बुध का होगा मिथुन राशि में गोचर, जानें क्या पड़ेगा मिथुन राशि के जीवन पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष ये बात मानता है कि एचएम जो कर रहे हैं या करने वाले हैं, यह ग्रहों की स्थिति व चाल से बहुत हद तक तय होता है। यही वजह है कि वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों के गोचर से न सिर्फ मनुष्य जाती बल्कि दुनिया के सभी जीव-जंतु प्रभावित होते हैं। अब चूंकि जुलाई महीने में बहुत जल्द बुध ग्रह का गोचर इसकी स्वराशि मिथुन में होने वाला है। ऐसे में यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि बुध के इस गोचर से मिथुन राशि के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

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आज इस लेख में हम आपको इसी बात की जानकारी देने वाले हैं लेकिन उससे पहले बुध ग्रह और उसके गोचर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा कर देते हैं।

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह

वैदिक ज्योतिष में बुध को एक तेजी से एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। यह किसी भी राशि में 14 से 15 दिनों तक गोचर करता है और उसके बाद अपना स्थान परिवर्तन कर लेता है। किसी भी जातक की कुंडली में बुध ग्रह बुद्धि, गणित, संचार, व्यापार आदि का कारक माना जाता है। बुध यदि कमजोर हो तो जातकों को अपनी बात दूसरों को समझाने में दिक्कत आती है। ऐसे जातक दिमागी रूप से कमजोर होते हैं और कई रोग जैसे कि नसों से संबंधित समस्या, बहरापन इत्यादि उन्हें परेशान करते हैं।

वैदिक ज्योतिष के बारह राशियों के बीच बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी माना गया है। कन्या इसकी उच्च राशि है जबकि मीन राशि में यह नीच हो जाता है। 27 नक्षत्रों में बुध ग्रह अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामी माना गया है। आइये अब जानते हैं कि बुध का यह गोचर कब होने जा रहा है।

बुध का गोचर कब?

साल 2021 में 07 जुलाई को बुधवार की सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर बुध ग्रह अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करने वाला है। बुध की यह स्थिति मिथुन राशि में 25 जुलाई 2021 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट तक बनी रहेगी। इसके बाद यह चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में गोचर कर जाएगा।

चूंकि मिथुन बुध की स्वराशि है। ऐसे में आइये जानते हैं कि मिथुन राशि के जातकों पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।

मिथुन राशि पर बुध गोचर का प्रभाव

बुध मिथुन राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है इसलिए बुध का गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए बेहद खास रहने की संभावना है। गोचर के दौरान बुध मिथुन राशि के प्रथम भाव यानी कि लग्न भाव में स्थित रहने वाला है जो कि हर तरह से मिथुन राशि के जातकों को शुभ फल देने वाला सिद्ध हो सकता है। बुध ग्रह मिथुन राशि के जातकों के चतुर्थ भाव यानी मातृ व सुख भाव का भी स्वामी है। इस वजह से इस गोचर के दौरान आपका पारिवारिक जीवन बेहद सुखद रहने की संभावना है। परिवार में कोई नया सदस्य आ सकता है। इसके साथ ही इस अवधि में आपका आपके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मेलजोल बढ़ेगा और आप उनके साथ अच्छा समय गुजारते नजर आ सकते हैं।

वहीं वे जातक जो साझेदारी में कारोबार करते हैं, उनके लिए भी यह समय बेहद शुभ रहने की संभावना है। इस दौरान आपकी कुशल नीतियों की वजह से आपके व्यवसाय को फायदा पहुँचने की उम्मीद है। नौकरीपेशा जातकों को इस दौरान नई नौकरी मिलने की संभावना है। वहीं वे जातक जो नयी नौकरी ढूंढ रहे हैं, उनके लिए भी यह बहुत अच्छा समय है। इस दौरान उनकी मनपसंद नौकरी की तलाश खत्म हो सकती है। संचार के क्षेत्र से जुड़े मिथुन राशि के जातकों को इस अवधि में बेहतर नतीजे हासिल हो सकते हैं। खास कर के वे जातक जो मार्केटिंग के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें इस अवधि में फायदा होने की उम्मीद है।

शादीशुदा मिथुन राशि के जातकों के लिए भी यह समय सुखद रहने की संभावना है। इस दौरान आप अपने जीवनसाथी की बातों को बेहतर ढंग से समझ कर अपनी बातें उन्हें आसानी से समझा पाने में सफल रह सकते हैं। यदि आपका जीवनसाथी कोई व्यवसाय करता है तो इस गोचर से उसे भी लाभ पहुंचने की उम्मीद है।

उपाय : बुधवार के दिन भगवान गणेश को दो बूंदी के लड्डू अर्पित करें।

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