भगवान शिव अपने रौद्र औऱ सौम्य दोनों ही रुपों के लिये प्रसिद्ध हैं। यदि सच्चे मन से इनकी अराधना की जाए तो ये अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं। भगवान शंकर हिंदू धर्म के मुख्य देवताओं में से एक तो हैं ही साथ ही इन्हें आदियोगी भी कहा जाता है। सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों ही क्षेत्रों के लोगों के द्वारा भगवान शिव को पूज्य का दर्जा दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने ही योग-ध्यान की शुरुआत की थी। ऐसे में यदि आप कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें तो मानसिक रुप से खुद को स्वस्थ कर सकते हैं।
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भगवान शिव के शिष्यों में शनि देव, कश्यप ऋषि और रावण का नाम मुख्य है। भगवान शिव संसार के सभी जीवों को एक दृष्टि से देखते हैं इसलिये उनके भक्तों की संख्या अन्य देवताओं की तुलना में ज्यादा है। संसारी और वैरागी दोनों ही वर्गों के लोगों द्वारा शिव की भक्ति की जाती है।
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भगवान शिव को प्रसन्न करने और मानसिक शांति पाने के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति देने वाला माना जाता है। इसका निरंतर जाप करना जीवन की कई मुश्किलों को दूर कर देता है। कोरोना जैसी महामारी के दौर में यह मंत्र आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
अर्थ- हम तीन नत्रों वाले उन भगवान शिव की पूजा करते हैं जो अपनी कृपादृष्टि से संसार का भरण-पोषण कर रहे हैं। भगवान शिव से हम प्रार्थना करते हैं कि वो हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें।
शिव मंत्र स्तुति
इस मंत्र का जाप करने से बुरी शक्तियों से तो छुटकारा मिलता ही है साथ ही घर में यदि नकारात्मक शक्तियों का वास है तो वो भी दूर हो जाती हैं। कोरोना के दौर में आपमें नकारात्मकता पैदा हो सकती है इससे बचने के लिए भी यह मंत्र कारगर है।
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य
दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति
व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीश:।।
अर्थ- भगवान शिव की इस स्तुति के साथ भक्त कामना करते हैं कि भगवान शिव मेरे सभी बुरे स्वप्नों, मन की बुरी भावनाओं, अपशकुन, गलत संगति, डर, चिंता, अशांति, ग्रह दोष, बीमारी से मेरी सुरक्षा करें।
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शिव ध्यान मंत्र
इस मंत्र का जाप भक्तों द्वारा पापों से मुक्ति के लिये किया जाता है। यह मंत्र व्यक्ति को आत्मशक्ति प्रदान करता है और आत्म को शुद्ध करता है।
करारचंद्रम वैका कायाजम कर्मगम वी
श्रवणनजम वा मनामम वैद परामहम
विहितम विहताम वीए सर मेट मेटाट
क्षासव जे जे करुणाबधे श्री महादेव शंभो
इस मंत्र का जप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके साथ ही व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रुप से सशक्त होता है।
शिवजी का बीज मंत्र
।।ह्रौं।।
यह शिव भगवान का बीज मंत्र है। इस मंत्र का नित्य जाप करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। शिवजी के बीज मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु से व्यक्ति बच जाता है।
शिव गायत्री मंत्र
‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।’
इस मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना जाता है और इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र का जाप करने की शुरुआत किसी भी सप्ताह के सोमवार से करनी चाहिये।
भगवान शिव के प्रचलित मंत्र और उनके लाभ
नीचे हम भगवान शिव के कुछ प्रचलित मंत्रों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। इन मंत्रों का जाप करने से आप जीवन की कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
ॐ नमः शिवाय
भगवान शिव का यह मंत्र सबसे ज्यादा प्रचलित है। कहा जाता है कि इस मंत्र में कितनी शक्ति है इसके बारे में अभी तक किसी को पता नहीं है। कुछ विद्वान इस मंत्र को गलत मानते हैं क्योंकि यह पंचाक्षरी मंत्र नहीं है। नमः शिवाय को भगवान शिव का सही पंचाक्षरी मंत्र माना जाता है। हालांकि मंत्र जाप में सबसे महत्वपूर्ण आपकी भावना को माना जाता है इसलिये यदि आप इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करते हैं तो आपकी कई परेशानियां दूर हो जाती हैं।
ॐ नमो: भगवते रुद्राय
भगवान शिव के इस मंत्र को भी बहुत शुभफलदायक माना जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में विघ्न बधाएं नहीं आती। इस मंत्र के जाप से समाज में व्यक्ति को सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
ॐ महादेवाय नम:
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में धन-समृद्धि आती है। इस मंत्र के निरंतर जाप से व्यक्ति को लक्ष्मी प्राप्ति में कभी परेशानी नहीं आती। घर में संपन्नता बनी रहती है।
ॐ शंकराय नम:
भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही किसी प्रकार का भय यदि आपको सता रहा है तो वह भी इस मंत्र के जाप से दूर हो जाता है।
ॐ ह्रौं जूँ सः मम पालय पालय स: जूँ ह्रौं ॐ
इस मंत्र का जाप करने से आपको गंभीर से गंभीर बीमारियों से झुटकारा मिलता है।
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ऊपर दिये गये भगवान शिव से संबंधित मंत्रों का यदि आप जाप करते हैं तो शिवजी की कृपा आपको प्राप्त होती है। सभी देवों में से भगवान शिव ही ऐसे हैं जो अपने भक्तों की भलाई के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं और इसलिये उन्हें देवों का देव कहा जाता है।
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