भगवान शिव को रुद्राक्ष आखिर इतना प्रिय क्यों है? रुद्राक्ष धारण करने से क्या लाभ मिलता है? इससे व्यक्ति के शरीर को क्या लाभ मिलता है? हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का इतना महत्व क्यों है? क्या रुद्राक्ष धारण करने की अपनी अलग विधि और नियम होते हैं? और साथ ही रुद्राक्ष धारण करने के बाद क्या कुछ सावधानियां बरतनी होती है? आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं इन सभी सवालों का एक-एक करके सटीक जवाब।
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रुद्राक्ष और भगवान शिव का संबंध
दरअसल रुद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ ‘इलाओकार्पस गैनिट्रस’ का बीज होता है। हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का सीधा संबंध भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है। बहुत से लोग इस बात को मानते हैं कि, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से बना है और इसी वजह से उन्हें बेहद प्रिय है। सिर्फ इतना ही नहीं चमत्कारी रुद्राक्ष को भगवान शिव का आशीर्वाद और स्वरूप भी माना जाता है। स्वयं भगवान शिव रुद्राक्ष अपने शरीर में धारण किए रहते हैं। हालांकि आपको जानकर शायद अचरज हो की अलग-अलग रुद्राक्ष अलग-अलग देवी-देवताओं और मनोकामनाओं से संबंधित माने गए हैं।
किस रुद्राक्ष से संबंधित हैं कौन से देवी देवता?
अब जानते हैं कि, किन देवी देवताओं का संबंध किन रुद्राक्ष से जोड़कर देखा जाता है। साथ ही जानते हैं विभिन्न रूद्राक्ष से किस कामनाओं की पूर्ति होती है और इनके मंत्र क्या हैं।
- एक मुखी रुद्राक्ष: जीवन में शोहरत, पैसा, सफलता के लिए एक मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम माना गया है।
एक मुखी रुद्राक्ष भगवान: भगवान शंकर
एक मुखी रुद्राक्ष ग्रह: सूर्य
एक मुखी रुद्राक्ष राशि: सिंह
एक मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं नम: - दो मुखी रुद्राक्ष: मन की शांति और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम बताया गया है।
दो मुखी रुद्राक्ष भगवान: अर्धनारीश्वर
दो मुखी रुद्राक्ष ग्रह: चंद्रमा
दो मुखी रुद्राक्ष राशि: कर्क
दो मुखी रुद्राक्ष मंत्र:ॐ नम: - तीन मुखी रुद्राक्ष: जीवन में अच्छे स्वास्थ्य की कामना और मन की शुद्धि के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष भगवान: अग्नि देवता
तीन मुखी रुद्राक्ष ग्रह: मंगल
तीन मुखी रुद्राक्ष राशि: मेष और वृश्चिक
तीन मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ क्लीं नम: - चार मुखी रुद्राक्ष: एकाग्रता, रचनात्मकता और मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए चार मुखी रुद्राक्ष सबसे सर्वोत्तम माना गया है।
चार मुखी रुद्राक्ष भगवान: ब्रह्मा देव
चार मुखी रुद्राक्ष ग्रह: बुध
चार मुखी रुद्राक्ष राशि: मिथुन और कन्या
चार मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं नम: - पांच मुखी रुद्राक्ष: आध्यात्मिक कार्य और ध्यान में वृद्धि के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष सबसे सर्वोत्तम माना गया है।
पांच मुखी रुद्राक्ष देवता: भगवान कालाग्नि रूद्र
पांच मुखी रुद्राक्ष ग्रह: बृहस्पति
पांच मुखी रुद्राक्ष राशि: धनु और मीन
पांच मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं नम: - छह मुखी रुद्राक्ष: संचार कौशल, आत्मविश्वास, बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि के लिए छह मुखी रुद्राक्ष सबसे सर्वोत्तम माना गया है।
छह मुखी रुद्राक्ष देवता: भगवान कार्तिकेय
छह मुखी रुद्राक्ष ग्रह: शुक्र
छह मुखी रुद्राक्ष राशि: तुला और वृषभ
छह मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं हूं नम: - सात मुखी रुद्राक्ष: करियर में विकास और आर्थिक संपन्नता के लिए सात मुखी रुद्राक्ष सबसे अच्छा माना जाता है।
सात मुखी रुद्राक्ष देवी: मां महालक्ष्मी
सात मुखी रुद्राक्ष ग्रह: शनि
सात मुखी रुद्राक्ष राशि: मकर और कुंभ
सात मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ हूं नम: - आठ मुखी रुद्राक्ष: करियर से संबंधित बाधाओं और परेशानियों को दूर करने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम माना जाता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष भगवान: गणेश भगवान
आठ मुखी रुद्राक्ष ग्रह: राहु
आठ मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ हूं नम: - नौ मुखी रुद्राक्ष: जीवन में निडरता, साहस, शक्ति और ऊर्जा में वृद्धि के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष सबसे सर्वोत्तम माना जाता है।
नौ मुखी रुद्राक्ष देवी: मां दुर्गा
नौ मुखी रुद्राक्ष ग्रह: केतु
नौ मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं हूं नम: - दस मुखी रुद्राक्ष: जीवन को नयी दिशा और नकारात्मक शक्तियों का भय दूर करने, कानूनी मामलों से सुरक्षा और वास्तु संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।
दस मुखी रुद्राक्ष भगवान: विष्णु भगवान
दस मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं नम: - ग्यारह मुखी रुद्राक्ष: क्रोध नियंत्रण करने, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी, निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करने और यात्रा के दौरान नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहने के लिए ग्यारह मुखी रुद्राक्ष सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष भगवान: हनुमान जी
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष ग्रह: मंगल
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष राशि: मेष और वृश्चिक
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं हूं नम: - बारह मुखी रुद्राक्ष: नेतृत्व करने के गुणों का विकास करने, जीवन में सफलता, शोहरत और नाम प्रसिद्धि पाने के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम माना जाता है।
बारह मुखी रुद्राक्ष भगवान: सूर्य देवता
बारह मुखी रुद्राक्ष ग्रह: सूर्य
बारह मुखी रुद्राक्ष राशि: सिंह
बारह मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ रों शों नम: ॐ नम: - तेरह मुखी रुद्राक्ष: व्यक्तित्व में आकर्षण और तेज की वृद्धि और आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए तेरह मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम माना जाता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष भगवान: इंद्रदेव
तेरह मुखी रुद्राक्ष ग्रह: शुक्र
तेरह मुखी रुद्राक्ष राशि: तुला और वृषभ
तेरह मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ ह्रीं नम: - चौदह मुखी रुद्राक्ष: सही निर्णय लेने की क्षमता मजबूत करने के लिए चौदह मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम माना गया है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष भगवान: शिव जी
चौदह मुखी रुद्राक्ष ग्रह: शनि
चौदह मुखी रुद्राक्ष राशि: मकर और कुंभ
चौदह मुखी रुद्राक्ष मंत्र: ॐ नम: - गणेश रुद्राक्ष: बुद्धि, एकाग्रता में वृद्धि और विज्ञान के साथ सभी क्षेत्रों में सफलता के लिए गणेश रुद्राक्ष सबसे सर्वोत्तम माना गया है। इसके अलावा इस रुद्राक्ष को धारण करने से केतु के अशुभ प्रभावों से भी बचा जा सकता है।
गणेश रुद्राक्ष देवता: भगवान गणेश जी
गणेश रुद्राक्ष मंत्र: ॐ श्री गणेशाय नम: - गौरी शंकर रुद्राक्ष: विवाह में हो रही देरी को खत्म करने, संतान प्राप्ति, मानसिक शांति और परिवार में सुख शांति के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष सर्वोत्तम माना गया है।
गौरी शंकर रुद्राक्ष भगवान: भगवान शिव और मां पार्वती जी
गौरी शंकर रुद्राक्ष ग्रह: चंद्रमा
गौरी शंकर रुद्राक्ष राशि: कर्क
गौरी शंकर रुद्राक्ष मंत्र: ॐ गौरी शंकराय नम:
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रुद्राक्ष पहनने के लाभ
रुद्राक्ष पहनने के ढेरों फायदे होते हैं। जो कोई भी व्यक्ति सही नियम और विधि से रुद्राक्ष धारण करता है उसे शारीरिक और मानसिक ढेरों समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा यह बात वैज्ञानिक भी मान चुके हैं कि, रुद्राक्ष धारण करने से हृदय रोग में लाभ मिलता है। इसके अलावा जिन व्यक्तियों का रक्तचाप उच्च होता है उन्हें भी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है। सही विधि विधान से पहना जाए तो रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन से रोग, शोक, चोट, बांझपन, नपुंसकता इत्यादि दुख खत्म कर देता है। इसके अलावा कुछ अन्य रुद्राक्ष जैसे सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सोने की चोरी इत्यादि का भय ख़त्म होता है और मां महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
5 मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें? 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ होता है?
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रुद्राक्ष धारण करने के नियम
- यदि आप एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने जा रहे हैं तो उससे पहले एक पीतल के बर्तन में उस रुद्राक्ष को रखकर उस पर 108 बिल्वपत्र चढ़ाएं और चंदन से ॐ नमः शिवाय मंत्र लिख-कर रात भर के लिए उसे ऐसा ही छोड़ दें। इसके बाद अगले दिन उसे धारण करें।
- इसके अलावा जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे तामसिक भोजन और मांस मदिरा आदि से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। यानी रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको अंडे, मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज़ इत्यादि का त्याग कर देना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने के बाद व्यक्ति को सुबह शाम भगवान शंकर की पूजा और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए और रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को झूठ बोलना, चोरी करना, दूसरों के बारे में बुराई करना इत्यादि आदतों से भी दूरी रखने की सलाह दी जाती है। अन्यथा अगर आप रुद्राक्ष धारण कर के भी ऐसा करते हैं तो भगवान शिव आपसे रुष्ट हो सकते हैं।
कैसे धारण करें रुद्राक्ष?
नियम और महत्व जानने के बाद आइए जानते हैं रुद्राक्ष कैसे धारण किया जाता है।
- सबसे पहली बात तो यह कि, रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में धारण नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो पीला या सफेद रंग का धागा रुद्राक्ष धारण करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप चाहें तो चाँदी, सोना या तांबे में भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है।
- रुद्राक्ष को धारण करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना अनिवार्य है।
- इसके अलावा एक और अहम नियम के रुद्राक्ष को कभी भी अ-पवित्र होकर धारण नहीं करना चाहिए।
- एक अन्य नियम के अनुसार कभी भी अपना धारण किया हुआ रुद्राक्ष किसी दूसरे इंसान को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए।
इसके अलावा एक अन्य प्रश्न जो अक्सर लोग पूछते हैं वह यह कि, रुद्राक्ष को कितनी संख्या में धारण करना चाहिए? जो जानकारी के लिए बता दें कि, रुद्राक्ष हमेशा विषम संख्या यानी (odd नंबर) में ही धारण करना चाहिए। इसके अलावा यदि आप माला बनवा रहे हैं तो कभी भी 27 रुद्राक्ष के दानों से कम की माला ना बनवाएं अन्यथा दोष लगता है। 108 दानों की माला को धारण करना और उससे जप करने से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति की एकाग्रता और स्मरण शक्ति भी मजबूत होती है।
आशा करते हैं कि, हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। ऐसी ही और महत्वपूर्ण जानकारी जानने के लिए हमारे साथ बने रहे।