शनि साढ़े साती 2024: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है क्योंकि यह लोगों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। वहीं, हिंदू धर्म में शनि महाराज सूर्य देव के पुत्र माने गए हैं और इन्हें सबसे शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। शनि देव सभी नौ ग्रहों में सबसे मंद गति से चलते हैं इसलिए इनकी चाल, दशा और स्थिति में होने वाला परिवर्तन लोगों को अत्यधिक प्रभावित करता है। ऐसे में, जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, और महादशा आती है, तो वह उस इंसान के जीवन में काफ़ी उतार-चढ़ाव लेकर आती है।
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वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को अत्यंत क्रूर ग्रह माना जाता है जो किसी व्यक्ति को राजा से रंक बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको उन राशियों के बारे में बताएगा जिन पर शनि की साढ़े साती या शनि की ढैय्या चल रही है। इसके अलावा, अगले वर्ष में होने वाले शनि के गोचर से किन राशियों पर होगा शनि साढ़े साती या ढैय्या का आरंभ? यह भी हम आपको बताएंगे। आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की।
क्या होती है शनि की साढ़ेसाती?
ज्योतिष के अनुसार, शनि की साढ़े साती में ढाई-ढाई साल के तीन चरण होते हैं। बता दें कि इसका पहला चरण व्यक्ति के भीतर आलस्य बढ़ता है और जातक का मन किसी काम में नहीं लगता है। अगर मन लग भी जाता है तो वह उसे पूरा नहीं कर पाता है। साढ़े साती के प्रथम चरण में शरीर और स्वास्थ्य में बदलाव देखने को मिलता है। वहीं, इसका दूसरा चरण आपसे ख़ूब मेहनत करवाता हैं, लेकिन यह आपको मेहनत के तुरंत परिणाम प्रदान करते हैं। शनि साढ़े साती का तीसरा और अंतिम चरण पिछले दो चरणों की तुलना में कम हानिकारक माना गया है। इस दौरान जातक को आर्थिक और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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कुंभ राशि में विराजमान हैं शनि देव
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि शनि देव सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। इस वजह से इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग ढाई वर्ष का समय लगता है। वर्तमान समय में शनि महाराज अपनी राशि कुंभ में मौजूद हैं। पिछले साल शनि का कुंभ राशि में गोचर 17 जनवरी 2023 को हुआ था, तब से यह इसी राशि में स्थित हैं। बता दें कि शनि देव का अगला गोचर 29 मार्च 2025 यानी कि अगले वर्ष में होगा, उस समय यह कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में, यह अगले ढाई साल मीन राशि में ही रहेंगे।
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इन राशियों पर चल रही है शनि साढ़ेसाती और ढैय्या
वर्ष 2023 में शनि महाराज कुंभ राशि में 17 जनवरी 2023 को प्रवेश कर गए थे और वह 29 मार्च 2025 तक इसी राशि में रहेंगे। शनि के कुंभ राशि में होने के कारण मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि वालों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव होने के कारण कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है।
मकर राशि पर खत्म होगी साढ़ेसाती
वैदिक ज्योतिष की मानें, तो मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। इनकी साढ़ेसाती का आरंभ 26 जनवरी 2017 को हुआ था और इसका अंत अगले साल 29 मार्च 2025 को हो जाएगा।
कुंभ राशि को मिलेगा शनि साढ़ेसाती से छुटकारा
कुंभ राशि वाले शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में हैं और इनकी साढ़े साती का अंत 23 फरवरी 2028 को हो जाएगा।
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2030 तक मीन राशि पर रहेगी साढ़ेसाती
गुरु ग्रह की राशि मीन साढ़ेसाती के पहले चरण में चल रही है। ऐसे में, यह राशि 07 अप्रैल 2030 तक साढ़े साती के प्रभाव में रहेगी।
कब और किस समय शुरू होगी राशियों पर साढ़े साती?
मेष राशि: राशि चक्र की पहली राशि मेष पर साढ़ेसाती की शुरुआत 29 मार्च 2025 से होगी और यह 31 मई 2032 तक रहेगी।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती 03 जून 2027 से लेकर 13 जुलाई 2034 तक रहेगी।
मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों की शनि साढ़े साती का आरंभ 08 अगस्त 2029 से होगा और इसका अंत 27 अगस्त 2036 को हो जाएगा।
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कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों पर साढ़ेसाती 31 मई 2032 को शुरू होगी और इन्हें 22 अक्टूबर 2038 को साढ़े साती से छुटकारा मिलेगा।
सिंह राशि: सिंह राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 13 जुलाई 2034 से शुरू होकर 29 जनवरी 2041 तक चलेगी।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों की शनि साढ़े साती का आरंभ 27 अगस्त 2036 से होगा और इसका अंत 12 दिसंबर 2043 को होगा।
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तुला राशि: तुला राशि के लोगों पर शनि की साढ़े साती 22 अक्टूबर से शुरू होगी और इसका अंत 08 दिसंबर 2046 को हो जाएगा।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों पर शनि साढ़े साती 28 जनवरी 2041 से शुरू होकर 3 दिसंबर 2049 तक रहेगी।
धनु राशि: धनु राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक चलेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. शनि के कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़े साती चल रही है।
उत्तर 2. शनि मंदिर जाएं और शनि चालीसा का पाठ करें।
उत्तर 3. जातक को शनिवार के दिन व्रत और जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।