एस्ट्रोसेज द्वारा प्रस्तुत यह चंद्र ग्रहण 2021 का विशेष आर्टिकल आपके लिए खास तैयार किया गया है, यह जिसमें हम आपको इस चंद्रग्रहण से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेंगे। इस विशेष आर्टिकल में हम यह भी जानेंगे कि चंद्र ग्रहण 2021 आपके जीवन पर किस प्रकार के प्रभाव डालने वाला साबित हो सकता है और इस दौरान किन्हें खास फायदा होने की उम्मीद है और किन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इन सभी बातों को जानने के लिए आइए जानते हैं नवंबर 2021 का दूसरा चंद्र ग्रहण।
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चंद्र ग्रहण क्या है
चंद्रग्रहण एक विशेष खगोलीय घटना है, जिसे हम अपनी आंखों से स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि सौरमंडल में ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं और हमारा प्रिय ग्रह पृथ्वी, जिस पर हम निवास करते हैं, वह भी सूर्य का चक्कर लगाते हुए अपने अक्ष पर भी घूमती है तथा पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा की पृथ्वी के चक्कर लगाता है। कभी-कभी यह अपनी कक्षा में चक्कर लगाते हुए कुछ विशेष स्थिति में आ जाते हैं। उसी के अनुसार ग्रहण की घटना दिखाई देती है।
ऐसा तब होता है, जब ऐसी विशेष स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और तब सूर्य से आने वाला प्रकाश सीधा पृथ्वी पर आता है और चंद्रमा पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को कम कर देती है, जिससे वह मद्धिम सा दिखाई देने लगता है या कभी कभी दिखाई नहीं देता है। इसी घटना को चंद्रग्रहण कहते हैं।
पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को घटित होता है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण भी हो सकता है और आंशिक सूर्यग्रहण भी या फिर उपच्छाया चंद्र ग्रहण भी।
पूर्ण चंद्र ग्रहण कब घटित होता है जब पृथ्वी की छाया द्वारा चंद्रमा का पूरा भाग छिपा लिया जाता है और चंद्रमा की केवल छाया मात्र ही महसूस होती है, तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है। कई बार यह आकृति कुछ कम होती है तो इसे आंशिक चंद्रग्रहण की संज्ञा दी जाती है और कभी-कभी केवल चंद्रमा की कान्ति मलिन सी प्रतीत होती है लेकिन उसका कोई भाग ग्रस्त नहीं होता है। तब उसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं।
चंद्रग्रहण एक ऐसी घटना है जो अनेक सहस्त्र वर्षों से धरती पर रहने वाले प्राणियों द्वारा देखी जा रही है। कभी यह कौतूहल का विषय होती है तो कभी ज्ञान बढ़ाने का। आज वर्तमान समय में लोग चंद्रग्रहण क्या होता है, इसके बारे में अच्छे से जानते हैं और इसलिए वे इस से घबराते नहीं है बल्कि इसको देखने का प्रयास करते हैं जबकि इससे पूर्व यह एक अचंभे की बात होती थी और लोग कई बार डर जाया करते थे लेकिन अब जैसे-जैसे मानव का क्रमिक विकास हो रहा है तो चंद्रग्रहण को लेकर भी लोगों की सोच बदली है और वह इसे अपनी आंखों से देख कर खुशी महसूस करते हैं क्योंकि उनके लिए यह एक विशेष नजारा होता है। अब यही नजारा नवंबर 2021 में चंद्र ग्रहण के रूप में देखने को मिलेगा, जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में आपके मन की सभी शंकाओं का समाधान प्रदान करने का प्रयास करेंगे।
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19 नवंबर 2021 साल का दूसरा चंद्र ग्रहण
जैसा कि हम जानते हैं कि वर्ष 2021 में कुल मिलाकर दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2021) होंगे। इनमें से एक चंद्रग्रहण 26 मई 2021 को घटित हो चुका है। अब दूसरा चंद्रग्रहण 19 नवंबर 2021 को आकार लेने वाला है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:
चंद्र ग्रहण का प्रकार | दृश्यता | तिथि और समय |
खंडग्रास चंद्र ग्रहण | भारत का पूर्वी सीमांत क्षेत्र जैसे कि अरुणाचल प्रदेश का पूर्वी सीमांत क्षेत्र तेजू चांगबिनती, पश्चिमी यूरोप पश्चिम अफ्रीका उत्तरी अमेरिका दक्षिण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन इंडोनेशिया थाईलैंड रूस चीन एशिया पेसिफिक और अटलांटिक महासागर | 19 नवंबर 2021 |
अधिक जानकारी: उपर्युक्त खंडग्रास चंद्र ग्रहण भारत में केवल पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में ही दिखाई देगा। वह भी तब जब यह ग्रहण समाप्त हो रहा होगा। ऐसे में इस ग्रहण के दौरान शेष सभी क्षेत्रों में, जिनमें ग्रहण नग्न आंखों से दृश्य मान नहीं होगा, उनमें सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
उपरोक्त वर्णित खंडग्रास चंद्रग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार के दिन अर्थात 19 नवंबर 2021 को घटित होगा। यदि भारतीय समय के अनुसार बताया जाए तो यह सुबह 11:32 से सायंकाल 17:33 तक रहेगा। इस प्रकार भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश और देश के पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में चंद्रोदय के समय यह समाप्त होता हुआ चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा।
खंडग्रास चंद्रग्रहण के ज्योतिषीय समीकरण
19 नवंबर 2021 को घटित होने वाला खंडग्रास चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में आकार लेगा। कृतिका नक्षत्र सूर्य देव का नक्षत्र है जबकि वृषभ राशि शुक्र देव के आधिपत्य में आती है। इस प्रकार यह खंडग्रास चंद्रग्रहण चंद्रमा, सूर्य और शुक्र ग्रह से संबंधित लोगों पर विशेष रूप से प्रभाव डालने वाला रहेगा। चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है और शरीर में 70% जल तत्व होता है, जिस पर चंद्रमा का आधिपत्य होता है। इस प्रकार यह चंद्र ग्रहण आम जीवन को प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है। जिस समय यह चंद्रग्रहण घटित होगा, उस समय वृषभ राशि से अष्टम भाव में शुक्र गतिमान होंगे और नवम भाव में शनि देव और बृहस्पति देव की युति हो रही होगी। वहीं छठे भाव में मंगल महाराज भी बुध देव के साथ युति कर रहे होंगे। इन सभी ग्रह स्थितियों का देश और दुनिया पर व्यापक रूप से प्रभाव दृष्टिगोचर होगा। आइए जानते हैं कि वह कैसा प्रभाव हो सकता है।
खंडग्रास चंद्रग्रहण का देश और दुनिया पर प्रभाव
खंडग्रास चंद्रग्रहण वृषभ राशि में घटित हो रहा है। यदि हम स्वतंत्र भारत की कुंडली से देखें तो स्वतंत्र भारत की कुंडली की राशि कर्क और लग्न वृषभ ही है इसलिए स्वतंत्र भारत की कुंडली के लग्न भाव में ही यह चंद्रग्रहण घटित हो रहा है, इसलिए इसका प्रभाव भारत देश पर भी पड़ेगा लेकिन दूसरे शब्दों में कहें तो भारत के केवल पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में ही यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, जिसके परिणाम स्वरूप पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में तनाव देखने को मिल सकता है। विशेष रूप से सीमावर्ती इलाकों में विदेशी देशों की सक्रियता बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस ग्रहण के प्रभाव से जहां स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि की संभावना हो सकती है तो वहीं सत्ताधारी सरकार के लिए भी कुछ चुनौतियां अचानक से प्रस्तुत हो सकती हैं।
इस दौरान कुछ संक्रामक बीमारियों के जोर पकड़ने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है इसलिए इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। यह चंद्र ग्रहण भारतवर्ष के विरोधी देशों की सुगबुगाहट का भी साक्षी बन सकता है। इसका तात्पर्य यह है कि विशेष रुप से पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में विदेशी सक्रियता देखने को मिल सकती है जो कि एक महत्वपूर्ण विषय साबित हो सकता है।
इस चंद्रग्रहण के परिणामस्वरूप महिलाओं की स्थिति में कुछ गिरावट आ सकती है। उनके साथ होने वाली समस्याएं बढ़ने की संभावना रहेगी और उनका स्वास्थ्य विशेष रूप से प्रभावित हो सकता है इसलिए उन्हें स्वयं को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करने चाहिए। जो महिलाएं पहले से बीमार चल रही हैं, उन्हें आवश्यक डॉक्टरी चिकित्सा जारी रखनी चाहिए। किसी महिला नेता को स्वास्थ्य हानि की संभावना बन सकती है। हालांकि इस चंद्र ग्रहण के प्रभाव से देश के कर वसूली के लक्ष्य पूरे होने की संभावना बनेगी जिससे सरकार की आमदनी और राजकोषीय लाभ में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
ऐसे सभी देश जो वृषभ राशि के अंतर्गत आते हैं, उनके लिए यह ग्रहण ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है और विशेष रूप से वह देश, जहां पर यह ग्रहण दृश्य मान भी होगा। मानसिक तनाव और उन्माद बढ़ने की संभावना रहेगी जिससे कुछ जगहों पर सत्ता संघर्ष देखने को मिल सकता है। जो क्षेत्र पहले से अशांत चल रहे हैं, उनमें और अधिक सक्रियता देखने को मिल सकती है। इसके लिए सरकारों को बड़े कदम उठाने की आवश्यकता पड़ेगी। वर्तमान समय में चल रहा कोरोना वायरस कई देशों में अभी जोर पकड़ सकता है इसलिए उन्हें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए बल्कि इसकी रोकथाम के सभी आवश्यक उपाय और कोरोना टीका करण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मानसिक अवसाद और एक दूसरे के प्रति कटु वचनों का प्रयोग कई राष्ट्रों के मध्य शत्रुता उत्पन्न करने की भूमिका निभा सकता है। इसके प्रति सावधानी बरतना अपेक्षित है।
चंद्र ग्रहण से इन तीन राशियों को होगा फायदा
जब कभी भी कोई खगोलीय घटना होती है तो वह अशुभ हो, ऐसा आवश्यक नहीं बल्कि कुछ लोगों के लिए वह शुभता का संकेत भी होता है। ऐसा ही इस बार भी होने वाला है। यह चंद्रग्रहण कुछ राशियों के लिए बेहद अच्छे फल लेकर आने वाला है और हम आपको बताएंगे कि कौन सी है वह राशियां।
यदि इस खंडग्रास चंद्रग्रहण के प्रभाव की बात करें तो तुला राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के लोगों को इस चंद्रग्रहण के अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। उनके कार्यों में सफलता मिलेगी तथा करियर में आ रही बाधाओं के दूर होने की संभावना बनेगी। यह चंद्रग्रहण उनके जीवन में नए अवसर लेकर आएगा। यदि आपने कहीं नौकरी का आवेदन किया हुआ है तो आपको सफलता मिल सकती है। व्यापारी लोगों को भी इस दौरान लाभ होने के योग बनेंगे।
इस चंद्रग्रहण पर यह तीन राशि वाले रहें सावधान
यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि में हो रहा है इसलिए वृषभ राशि के जातकों को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी। उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त सिंह राशि, वृश्चिक राशि और मेष राशि के जातकों को भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक होगा। उन्हें स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक हानि होने की संभावना बन रही है इसलिए अपने रोजमर्रा के कार्यों को ठीक से अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करें। इसके लिए स्वयं के शरीर पर भी ध्यान दें और खुद को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय अपनाएं तथा कहीं भी बिना सोचे समझे धन का निवेश ना करें क्योंकि ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
खंडग्रास चंद्र ग्रहण के उपाय
वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत चंद्रमा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है जो कि हमारे मन का कारक होने के साथ-साथ जल तत्व का प्रतिनिधित्व भी करता है और हमारे शरीर में कफ प्रकृति पर आधिपत्य रखता है। चंद्रमा का प्रतिदिन घटना और बढ़ना भी अनेक घटनाओं का कारक बनता है और इसी के कारण ज्वार भाटा भी आता है। यह हमारे मानसिक स्तर को भी बताता है। पीड़ित चंद्रमा मानसिक अवसाद और डिप्रेशन की ओर ले जाता है जबकि अच्छी स्थिति का चंद्रमा हमें खुश रहना सिखाता है और हर परिस्थिति में हमें अनुकूलता प्रदान करता है। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर विपरीत प्रकृति के ग्रहों का प्रभाव होने के कारण चंद्रमा पीड़ित अवस्था में आ जाता है इसलिए हमें चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ विशेष उपाय करने चाहिए, जिन्हें करने से हमें समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं कौन से वे विशेष उपाय हैं:
- चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2021) के दौरान चंद्र देव की आराधना करना सर्वाधिक उपयुक्त होता है।
- भगवान शिव अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करते हैं इसलिए उनका नाम चंद्रशेखर, आशुतोष और चंद्रमौलेश्वर भी है इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।
- यदि आप कोई भी मंत्र जाप करना चाहते हैं तो उसके लिए ग्रहण काल सर्वोत्तम होता है क्योंकि इस समय में किया गया जाप कई गुना फल प्रदान करता है।
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- जिन लोगों को अत्यधिक शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है या उनकी बीमारी काफी बढ़ी हुई है तो ग्रहण काल के दौरान उन्हें महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से उनके स्वास्थ्य में अच्छा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
- ग्रहण काल में दान करने का संकल्प लेकर ग्रहण के तुरंत बाद दान की सामग्री किसी योग्य पात्र को दे देनी चाहिए।
- ग्रहण काल में भगवान शिव के साथ माता दुर्गा जी की उपासना करना भी अत्यंत लाभकारी रहता है। यह कुंडली में बन रहे विभिन्न दोषों को भी नष्ट करने वाला माना जाता है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का अन्न जल ग्रहण करने से बचना चाहिए। हालांकि जो बालक या वृद्ध हैं अथवा बीमार हैं, उनके लिए यह बात आवश्यक नहीं है, परंतु अन्य लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए।
- ग्रहण काल के दौरान संक्रमण बढ़ने की संभावना होती है इसलिए ग्रहण के दौरान कोई भी भोजन न करें और ग्रहण के बाद नया भोजन बनाकर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
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