13 अप्रैल से इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है। नवरात्रि के इन 9 दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है और प्रसन्न होने पर मां दुर्गा अपने भक्तों के जीवन में सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है लेकिन वहीं इस दौरान जरा सी चूक पूजा में विघ्न डाल सकती है। ऐसे में बेहद आवश्यक है की पूजा की सही जानकारी होनी चाहिए और कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए।
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नवरात्रि की पूजा में या किसी भी अन्य पूजा में विशेष तौर पर लोग फूल वगैरह चढ़ाते हैं लेकिन क्या आप यह बात जानते हैं कि नवरात्रि के इन 9 दिनों में कौन से फूल माता को भूल से भी नहीं चढ़ाने चाहिए वरना आपको मिलने वाला सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है। साथ ही जानिए कौन सा फूल चढ़ाने से आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है। तो आइए आज इसी विषय के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। नवरात्रि से पहले इस बारे में अवगत हो जाते हैं कि इस दौरान हमें मां को कौन से फूल नहीं अर्पित करने चाहिए।
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नवरात्रि में/पूजा पाठ में मां को फूल चढ़ाने का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ में फूलों को अवश्य शामिल किया जाता है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि, फूलों में विशिष्ट देवता के पवित्रा यानी कि अलग-अलग फूलों में अलग-अलग देवताओं के सुख अति सूक्ष्म कण मौजूद होते हैं। ऐसे में जब देवी देवताओं की मूर्तियों पर इन फूलों को चढ़ाया जाता है तब देवी-देवताओं की मूर्ति जागृत हो उठती है और स्वाभाविक सी बात है ऐसी मूर्तियों की पूजा करने से हमें शीघ्र ही लाभ अवश्य प्राप्त होता है इसलिए विशिष्ट देवी देवताओं को विशेष फूल की अर्पित किए जाने चाहिए।
किन देवी देवताओं को चढ़ाएं कौन सा फूल
- मां दुर्गा को मोगरा और पारिजात के फूल अर्पित करें।
- मां लक्ष्मी को गुलाब और स्थल कमल के फूल अर्पित करें।
- सप्तश्रृंगी मां को कवठी चाफा फूल अर्पित करें।
- इसके अलावा मां शारदा को रातरानी का फूल अर्पित करें तो मनोकामना जल्दी पूरी होगी।
- देवी योगेश्वरी को सोनचाफा के फूल अर्पित करें।
- मां रेणुका को बकुल के फूल अर्पित करें।
- वैष्णो देवी को रजनीगंधा के फूल चढ़ाएं।
- मां विंध्यवासिनी को कमल के फूल अर्पित करें।
अब बात करते हैं देवी देवताओं को कौन से फूल नहीं चढ़ाना चाहिए
देवी देवताओं को गंदी जगहों पर खिले हुए फूल नहीं चढ़ाने चाहिए या फिर पूजा में कभी भी कली या फिर बिना खिले हुए फूल को भी नहीं अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा जिन फूलों की पंखुड़ियां बिखरी हुई हो या फिर जिन फूलों को पहले से ही सूंघ लिया गया हो उन्हें भी पूजा में शामिल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा देवी को नीचे गिरे हुए फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
पूजा के लिए फूल तोड़ते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें फूल हमेशा अपने दाएं हाथ से तोड़ें, बाएं हाथ से लाए गए फूल पूजा में शामिल नहीं किए जाते हैं। किसी को दुखी करके अगर कोई फूल लाया गया है तो यह भी मां की पूजा में शामिल नहीं किया जाता है। कहा जाता है जहां उपयुक्त तरीके से लाए गए फूलों से मां प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है वहीं गलत तरीके से लाये गए फूल को पूजा में शामिल करने से माँ रुष्ट भी हो जाती हैं।
आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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