हथेलियों में निर्माण होने वाले वे विशेष योग जो आपको रातों रात राजा बना सकते हैं

हस्तरेखा शास्त्र वैदिक ज्योतिष का ही एक महत्वपूर्ण अंग है। हस्तरेखा शास्त्र का मानना है कि सभी ग्रह नक्षत्र हमारी और आपकी हथेलियों में ही मौजूद रहते हैं। हथेली में मौजूद रेखा और पर्वत कभी-कभी हमारे और आपके हथेलियों में विशेष योग भी बनाते हैं जिसकी वजह से रातों रात जातकों की किस्मत पलट जाती है और वो रंक से राजा बन जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में कुछ ऐसे ही विशेष योगों के बारे में बताने वाले हैं जो अगर किसी भी जातक की हथेली में बनती है तो इसका अर्थ है कि बहुत जल्द उसका जीवन खुशियों से भरने वाला है।

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लक्ष्मी योग

यदि किसी जातक की हथेली में गुरु, शुक्र, बुध और चंद्रमा का पर्वत पूरी तरह से विकसित हो और लालिमा लिए हुए हो तो ऐसे जातकों की हथेली में लक्ष्मी योग का निर्माण होता है। ऐसे जातक जिस भी क्षेत्र में मेहनत करते हैं, उन्हें सफलता मिलती है। ऐसे जातकों को अपने जीवन में ज्यादा संघर्ष करने की जरूरत नहीं होती है। साथ ही इन्हें कभी आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।

भाग्य योग

यदि किसी जातक की दोनों ही हथेलियों में स्पष्ट और लंबी भाग्य रेखा मौजूद हो, इसके साथ-साथ ये भाग्य रेखा बृहस्पति या फिर चंद्रमा के पर्वत से शुरू हो रही हों तो हस्त रेखा शास्त्र में इसे भाग्य योग माना गया है। ऐसे जातक काफी भाग्यशाली होते हैं। इन्हें अपने जीवन में कम मेहनत पर भी ज्यादा फल प्राप्त होने की संभावना रहती है। खुशियाँ इनके कदम चूमती है और इनका जीवन धन-दौलत और ऐश्वर्य से भरपूर रहता है। 

गजलक्ष्मी योग

यदि किसी जातक की हथेली में मणिबंध से भाग्य रेखा निकलते हुए शनि पर्वत तक जाए, इसके साथ ही सूर्य रेखा बिल्कुल स्पष्ट हो और सूर्य पर्वत भी बिल्कुल उभार के साथ हल्की लालिमा लिए हो तो हस्तरेखा शास्त्र में इस विशेष योग को गजलक्ष्मी योग माना गया है। हालांकि इस योग के लिए इन सभी चीजों के अलावा हथेली में मौजूद तीन प्रमुख रेखाएं यानी कि मस्तिष्क रेखा, आयु रेखा और हृदय रेखा भी स्पष्ट होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे जातक जिनकी हथेली में गजलक्ष्मी योग बनता है, उन्हें अपने जीवन में कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे जातक कारोबार में काफी तरक्की करते हैं। साथ ही ऐसे जातक न सिर्फ देशों में ही बल्कि विदेशों में भी इनका काफी नाम और सम्मान होता है।

शुभ कर्तरी योग

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की हथेली में भाग्य रेखा शनि पर्वत तक जाए, हथेली के बीच का हिस्सा दबा हुआ और गहरा हो और इसके साथ-साथ सूर्य और गुरु का पर्वत पूरी तरह विकसित हो तो जातक की हथेली में शुभ कर्तरी योग का निर्माण होता है। हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार ऐसे जातक काफी भाग्यशाली होते हैं। ऐसे जातक चुंबकीय व्यक्तित्व के स्वामी माने जाते हैं। जीवन में इन्हें धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है और साथ ही इनका जीवन सारी भौतिक सुख-सुविधाओं से भरपूर रहता है।

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