ज्योतिष विज्ञान में शुक्र और राहु को एक-दूसरे का मित्र ग्रह माना गया है। इसमें से जहाँ शुक्र को जातक की कुंडली में प्रेम, विवाह, सौंदर्य एवं श्याम वर्ण इत्यादि का कारक प्राप्त होता है।
वहीं राहु को गुप्त संबंधों एवं प्रेम संबंधों का कारक प्राप्त होता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में इन दोनों ग्रहों का एक-साथ मिलन होना यानी युति करना, उस जातक का रुझान किसी विपरीत लिंग के व्यक्ति के प्रति बढ़ाता है।
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27 मई से राहु-शुक्र करेंगे युति
वैदिक ज्योतिष के वर्ष 2022 की गोचरीय स्थितियों को देखें तो, राहु ने 12 अप्रैल 2022 की सुबह शुक्र की वृषभ राशि से मंगल की मेष राशि में अपना गोचर किया था। अब मई माह में शुक्र भी 23 मई, 2022 की रात्रि 8 बजकर 16 मिनट पर गुरु की राशि मीन से निकलकर मंगल की राशि मेष में अपना गोचर करेंगे। जहां उनका मिलन वहां पहले से मौजूद राहु के साथ होगा, जिससे मेष राशि में राहु-शुक्र की युति से ‘क्रोध योग’ का निर्माण बनेगा।
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युति से बनेगा मेष में ‘क्रोध योग’
एस्ट्रोसेज के ज्योतिषियों के अनुसार यदि किसी कुंडली के लग्न में राहु के साथ शुक्र हो तो ये स्थिति उस कुंडली में ‘क्रोध योग’ का निर्माण करेगी। जिसके परिणामस्वरूप जातक स्वभाव से अत्यंत क्रोधी और हमेशा लड़ाई-झगड़े एवं विवाद में फंसा हुआ रहेगा। शुक्र एक स्त्री ग्रह होता है, जिसके चलते पुरुषों की कुंडली मे शुक्र विवाह, पत्नी और भोगविलास का कारक होता है। इसलिए यदि शुक्र के साथ राहु की युति हो जाए तो जातक भोग विलास में लिप्त रहेगा। जबकि अगर किसी कुंडली के सप्तम भाव में इस युति का निर्माण होगा तो, व्यक्ति को विवाह होने में कई प्रकार की समस्या होती है या विवाह के बाद उसका दांपत्य जीवन अशांत रहता है।
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राहु और शुक्र युति को लेकर ज्योतिषाचार्यों की राय
कई ज्योतिषाचार्यों की मानें तो छाया ग्रह राहु के साथ शुभ ग्रह शुक्र की युति व्यक्ति को कई गलत आदतों का शिकार बना सकती है। जिससे व्यक्ति के अंदर से राहु धीरे-धीरे नैतिकता का पतन करने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति न चाहते हुए भी अधर्म का मार्ग चुनते हुए उसपर चलते हैं। क्योंकि व्यक्ति के जीवन में इस युति के प्रभाव से राहु कुंडली में शुक्र के सभी शुभ फल समाप्त कर देते हैं।
यूँ तो ये युति करीब-करीब सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगी। परंतु मुख्यरूप से 5 राशियों को इस युति से सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ सकती है। आइए विस्तार से जानें उन राशियों के बारे में:-
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इन 5 राशियों को रहना होगा सबसे अधिक सावधान
मेष राशि:
राहु-शुक्र की युति आपके लिए विशेष महत्वपूर्ण रहेगी। क्योंकि दोनों ग्रहों का आपकी ही राशि अर्थात आपके लग्न भाव में मिलन होगा। जिसके चलते आपके स्वभाव में कुछ क्रोध की वृद्धि देखी जा सकती है। इस कारण आप अपने आस-पास के लोगों से छोटी-छोटी बातों पर बहस करेंगे। आपके स्वभाव में आए ये नकारात्मक प्रभाव आपके निजी जीवन में भी आपके पार्टनर को परेशान करेंगे। जिससे वे आपसे कुछ दूरी बनाता दिखाई देगा।
उपाय: गली के कुत्तों को दूध और रोटी खिलाना आपके लिए शुभ रहेगा।
वृषभ राशि:
राहु-शुक्र की युति का निर्माण आपके द्वितीय भाव में होगा। जिसके चलते न चाहते हुए भी आप अपने धन का एक बड़ा भाग अपनी गैर-इच्छाओं को पूरा करने पर खर्च करेंगे। इससे न केवल आपकी छवि खराब होगी, बल्कि आपको भविष्य में धन की कमी से भी दो-चार होना पड़ेगा।
उपाय: शनिवार के दिन बहते हुए जल में 5 नारियल प्रवाहित करें।
सिंह राशि:
ये युति आपके पंचम भाव में बनेगी। इस कारण सबसे अधिक आपका प्रेम जीवन प्रभावित रहने की आशंका है। क्योंकि इस दौरान आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए साथी के और करीब आने का प्रयास करेंगे, जिससे आपका प्रियतम कुछ असुविधाजनक महसूस कर सकता है। इसलिए साथी की मर्जी के खिलाफ जाकर कुछ भी करने से बचें।
उपाय: रोजाना अपने माथे पर चंदन का तिलक लगाएं और शरीर पर चंदन युक्त सुगंध का प्रयोग करें।
तुला राशि:
ये युति आपके सप्तम भाव में बनेगी। इस कारण सबसे अधिक शादीशुदा जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है। क्योंकि राहु का प्रभाव आपके दांपत्य जीवन में कई कष्टदायक स्थितियां उत्पन्न करेगा। आशंका ये भी है कि कुछ जातक अपने रिश्ते से थोड़ा ब्रेक लेते हुए साथी से कुछ समय के लिए दूर जाने तक का निर्णय ले सकते हैं।
उपाय: ऑनलाइन राहु ग्रह शांति पूजा की मदद से राहु के प्रकोप से करें अपना बचाव।
कुंभ राशि:
राहु-शुक्र आपके एकादश भाव में युति करेंगे, जिसके चलते आपके मन में भोग-विलास को लेकर इच्छाओं में काफी बढ़ोतरी होगी। इस कारण आप अपना मन किसी अन्य कार्य की ओर केंद्रित नहीं रख सकेंगे। यदि आप शादीशुदा हैं तो आपका अपने साथी से अलग किसी विपरीत लिंगी व्यक्ति की ओर आकर्षण बढ़ सकता है।
उपाय: रोजाना 108 बार राहु ग्रह और शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
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