मेरी राशि क्या है? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में घूमता है, क्योंकि ज्यादातर लोग अपनी राशि को लेकर संशय में रहते हैं। नाम के अनुसार राशि कई बार अलग होती है और चंद्र राशि के अनुसार अलग। वहीं पश्चिमी ज्योतिष में सूर्य राशि को अहमियत दी जाती है। ऐसे में कौन सी राशि ज्यादा प्रभावकारी है इसको लेकर संशय का दूर होना जरूरी है। आज अपने इस लेख में हम आपके इसी संशय को दूर करेंगे।
मेरी राशि क्या है?
भारतीय ज्योतिष में चंद्र राशि को अहम माना जाता है, क्योंकि चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। वहीं पश्चिमी ज्योतिष में सूर्य राशि को अहम माना जाता है क्योंकि सूर्य आत्मविश्वास और आत्मा का कारक ग्रह है। लेकिन वैदिक ज्योतिष में चंद्र राशि ही अहम है और इससे व्यक्ति के गुणों के बारे में सटीकता से पता चल जाता है। चंद्र राशि व्यक्ति की भावनाओं को दर्शाती है और इसलिए चंद्र राशि से व्यक्ति के बारे में ज्यादा गहराई से पता चल सकता है। उदाहरण के लिए यदि चंद्रमा किसी की कुंडली में तुला राशि में है, तो व्यक्ति कला प्रेमी, सौंदर्य प्रेमी होता है। यह वायु तत्व की राशि है इसलिए कई बार मन में चंचलता भी हो सकती है। ऐसे लोग खेलकूद में भी अच्छे हो सकते हैं।
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मेरी राशि क्या है? इस सवाल का सटीक जवाब
अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि, मेरी राशि क्या है? तो इसके लिए आपको अपने जन्म के समय, दिनांक, वर्ष और स्थान की जानकारी होनी चाहिए। यह जानकारियां आप किसी भी कुंडली सॉफ्टवेयर में डालकर अपनी कुंडली खोल सकते हैं। आपकी कुंडली खुलने पर आपको चंद्रमा जिस राशि में दिखता है वह आपकी चंद्र राशि कहलाएगी। भारतीय ज्योतिष में इसे ही अहम माना जाता है और इसकी गणनाएं सूर्य राशि से ज्यादा सटीक देखी गई है। यदि आपको अपनी सूर्य राशि जाननी है तो उसके लिए आपको यह देखना होगा कि कुंडली में सूर्य किस राशि में विराजमान है।
नाम के अनुसार मेरी राशि क्या है?
कई लोग अपनी नाम राशि को ही अपनी राशि मानते हैं। हालांकि नाम राशि से व्यक्ति के बारे में ज्यादा गहराई से पता नहीं चलता। फिर भी कुछ मामलों में यह सटीक भविष्यवाणी कर सकती है। नाम के अनुसार आपकी राशि क्या है यह जानने के लिए नीचे दी गई तालिका को देखें।
राशि | राशि के अनुसार नाम का पहला शब्द |
मेष Aries | अ,च, चू, चे, ला, ली, लू, ले |
वृषभ Taurus | उ, ए, ई, औ, द, दी, वो |
मिथुन Gemini | के, को, क, घ, छ, ह, ड |
कर्क Cancer | ह, हे, हो, डा, ही, डो |
सिंह Leo | म, मे, मी, टे, टा, टी |
कन्या Virgo | प, ष, ण, पे, पो, प |
तुला Libra | रे, रो, रा, ता, ते, तू |
वृश्चिक Scorpio | लो, ने, नी, नू, या, यी |
धनु Sagittarius | धा, ये, यो, भी, भू, फा, ढा |
मकर Capricorn | जा, जी, खो, खू, ग, गी, भो |
कुंभ Aquarius | गे, गो, सा, सू, से, सो, द |
मीन Pisces | दी, चा, ची, झ, दो, दू |
इस तरह जानें जन्मतिथि से राशि
जो जातक जन्मतिथि के अनुसार अपनी राशि जानना चाहते हैं। वह नीचे दी गई सारणी से इसके बारे में जान सकते हैं। ज्योतिष के अनुुसार हर राशि का समय लगभग एक माह है। पश्चिमी ज्योतिष में सूर्य को मुख्य ग्रह माना जाता है, और इसलिए सूर्य गोचर के अनुसार ही राशि का निर्धारण किया जाता है।
राशियां | जन्म का समय |
मेष | 21 मार्च से लेकर 20 अप्रैल तक |
वृषभ | 21 अप्रैल से लेकर 21 मई तक |
मिथुन | 22 मई से लेकर 21 जून तक |
कर्क | 22 जून से लेकर 22 जुलाई तक |
सिंह | 23 जुलाई से लेकर 21 अगस्त तक |
कन्या | 22 अगस्त से लेकर 23 सितंबर तक |
तुला | 24 सितंबर से लेकर 23 अक्टूबर तक |
वृश्चिक | 24 अक्टूबर से लेकर 22 नवंबर तक |
धनु | 23 नवंबर से लेकर 22 दिसंबर तक |
मकर | 23 दिसंबर से लेकर 20 जनवरी तक |
कुंभ | 21 जनवरी से लेकर 19 फरवरी तक |
मीन | 20 फरवरी से लेकर 20 मार्च तक |
क्या राशि के अनुसार व्यक्तित्व में परिवर्तन आता है?
यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि, राशि अनुसार लोगों में क्या परिवर्तन देखा जाता है? चंद्र राशि अलग-अलग होने पर एक ही माता के दो पुत्र अलग स्वभाव और व्यक्तित्व के हो सकते हैं। यदि किसी की दो संतानों में एक की राशि मेष है और दूसरे की कर्क तो दोनों में कई प्रकार की भिन्नताएं देखी जा सकती है। मेष राशि के लोग बहुत अधिक ऊर्जावान और सक्रिय होते हैं वहीं कर्क राशि के लोग अत्यधिक भावुक और संवेदनशील होते हैं।
सूर्य और चंद्र राशि का प्रभाव
मेरी राशि क्या है और सूर्य और चंद्र राशि में से किसी राशि का प्रभाव मुझ पर ज्यादा है? इस सवाल का जवाब ज्योतिषीय दृष्टि से ढूंढें तो सूर्य और चंद्र दोनों ही राशियों को व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता। सूर्य राशि व्यक्तित्व के बारे में बताती है वहीं चंद्र राशि से भावनाओं के बारे में पता चलता है। चंद्र राशि को इसलिए अहम माना जाता है क्योंकि आपकी भावनाएं ही आपके व्यक्तित्व का निर्माण करती है। यह संभव है कि सूर्य आपकी कुंडली में उच्च राशि मेष में विराजमान होकर आपके व्यक्तित्व को ऊर्जावान बनाने का संदेश दे रहा हो लेकिन कर्क राशि में बैठा चंद्रमा आपको संवेदनशील बनाकर आपको अत्यधिक भावुक बना सकता है। ऐसे में आपके अंदर दोनों ही राशियों के गुण देखे जा सकते हैं। हालांकि चंद्र राशि का प्रभाव आप पर ज्यादा होगा।
मेरी राशि क्या है और मेरे किन पक्षों को यह दर्शाती है?
आपकी चंद्र और सूर्य राशि से आपके व्यक्तित्व के बारे लगभग 50 प्रतिशत तक ज्ञात किया जा सकता है। वहीं कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति का असर भी देखना जरूरी होता है। वैदिक ज्योतिष में चंद्र राशि को ही व्यक्ति की राशि माना जाता है। इससे आपकी भावनाओं, आपकी क्षमताओं, जीवन जीने के आपके तरीके, आपकी शख्सियत, समाज में आपके प्रभाव, आपकी सोच और जीवन के अन्य पक्षों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो जाती है।
कौन सी राशि के लोगों के साथ बनेगी अच्छी जोड़ी
वैदिक ज्योतिष में राशियों को तत्वों के अनुसार बांटा गया है। यह तत्व हैं- पृथ्वी, अग्नि, जल और वायु। ज्यादातर यह पाया गया है कि एक ही तत्व की दो राशियों के बीच अच्छी संगतता होती है। हालांकि दो भिन्न प्रकार के तत्व भी आपस में अच्छी जोड़ी बना सकते हैं।
तत्व अनुसार राशियां
तत्व | राशियां |
अग्नि | मेष, सिंह, धनु |
जल | कर्क, वृश्चिक, मीन |
पृथ्वी | वृषभ, कन्या, मकर |
वायु | मिथुन, तुला, कुंभ |
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह और राशि स्वामी
चंद्रमा जिस भी राशि में बैठता है वह व्यक्ति की चंद्र राशि होती है। हर राशि का एक स्वामी होता है और स्वामी ग्रह व्यक्ति के व्यक्तित्व पर असर पड़ता है। राशि का स्वामी ग्रह वह होता है जिसमें चंद्र ग्रह विराजमान होता है।
सूर्य- यदि चंद्रमा सिंह राशि में विराजमान है तो राशि स्वामी सूर्य होता है। सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है और यह पिता, ऊर्जा, सरकारी पद आदि का कारक ग्रह भी है।
चंद्रमा- चंद्रमा यदि कर्क राशि में हो तो राशि स्वामी भी चंद्र ग्रह ही होगा। यह मन का कारक ग्रह है और माता, भावनाओं आदि का प्रतिनिधित्व करता है।
बुध- चंद्रमा यदि मिथुन या कन्या राशि में हो तो राशि स्वामी बुध होता है। यह तर्क क्षमता, गणितीय योग्यता, बुद्धिमत्ता का कारक ग्रह माना गया है।
मंगल- चंद्रमा यदि मेष और वृश्चिक राशि में विराजमान होतो राशि स्वामी मंगल होता है। यह ग्रह नेतृत्व क्षमता, आक्रामकता, सेना आदि का कारक ग्रह है।
शुक्र- यदि चंद्रमा वृषभ और तुला राशि में हो तो राशि स्वामी शुक्र होता है। इसे कला, सौंदर्य, रोमांस आदि का कारक माना गया है।
बृहस्पति- जब चंद्रमा धनु या मीन राशि में होता है तो राशि स्वामी गुरु होता है। इसे ज्ञान, वैराग्य, शुभ कार्यों, अध्यात्म आदि का कारक ग्रह माना गया है।
शनि- चंद्र देव जब मकर और कुंभ राशि में विराजमान होते हैं तो राशि स्वामी शनि होता है। इसे न्याय, कर्मफल दाता ग्रह माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष में राशि का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में राशि का बड़ा महत्व है। यह आपकी शख्सियत के बारे में बहुत सी जानकारियां बताती है। राशि न केवल आपके व्यक्तित्व बल्कि आपके जीवन जीने के तरीके के बारे में भी जानकारी देती है। राशियों के तत्व भी होते हैं और तत्वों के अनुसार हर व्यक्ति अलग हो सकता है। मुख्य रूप से राशियों को चार तत्वों- अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी में बांटा गया है। हमारे इस लेख से अब आप जान गए होंगे कि राशि का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। अब अपनी कुंडली खोलकर आप आसानी से अपनी राशि के बारे में जान सकते हैं।