13 मार्च को है शनैश्चरी अमावस्या, पितरों की शांति के लिए अवश्य करें ये काम

अमावस्या जब शनिवार के दिन पड़ रही हो तो इसे शनैश्चरी अमावस्या कहते हैं और इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करना बेहद ही आसान होता है। इस वर्ष मार्च में शनैश्चरी अमावस्या 13 मार्च 2021 के दिन मनाई जाएगी। अब जानते हैं कि आखिर शनैश्चरी अमावस्या का महत्व क्या होता है? शनैश्चरी अमावस्या का नियम क्या होता है और व्यक्ति के जीवन में शनिदेव का क्या प्रभाव होता है।

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। कहते हैं शनिदेव व्यक्ति को उसके अच्छे बुरे कर्म के आधार पर फल देते हैं। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि तुला राशि या उत्तम भाव में स्थित होते हैं तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन में बेहद ही कम समय में बड़ी सफलता हाथ लगती है और अगर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में मौजूद हो तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में तमाम तरह की दिक्कत और परेशानियां खड़ी होने लगती है। 

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कुंडली के ग्रह व्यक्ति के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। ऐसे में जो कोई भी ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद होता है तो व्यक्ति के जीवन में उठापटक मच जाती है। अलग-अलग ग्रहों की शांति के लिए अलग-अलग दिन और उपाय बताए गए हैं। इसी कड़ी में शनि ग्रह को शांत करने के लिए शनैश्चरी अमावस्या के दिन कुछ बेहद ही सरल और सटीक उपाय किए जा सकते हैं। साथ ही शनैश्चरी अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति और प्रसन्नता भी बेहद ही आसानी से हासिल की जा सकती है। 

शनैश्चरी अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के तरीके 

  • इस दिन स्नान करके साफ कपड़े पहने और स्वादिष्ट भोजन और खीर बनाएं। इसके बाद घर में दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके अपने पितरों का ध्यान करें। इसके साथ अनजाने में भी अपनी किसी भूल के लिए माफ़ी मांगे। इसके बाद बनाए हुए भोजन को पितरों को भोग लगाएं और इसके बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को उसका दान कर दें।  
  • शनैश्चरी अमावस्या के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं और गाय की सेवा करें। 
  • शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे अपने पितरों के नाम से भोजन निकाल कर रख दें। इसके बाद इस दिन अपने पितरों के नाम से भोजन, दवाई, ज़रूरत की चीज जैसे वस्त्र इत्यादि ज़रूरतमंदों को दान करें। 

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शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनैश्चरी अमावस्या के दिन करें ये काम 

जैसा कि, हमने पहले भी बताया है कि, शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। ऐसे में शनि देव की प्रसन्नता अपने जीवन में बनाए रखने के लिए बुरे काम से जितना हो सके दूर रहे। अपनी यथाशक्ति के अनुसार जरूरतमंदों, निर्धनों और गरीब लोगों की मदद करें। शनिवार के दिन शनि मंदिर जाएं और शनिदेव की प्रार्थना करें और मुमकिन हो तो व्रत करें। शनिदेव को उड़द दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं। 

विशेष रूप से शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाएं। ॐ शं शनिश्चरायै नमः मंत्र का सूर्यास्त के बाद जाप करें। ऐसा करने से आपकी नौकरी में आने वाली किसी भी तरह की समस्या या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होगी। 

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इसके अलावा आप शनैश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने या अपने जीवन में शनिदेव आशीर्वाद बनाए रखने के लिए आप इस दिन सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा करें। यह पूजा शाम के समय करें। इस दिन भैरव देवता और हनुमान जी के दर्शन अवश्य करें। इस दिन हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक पाठ करें। शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे शनि देवता के सभी नामों का पाठ करें। 

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