मोदी सरकार का किसानों को तोहफ़ा, 1 लाख रुपये से ज्यादा होगी अब कमाई

अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार किसानों के लिए तोहफ़े के रूप में एक नई योजना शुरू करने जा रही है जिसके अंतर्गत अब देश के छोटे-बड़े हर किसान सालाना 1 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई कर पाएंगे। इस योजना का लाभ उठाते हुए किसान अब अपने खेतों में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन के लिए दो मेगावाट तक के सोलर पैनल लगा सकते हैं जिस बिजली को खुद सरकार किसानों से खरीदेगी। ऐसे में इससे किसानों को हर साल करीब एक लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है।

सरकार ने लिया 175 गीगा वाट क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य

इस बारे में जानकारी देते हुए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में इस योजना पर उत्तर देते हुए अपना विश्वास जताया कि “मोदी सरकार साल 2022 तक 175 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को न केवल हासिल करेगी बल्कि इसे पार भी करेगी।”

उन्होंने कहा कि “सरकार का लक्ष्य न केवल 2022 तक अक्षय या नवीकरणीय ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों से ग्रिड संबंद्ध अक्षय ऊर्जा की 175 गीगा वाट क्षमता स्थापित करना है बल्कि इसे पूरी तरह निर्धारित करना भी है। इसमें सौर ऊर्जा से 100 गीगा वाट, पवन ऊर्जा से 60 गीगा वाट, जैव ऊर्जा से 10 गीगा वाट और लघु पन बिजली से 5 गीगा वाट क्षमता शामिल है।”

अगले 20 दिन में होगा योजना शुभारंभ

ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने इस योजना के विस्तार का समय बताते हुए कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा के उत्पादन के मामले में सर्वाधिक तेज गति से काम करने वाले देशों में शामिल हुआ है। ऐसे में सरकार अगले 15 से 20 दिनों में किसानों के लिए एक योजना शुरू करने वाली है जिसके तहत वे अपने खेतों में दो मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल लगा सकते हैं और इससे बनने वाली बिजली सरकार उनसे खरीदेगी।

किसानों को होगी 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय

इस मामले में आगे बोलते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार की इस योजना से देश के हर छोटे-बड़े किसानों को एक साल में एक लाख रुपये तक की अतिरिक्त आमदनी हो सकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि जो किसान सोलर पैनल लगाने में लागत की दिक्कत का सामना करेंगे वे इसके लिए अपनी जमीन डेवलपर को दे सकते हैं और इससे भी उन्हें लाभ होगा।

ग़ौरतलब है कि मोदी सरकार एक बार फिर अपने दूसरे कार्यकाल में भी किसानों के हित में रहकर काम करना चाह रही है। जिसके चलते ही सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करना चाहती है। ऐसे में देखना ये होगा कि ये तमाम योजनाएँ कब तक शुरू हो पाती हैं और इनसे कितने किस्मों को फायदा पहुँचता है।