माँ शक्ति के अनेक रूपों में से शीतला माता को बेहद प्रमुख माना जाता है। हिन्दू धर्म में शीतला माता को मुख्य रूप से सभी मनोकामनाओं की पूर्ती करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इसके साथ ही उन्हें सभी रोगों से मुक्ति दिलाने देवी का रूप भी माना जाता है। शीतला माता की पूजा सावन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को जाती है। आज हम आपको मुख्य रूप से शीतला सप्तमी के दिन व्रत रखने के महत्व और इसके लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इस दिन व्रत रखकर आपको क्या लाभ मिल सकते हैं।
शीतला सप्तमी पूजा विधि
आज के दिन शीतला माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए खासतौर से भक्त उनका व्रत रखते हैं और विधि पूर्वक माँ की आराधना करते हैं। इसके लिए सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर ठंडे पानी से स्नान करें। इसके बाद शीतला माता के मंदिर जाकर उन्हें स्वच्छ जल अर्पित करें और विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करें। पूजा के दौरान निम्नलिखित नियमों का पालन जरूर करें।
- सबसे पहले माँ को लाल रंग के फूल अर्पित करें और उसके बाद धूप दीप दिखाएं।
- माँ को श्रीफल और चने का दाल चढ़ाएं, बता दें कि शीतला माता को चढ़ाये जाने वाले चने की दाल को एक दिन पहले ही पानी में भिगोकर रख दिया जाता है।
- ध्यान रखें की शीतला माता को हमेशा ही ठंडा प्रसाद चढ़ाया जाता है, इसलिए प्रसाद एक रात पहले ही तैयार कर लें।
- पूजा विधि समाप्त होने के बाद शीतला माता की कथा जरूर सुननी चाहिए।
- घर लौटने पर अपने मुख्य द्वार पर हल्दी से पांच बार अपने हाथ का छाप लगाएं।
- शीतला माता को चढ़ाये गए जल भी थोड़ा घर लेकर जाए और उसका छींटा पूरे घर में मारे।
- शीतला सप्तमी के दिन घर में चूल्हा जलाना वर्जित माना जाता है, इस दिन खाये जाने वाले भोजन भी एक दिन पहले ही बना लें।
आज के दिन व्रत रख आप निम्न लाभ पा सकते हैं
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शीतला सप्तमी के दिन व्रत रखने से परिवार में सभी सदस्यों से चेचक, बुखार, फोड़े-फुंसी और आँखों से जुड़ी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से लोग विभिन्न रोगों से मुक्ति पाने के लिए आज के दिन व्रत रखते हैं। बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए माँ आज के दिन शीतला माता व्रत जरूर रखती हैं। इसके साथ ही शादी शुदा महिलाएं भी आज के व्रत रखकर शीतला माता से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं।