नवरात्रि का पावन त्यौहार शुरू हो चुका है और इसी दौरान जल्द ही शनि ग्रह अपनी चाल बदलने वाले हैं, अर्थात वक्री से मार्गी होने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह अपना राशि परिवर्तन या नक्षत्र परिवर्तन आदि करता है, वक्री से मार्गी होता है या मार्गी से वक्री होता है या फिर उदय या अस्त होता है, या फिर अपनी नीच स्थिति से उच्च स्थिति में आता है तो ऐसे में देश, दुनिया, और हमारे आपके जीवन और प्रकृति आदि पर इसका कुछ ना कुछ शुभ अशुभ प्रभाव अवश्य पड़ता है।
तो आइए जानते हैं कि शनि ग्रह किस दिन और किस राशि में अपना गति परिवर्तन करने जा रहा है? इसका देश, दुनिया, राजनीति, व्यापार, शेयर मार्किट और हमारे आपके जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने वाला है?
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कब हो रहा है शनि मार्गी?
सबसे पहले बात करें समय और राशि की तो, शनि ग्रह 11 अक्टूबर 2021 को सुबह 3 बजकर 44 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो जाएगा।
शनि मार्गी
ग्रहों की मार्गी स्थिति का अर्थ होता है जब कोई ग्रह वक्री स्थिति (उलटी चाल) से सीधी दिशा में हो जाता है या फिर सीधी गति में चलने लगता है। ऐसे में शनि मार्गी का भी अर्थ हुआ की अबतक मकर राशि में वक्री स्थिति में रहने वाले शनि ग्रह दोबारा अपनी सीधी स्थिति में वापिस लौट रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि का मार्गी होना बेहद ही महत्वपूर्ण घटना माना गया है। मुमकिन है जिन लोगों को शनि की वक्री स्थिति के दौरान परेशानियों और तकलीफों का सामना करना पड़ा था शनि की मार्गी स्थिति उनके जीवन में राहत और सुकून के कुछ पल लेकर आएगी और उनको शनि के मार्गी होने से शुभ फल प्राप्त हो सकता है।
ज्योतिष में शनि ग्रह को क्रूर ग्रह का दर्जा प्राप्त है और इस वक्त शनि ग्रह मकर राशि में वक्री स्थिति में हैं। 11 अक्टूबर को शनि मार्गी (सीधी स्थिति) हो जाएंगे। शनि ग्रह सभी नौ ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। यह एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने में तकरीबन ढाई वर्ष का समय लगा देता है।
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ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व और उससे मिलने वाला फल
बहुत से लोगों के दिलों दिमाग में आज भी यह धारणा है कि शनि एक क्रूर ग्रह है। हालांकि यह पूर्णता सत्य नहीं है। असल में ज्योतिष की दुनिया में शनि ग्रह को न्याय कर्मफल देवता माना गया है। अर्थात शनि ग्रह व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जिन व्यक्तियों के कर्म अच्छे होते हैं उन्हें शुभ फल प्राप्त होता है वहीं, जिन लोगों के काम अच्छे नहीं होते हैं उन्हें शनि दंड देते हैं। ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों के कर्म अच्छे होते हैं उन्हें शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
जानकारी: वर्तमान समय में मिथुन राशि और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या और धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। ऐसे में मुमकिन है कि, इन राशियों पर शनि के मार्गी होने का ज्यादा प्रभाव पड़े।
मकर राशि में मार्गी शनि का देश और दुनिया पर प्रभाव
- मेक इन इंडिया पॉलिसी को इस समय लाभ मिलेगा। साथ ही लोग आगे बढ़ते हुए इस अप्रोच में ढलना शुरू कर देंगे।
- आर्थिक क्षेत्र में कुछ बड़े बदलाव आदि होने की उम्मीद की जा सकती है।
- भारत को एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए उद्योगों में बढ़ोतरी होने के प्रबल आसार हैं।
- चीन को मात देने के लिए भारत वैश्विक उत्पादन के मामले में और अधिक क्षमता और तैयारी के साथ नज़र आएगा।
- भारत में विदेशी स्रोतों से बड़े निवेश होंगे, जिससे उत्पादन और आईटी क्षेत्र में उछाल होने की प्रबल संभावना है।
- सरकार की कुछ नीतियों में थोड़े समय के लिए कुछ खामियां देखी जाएंगी लेकिन लंबे समय में उन योजनाओं और पुरानी नीतियों, जो पहले काम नहीं कर रही थी में कुछ प्रगति होने के प्रबल आसार हैं।
- सरकार किसानों और आम लोगों की मांगों को पूरा करने में विफल रहने वाली है, जिससे सामान्य कल्याण के लिए अथक प्रयास करने के बावजूद आम आदमी के सामने सरकार की छवि धूमिल हो सकती है।
- भारत मजबूत होगा और कूटनीतिक रूप से अच्छे पदों पर आसीन नज़र आएगा और विदेशों के साथ उनकी व्यापारिक डील्स और रिश्ते मजबूत हो सकते हैं ।
- बेरोजगारी की स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
- देश की अर्थव्यवस्था में भी नए बदलाव देखने को मिलेंगे।
- इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में निवेश बढ़ेगा जिससे इन कंपनियों का अच्छा समय देखने की प्रबल संभावना है।
- सामान, भारी धातुओं और तेल क्षेत्र के स्टॉक में उछाल आएगा।
- महामारी के संदर्भ में बात करें तो, इस बीमारी से ठीक होने की दर धीमी हो जाएगी और महामारी के रोगों के प्रभाव को नियंत्रित नहीं किया जा सकेगा।
- तमाम उपाय आदि करने के बावजूद वायरस और संक्रमण फैलने में कामयाब रहेंगे।
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शनि ग्रह से संबंधित कुछ ज्योतिषीय उपाय
हर व्यक्ति के लिए शनि एक समान फल नहीं प्रदान करते हैं। शनि की प्रकृति और शनि के प्रभाव से मिलने वाला फल व्यक्ति की जन्म कुंडली के ग्रह योग, महादशा, अंतर्दशा, आदि पर निर्भर करता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह निर्बल अवस्था या फिर पाप स्थिति में विराजित होते हैं तो ऐसे व्यक्तियों को तमाम परेशानियों और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही शनि देव ऐसे व्यक्तियों को पूर्ण फल देने में असमर्थ रहते हैं। ज्योतिष में ऐसे व्यक्तियों को शनि ग्रह से संबंधित कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है।
- जीवन में ज्यादा से ज्यादा काले रंगों का प्रयोग करें (हालांकि यदि कुण्डली में शनि शुभ या शत्रुत्व नहीं है तो ऐसा नहीं किया जाना चाहिए) और शनिवार को रबड़, लोहा, इत्यादि से संबंधित चीजें खरीदने से बचें।
- शनिवार के दिन शनि की होरा में दोपहर या फिर शाम को साबुत उड़द, लोहा, तिल के बीज, काले कपड़े आदि का मजदूरों को दान करें।
- किसी विद्वान और जानकार ज्योतिष से परामर्श करने के बाद नीलम रत्न धारण करें। यह शुभ रत्न शनि ग्रह के शुभ फल लाने में सक्षम होता है।
- किसी दुर्बल, असहाय, और दीन हीन को गलती से भी परेशान ना करें। ऐसा करने से शनिदेव कुपित हो जाते हैं और आप उनके दुषपरिणाम से फिर कोई नहीं बचा सकता।
- अपने माता पिता, गुरु, देवी, देवताओं, की पूजा करें और शनिवार के दिन उपवास और पूजा, दान आदि करें।
- शनिदेव के मंत्र ॐ शं शनिश्चरायै नमः का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें।
- शनिवार के दिन मंदिर अवश्य जाएं और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा अवश्य करें। कहा जाता है हनुमान भगवान की पूजा करने से भी व्यक्ति को शनि ग्रह से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
- यदि आपकी कुंडली में भी शनि ग्रह से संबंधित कोई दोष मौजूद है तो शिव चालीसा का पाठ करना आपके लिए उत्तम साबित हो सकता है।
इसके अलावा शनि ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए राशिनुसार भी कुछ उपाय बताये गए हैं।
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शनि ग्रह की कृपा दिलाएंगे ये राशिनुसार उपाय
मेष राशि: शनिवार के दिन रुद्राभिषेक कराएं।
वृषभ राशि: महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि: महाराज दशरथकृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करना फलदायी साबित होगा।
कर्क राशि: लोहे के कटोरे में तेल भरकर उसमें अपनी छाया देखें और फिर उसे दान कर दें।
सिंह राशि: काले तिल और साबुत उड़द का दान करें।
कन्या राशि: शनिदेव के बीज मन्त्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें।
तुला राशि: शमी वृक्ष को जल दें और उसकी पूजा करें।
वृश्चिक राशि: गरीबों और ज़रुरतमंदों की पूजा करें।
धनु राशि: चींटियों को चीनी और आटा खिलाएं।
मकर राशि: महाराज दशरथकृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करें।
कुम्भ राशि: नीलम रत्न धारण करें। हालाँकि पहले किसी विद्वान् ज्योतिषी से परामर्श अवश्य ले लें।
मीन राशि: छोटो को प्यार दें, बड़ों को सम्मान दें और किसी धार्मिक स्थल की साफ़ सफाई अवश्य करें।
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