य …आगे पढ़ें
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कर्क
सूर्य देव आपके लिए द्वितीय भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान आपकी राशि से तृतीय भाव में संचरण करेंगे। तीसरा भाव हमारे भाई-बहनों को और उनके साथ हमारे संबंधों को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त हमारे परिश्रम, रूचि, छोटे भाई-बहन तथा छोटी दूरी की यात्राएं भी तृतीय भाव के द्वारा देखी जाती हैं। तीसरे भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल…आगे पढ़ें
सिंह
दूसरे भाव में सूर्य का गोचर अधिक अनुकूल नहीं होता इसलिए इस दौरान आपको थोड़ा देखभाल कर चलना होगा। अपने शब्दों में कड़वाहट और कटुता से आपको बचना होगा और किसी को भी अपशब्द नहीं बोलें, जिससे उनकी भावना आहत हो बल्कि सभी से प्रेम पूर्वक वार्तालाप करना बेहतर रहेगा। इस दौरान एक ओर आपकी मानसिक चिंताएं बढ़ेगी तो…आगे पढ़ें
कन्या
सूर्य आपके द्वादश भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि में ही गोचर करेंगे अर्थात यह आपके प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव में गोचर करेंगे। प्रथम भाव काफी महत्वपूर्ण भाव है क्योंकि इसी के द्वारा हमारा व्यक्तित्व निर्मित होता है। इस भाव के द्वारा हमारा शरीर, शारीरिक रंग-रूप एवं बनावट, समाज में हमारा चेहरा, हमारा दिमाग, हमारा मान सम्मान और स्वास्थ्य को देखा जाता है। चंद्र राशि पर सूर्य का गोचर अधिक अनुकूल नहीं माना जाता और इस दौरान आपको धन …आगे पढ़ें
तुला
इस गोचर का सबसे अनुकूल प्रभाव यह होगा कि आपको विदेश जाने का मौका मिल सकता है और यदि आप इस सिलसिले में पहले से ही प्रयास कर रहे हैं तो आपको सफलता मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए आपको बिल्कुल भी लापरवाही स्वास्थ्य संबंधी मामलों में नहीं करनी चाहिए। कार्य में अधिक व्यस्तता भी परिवार से दूरी का कारण बन सकती है। आप किसी रमणीय स्थल …आगे पढ़ें
सूर्य देव को मजबूत व प्रबल करने के लिए आज ही स्थापित करें सूर्य यंत्र
वृश्चिक
आपके लिए सूर्य देव दशम भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से एकादश भाव में संचरण करेंगे। एकादश भाव वृद्धि का स्थान है, इसलिए इस भाव में सूर्य का गोचर बदलाव का संकेत देता है। इसके अतिरिक्त इस भाव के द्वारा हमारे बड़े भाई बहन, वरिष्ठ अधिकारी, महत्वाकांक्षाएं तथा आय के स्रोत का पता लगते हैं। सूर्य का यह गोचर आपके लिए काफी सकारात्मक रहेगा और आपको एक से अधिक स्रोतों से लाभ मिलने की आशा करनी…आगे पढ़ें
धनु
दशम भाव में सूर्य को अधिक बल प्राप्त होता है इसलिए यह आपके कर्म भाव को मजबूत बनाएगा अर्थात इस दौरान आपको अपनी नौकरी में अनुकूलता मिलेगी और पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। आपकी आमदनी में वृद्धि होगी और कार्यक्षेत्र में आपकी साख मजबूत होगी। इस दौरान सरकार से अर्थात सरकारी क्षेत्र से किसी प्रकार का लाभ मिलने के अच्छे संकेत दिखाई देते हैं। केवल यही नहीं स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टिकोण से आपके लिए ये गोचर…आगे पढ़ें
मकर
सूर्य आपके अष्टम भाव का स्वामी होकर आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। नवम भाव को हमारे भाग्य के स्थान के रूप में जाना जाता है। इस भाव के द्वारा धार्मिक मान्यताओं, सुदूर यात्राएं, तीर्थाटन, गुरु एवं गुरु तुल्य लोग, समाज में मान सम्मान आदि के बारे में जाना जाता है। सूर्य के नवम भाव में गोचर करने का प्रभाव सबसे पहले आपके पिताजी के स्वास्थ्य पर पड़ेगा और उन्हें स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होने की संभावना रह सकती है। इस अवधि में आपको थोड़ा…आगे पढ़ें
कुंभ
अष्टम भाव में सूर्य के जाने से इस अवधि में आपको किसी वाद विवाद का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि आपको बात को बढ़ने से रोकने का प्रयास करना चाहिए। दांपत्य जीवन में भी तनाव बढ़ सकता है और संभावना है कि आपका अपने जीवनसाथी अथवा ससुराल पक्ष के लोगों से मनमुटाव हो। इस दौरान आपके शत्रु प्रबल हो सकते हैं, इसलिए उनके प्रति सचेत रहें। अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें और किसी भी रोग की स्थिति में तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। इस दौरान किसी भी तरह के गैर कानूनी कार्यों से दूर रहें और अपने जीवन साथी के…आगे पढ़ें
मीन
सूर्य आपकी राशि के लिए षष्ठम भाव का स्वामी है और अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से सप्तम भाव में जाएगा। सप्तम भाव जीवन में लंबे समय तक चलने वाले रिश्तों को बताता है और इसके साथ साथ आपके विवाह पर भी दृष्टि डालता है। आपका जीवन साथी, आप का व्यावसायिक साझेदार, आपका इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का व्यापार, आपकी समाज में छवि, आदि के बारे में सप्तम भाव के द्वारा ही पता चलता है। इस गोचर की अवधि में दांपत्य जीवन में…आगे पढ़ें
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