लगातार गिरते स्टॉक मार्केट की वजह, कोरोनावायरस या ग्रहों की चाल?

कोरोना का कहर है या तेल की गिरती कीमतें या सितारे ही ऐसे हैं कि शेयर बाजार को नीचे जाना है? दुनियाभर के शेयर बाजारों में इन दिनों त्राहिमाम है। भारतीय स्टॉक मार्केट भी इससे अछूता नहीं है। शेयर बाजार में लगातार गिरावट हो रही है, और रोजाना निवेशकों के लाखों-करोड़ों रुपए डूब रहे हैं।

ज्योतिष के लिहाज से शेयर बाजार की बिगड़ी चाल का विश्लेषण करें, उससे पहले दो बातें समझना जरुरी है।

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पहली,16 जनवरी 2020 को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक यानी सेंसेक्स 42000 के अंक को छुआ था, जो अब  32000 अंक के आसपास आ गया है

दूसरी, शेयर बाजार की छह बड़ी गिरावटें इसी साल दर्ज की गईं। 12 मार्च को सेंसेक्स 2919 अंक गिर गया

ऐसे में निवेशकों के मन में सवाल कई हैं।

पहला, क्या शेयर बाजार में गिरावट का दौर यूं ही जारी रहेगा या कहें कब तक जारी रहेगा ?

दूसरा, क्या छोटे निवेशकों को इस वक्त बाजार से दूर रहना चाहिए?

ज्योतिष के लिहाज से हमनें इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश की। हमने अपने खास ज्योतिषियों से पूछा कि ग्रह-नक्षत्रों के आइने में उन्हें शेयर बाजार क्या संकेत देता दिखता है। पढ़िए, किसने क्या कहा? 

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एस्ट्रोगुरु मृगांक की भविष्यवाणी ,स्वतंत्र भारत की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है तथा भारत की प्रभाव राशि, जिसे प्राचीन काल से माना गया है, वह मकर राशि के प्रभाव में आता है।

वर्तमान में राहु का गोचर मंगल के ऊपर है तथा मंगल, बृहस्पति और केतु का गोचर धनु राशि में और शनि का गोचर मकर राशि में है। 

मकर राशि से देखने पर बारहवें भाव में गुरु, मंगल और केतु की युति है और राहु छठे भाव में है। अगर स्वतंत्र भारत की कुंडली से देखें तो भी यह युति आठवें और दूसरे भाव में प्रभाव दे रही है। ग्रहों की यही स्थिति शेयर बाजार को बराबर कमजोर बना रही है। सबसे ज्यादा असर बृहस्पति की वजह से पड़ रहा है।

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30 मार्च के बाद जब बृहस्पति मकर राशि में जाएगा जोकि बृहस्पति की नीच राशि है और वहां रहने के बाद शेयर बाजार में कुछ गति देखने को मिलेगी लेकिन जब बृहस्पति वक्री होकर पुनः धनु राशि में लौटकर आएगा तब स्थिति और बिगड़ सकती है। 

इसका सबसे ज्यादा असर  जिन शेयरों पर पड़ेगा उनमें बैंकिंग, एफएमसीजी, फाइनेंस, सरसों, गेहूं, इंश्योरेंस, सोना, कांसा, खाद्य तेल, जहाज़रानी, गारमेंट्स, टैक्सटाइल, पब्लिकेशन, मीडिया, एफएमसीजी, इंश्योरेंस, टेक्सटाइल, पेपर, टेलीकम्युनिकेशन, एक्सपोर्ट, आईटी, मोबाइल, इंटरनेट, कॉटन, कृषि उत्पाद और अनाज प्रमुख हैं।”

सुनील बारमोला जी की भविष्यवाणी, “वर्तमान समय में मिथुन व धनु राशि में भ्रमण कर रहे राहु – केतु ग्रह और कालपुरुष जन्मकुंडली के अनुसार शेयर मार्केट का कारक ग्रह शुक्र के परम मारकेश होने के कारण शेयर मार्केट में गिरावट बरकरार रहेगी।   

धात्विन्द्रजाल कुशल प्रवन्चक स्तेय कर्म कुशलश्च।कुजसौरयोर्विधर्मः शस्त्रविषघ्नः कलिरूचिः स्यात्।।

सारावली ग्रंथानुसार ग्रह के एकचौथाई समाप्ति से पूर्व ही दूसरे भाव का फल देना प्रारम्भ कर देता है। इसे शेयर मार्केट के संदर्भ में समझें तो मंगल ग्रह स्थान परिवर्तन करने  जा रहा है और शनि के साथ युक्त हो कर महामारी जैसे उत्पात और गिरावट के योग बरकरार रखने के संकेत दे रहा है। शेयर बाजार में गिरावट का ये माहौल मार्च के आखिर तक बहुत तेज, फिर अप्रैल के आखिर तक धीमे रुप में बना रहेगा।

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कल पुर्जे, चमड़े की चीजें, काले रंग की वस्तुएँ, कोलतार, टीन, सीसा, वाहन तथा गेहूँ के दाम धीरे धीरे बढ़ेंगे।  सोना, चांदी, जवाहरात, जस्ता, हरड़, टिन, पाट, तम्बाकू, खांड, गुड़, आलू, अदरक, प्याज, बैंकों के शेयर, रबड़, नकली सिल्क और नमक में उतार चढ़ाव बना रहेगा।

विशेषकर जुलाई से सितंबर के मध्य शेयर बाजार में बहुत ही ऊंचा उतार-चढ़ाव आ सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि शेयर मार्केट में हल्का-फुल्का बदलाव मार्च से जून के मध्य में देखने को मिलेगा। हालांकि सितंबर के बाद ही कुछ बड़ी उम्मीद की जा सकती है।”

ज्योतिषी योगेश दरिरा की भविष्यवाणी, “स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार, बृहस्पति अब मंगल और केतु ग्रहों, जिन्हें पुरुष ग्रहों का दर्ज़ा प्राप्त है उनके साथ आठवें घर में विराजमान है। जो कि साफ़तौर पर अर्थव्यवस्था में मंदी और ठहराव को दर्शाता है। हालाँकि 29 मार्च 2020 से चीज़ें थोड़ी बेहतर होने की संभावना है क्योंकि यह वो समय होगा जब  बृहस्पति स्वतंत्र भारत के भाग्य के नौवें घर में अपने स्वामी शनि और उच्च के मंगल के साथ मौजूद होगा, जो विदेशी गठबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र कुंडली के सातवें घर पर भी शासन करता है।

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ये  बात साफ़ इस तरफ इशारा करती है कि सरकार की मदद से शेयर बाजार अपने स्वरूप को एक बार फिर से हासिल करना शुरू कर देगी। यह गोचर भारतीय स्वतंत्र कुंडली के चंद्र राशि कर्क से सातवें घर में भी हो रहा है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि विदेशी निवेश से भारतीय शेयर बाजार में धन की आमद होने की भी संभावना है।

मंगल और शनि दोनों ही ग्रह टेक्नॉलजी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो इस ओर इशारा करती है कि इस दौरान तकनीकी दिग्गज कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छी प्रगति कर सकती हैं। यह स्थिति 30 जून 2020 तक रहने वाली है जब तक गुरु अपनी वक्र अवस्था में धनु राशि में वापस गोचर नहीं करते। 

इसके अलावा, 7 अप्रैल को, स्वतंत्र भारत की कुंडली के पंचम भाव के स्वामी बुध अपनी दुर्बल स्थिति में रहेंगे और 25 अप्रैल तक यह इसी अवस्था में रहेंगे। हालांकि यह एक शुभ नीच भंग राज योग का भी निर्माण कर रहे हैं तो इस अवधि में बाजार में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा सकती है। हालाँकि 25 अप्रैल के बाद यह एक बार फिर नीचे जा सकता है।”

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