वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को एक विशेष घटना के तौर पर देखा जाता है। वैदिक ज्योतिष का ये मानना है कि प्रत्येक ग्रह के गोचर का पूरी दुनिया के जीव-जंतुओं पर प्रभाव पड़ता है। ये प्रभाव किसी भी तरह के हो सकते हैं, नकारात्मक या सकारात्मक। अब चूंकि जल्द ही बुध ग्रह का चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर होने जा रहा है। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि बुध के इस गोचर का कर्क राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है लेकिन उससे पहले आपको बुध और बुध के इस गोचर के बारे में थोड़ी सी जानकारी दे देते हैं।
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बुध और बुध गोचर
बुध को वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों के बीच राजकुमार की संज्ञा प्राप्त है। यह सभी ग्रहों के बीच सबसे तेज गोचर करने वाला ग्रह भी है। बुध अमूमन एक राशि में 14 से 15 दिनों के लिए ही गोचर करता है। किसी भी जातक की कुंडली में बुध बुद्धि, गणित, संचार, व्यापार आदि का कारक माना गया है। बुध यदि कमजोर हो तो जातकों को अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातक गणित में कमजोर होते हैं और लाख कोशिशों के बावजूद व्यापार में सफल नहीं हो पाते। स्वास्थ्य के नजरिए से भी बुध का कमजोर होना अच्छा नहीं माना गया है। बुध के कमजोर होने पर जातकों को बहरापन, चर्म रोग, नसों की समस्या आदि जैसे रोग घेर लेते हैं।
यही वजह है कि बुध के गोचर पर दुनिया भर के ज्योतिषियों की नजर रहती है। बुध ग्रह 25 जुलाई 2021 को रविवार की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करने जा रहा है। कर्क राशि में बुध 09 अगस्त 2021 को सोमवार की सुबह 01 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है। इसके बाद यह सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में गोचर कर जाएगा।
आइये अब जानते हैं कि कर्क राशि के जातकों पर बुध गोचर का क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
कर्क राशि के जातकों पर बुध गोचर का प्रभाव
बुध कर्क राशि के जातकों के तृतीय और द्वादश भाव का स्वामी माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में तृतीय भाव पराक्रम और सहोदर का भाव होता है और द्वादश भाव व्यय भाव माना जाता है। हालांकि इस गोचर के दौरान बुध कर्क राशि के प्रथम भाव यानी कि लग्न भाव में गोचर करने जा रहा है। ऐसे में इस गोचर के दौरान कर्क राशि के उन जातकों को विशेष रूप से लाभ पहुँचने की संभावना है जो व्यापार से जुड़े हैं। इस दौरान व्यापार में आपकी स्थिति और मजबूत होगी।
वे जातक जो नौकरीपेशा हैं उनके लिए भी यह समय अनुकूल रहने की सम्भावना है। इस दौरान आप अपने कार्यस्थल पर आम दिनों की अपेक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते नजर आ सकते हैं जिसकी वजह से आपके कार्य की सराहना आपके अधिकारी भी कर सकते हैं। समाज में इस दौरान आपके किसी कार्य की वजह से आपको सम्मानित भी किया जा सकता है जिससे आपका यश बढ़ेगा। हालांकि इस गोचर के दौरान आपके भाई-बहनों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत है अन्यथा वे बीमार पड़ सकते हैं।
कर्क राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान आर्थिक जीवन में भी थोड़ा सजग रहने की जरूरत है क्योंकि इस अवधि में आप अपने भौतिक सुखों पर अधिक धन खर्च करते नजर आ सकते हैं जिसकी वजह से तेजी से आपके द्वारा संचित धन खत्म होगा। वहीं बुध इस गोचर के दौरान आपके प्रथम भाव में मौजूद रहकर आपके सप्तम भाव यानी कि कलत्र भाव पर भी दृष्टि डालेगा जिसकी वजह से उन जातकों को सावधान रहने की जरूरत होगी जो साझेदारी में व्यापार कर रहे हैं क्योंकि इस बात की आशंका है कि आपका साझेदार आपको इस अवधि में किसी प्रकार का धोखा दे सकता है।
कर्क राशि के जातकों के अंदर इस अवधि में जिज्ञासु प्रवृत्ति पैदा हो सकती है। साथ ही इस दौरान कर्क राशि एक खराब श्रोता के तौर पर नजर आ सकते हैं जिसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा आप इस गोचर की अवधि में सीधे-सीधे अपनी बात किसी के भी सामने कहते नजर आ सकते हैं जिसकी वजह से आपके कुछ सगे-संबंधी आप से नाराज हो सकते हैं।
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