2019 में फिर बनेगी मोदी सरकार?

भारत में वर्ष २०१९ में होने वाले लोक सभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बहुत तेज़ हो चुकी हैं | न सिर्फ टीवी, बल्कि अखबार, सोशल मीडिया साइट्स जैसे- फेसबुक. ट्वीटर और व्हाट्स ऍप पर भी ये हलचल स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है |

भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में अनेकों जन हितैषी निर्णय लिए गए | गरीबों के उत्थान के लिए बहुत से कदम भी उठाये गए | नोट बंदी और जीएसटी मोदी सरकार के चर्चित निर्णय रहे हैं। बहुत से लोग इसको एक अच्छा कदम मानते हैं और बहुत से लोग इसको एक ख़राब निर्णय बताते हैं |

मेरा निजी रूप से किसी भी दल से कोई लेना देना नहीं है और एक ज्योतिषी होने के नाते मैं किसी ऐसे सज्जन को ढून्ढ रहा था जो बहुत उत्सुक हो, यह जानने के लिए की नरेंद्र मोदी पुनः भारत के प्रधानमन्त्री बनेंगे या नहीं? तो मेरे एक मित्र ने एक दिन बहुत उत्सुकतावश यह प्रश्न कर ही दिया कि ‘आपको क्या लगता है मोदी आयेंगे की नहीं दुबारा?’ तो मैंने कहा की मुझे १ से २४९ के बीच में कोई एक अंक बताइए जिससे कि मैं इस प्रश्न का उत्तर दे सकूँ, तो उन्होंने मुझे १९ नंबर बोला।

कोई मानें या ना मानें २०१९ का लोक सभा चुनाव भारत के इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है, सिर्फ भारत या भारतीय उपमहाद्वीप ही नहीं अपितु पूरे विश्व की नज़रें इसी बात पर गढ़ी हुई हैं कि इस चुनाव का परिणाम क्या होगा? क्योंकि आने वाले कई साल २०१९ के परिणाम पर ही टिके हुए हैं। आगे भारत प्रगति करेगा या आर्थिक, सामाजिक, राजनितिक रूप से गर्त में जाएगा सब कुछ २०१९ चुनाव के परिणाम पर निर्भर करता है।

१९ क्रमांक की यह कुंडली बनी है | Details: 13-10-2018, 13:43:29, New Delhi

के पी ज्योतिष के अनुसार छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी अगर छठे, दशम अथवा लाभ स्थान का सबल कार्येष हो तो व्यक्ति के पक्ष में परिणाम आता है अथवा विपक्ष को जाता है |

इस कुंडली में छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी शनि है | शनि दशम और लाभ का स्वामी है और यह शनि केतु के नक्षत्र में है | अष्टम में होना ख़राब है किन्तु हमको यह देखना होगा की यह अष्टमगत शनि किस ग्रह के नक्षत्र में है | शनि प्रश्न के समय केतु के नक्षत्र में है और केतु जिन-जिन भावों का कार्येष होगा शनि भी उन भावों का कार्येष होगा |

केतु इस कुंडली में सूर्य के नक्षत्र में है जो कि छठे भाव में स्थित है। केतु गुरु की राशि में है जो सप्तम में है। केतु पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं है और यह मंगल के साथ युति कर रहा है जो कि दशम भाव में है। मंगल १ और ८ का स्वामी है, अतः यह केतु १, ६,७,८,१०,११ भावों का कार्येष है |

अतः हमने देखा कि यहां केतु काफी हद तक लाभ देने की स्थिति में है |

किन्तु हमें सप्तम भाव अर्थात विरोधी का भी आकलन करना होगा | विरोधी का छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी गुरु है जो कि स्वयं के ही नक्षत्र में है और यह ३ और ६ भावों का स्वामी है। यह गुरु विरोधी पक्ष को बहुत सबलता दे रहा है।

किन्तु के पी ज्योतिष में छाया ग्रहों को वास्तविक ग्रहों से अधिक बलशाली माना जाता है | यहाँ लग्न अधिक बलशाली है |

दशम भाव का उपनक्षत्र स्वामी मंगल है जो कि दशम में ही स्थित होकर चंद्रमा के नक्षत्र में है और चंद्रमा सप्तम भाव में है। चंद्रमा विरोधी के दशम भाव का उपनक्षत्र स्वामी है जो कि बुध के नक्षत्र में द्वादश भाव में (विरोधी के) स्थित है।

बुध की दशा २१ अगस्त २०१९ तक रहेगी।

फलादेश: इस कुंडली से स्पष्ट रूप से यह कहा जा सकता है कि साल 2019 में नरेन्द्र मोदी पुनः सत्तासीन होंगे |

सभी दलों को शुभकामनाएं!

आचार्य रमन
आचार्य रमन जाने-माने ज्योतिषाचार्य हैं। ज्योतिष, गूढ़ विद्या, हस्त रेखा ज्योतिष और अंक ज्योतिष के क्षेत्र में इन्हें वर्षों का अनुभव है। इनका उद्देश्य है कि ज्योतिष विद्या के माध्यम से लोगों की समस्या का निदान प्रभावी ढंग से किया जाये।

(डिस्क्लेमर: आलेख में व्यक्त किये गये विचार लेखक के अपने निजी विचार हैं।)