क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि अभिनेता मनोज बाजपेयी के जन्म लेते ही उनके पिता को मालूम हो गया था कि वो बड़े होकर क्या बनेंगे? मनोज बाजपेयी के जीवन पर पत्रकार पीयूष पांडे की लिखी बायोग्राफी में खुलासा हुआ है कि मनोज बाजपेयी के जन्म लेते ही उनके गांव के ज्योतिषी पंचानंद मिश्रा ने भविष्यवाणी कर दी थी कि मनोज बड़े होकर नेता या अभिनेता बनेंगे।
बायोग्राफी में मनोज के पिता राधाकांत बाजपेयी के हवाले से पीयूष ने लिखा है, “बेतिया में पंचानंद मिश्रा नाम के एक ज्योतिषी थे। उन्होंने मनोज की कुंडली देखने के बाद बताया था कि ये लड़का काफी नाम करेगा। उन्होंने उसी वक्त बता दिया था कि ये लड़का या तो नेता बनेगा या अभिनेता। दोनों में से जिस क्षेत्र में भी जाएगा, ये नाम करेगा।” मनोज बाजपेयी के पास अभी भी पंचानंद मिश्रा की बनाई वो पुरानी जन्मपत्री है।
इस बायोग्राफी में खुलासा हुआ है कि मनोज बाजपेयी स्वयं भी ज्योतिष के विद्यार्थी रहे हैं। उन्हें न केवल ज्योतिष से प्रेम है बल्कि ज्योतिष का ज्ञान भी है। दिलचस्प बात ये है कि पीयूष पांडे ने उन्हें जब एस्ट्रोसेजडॉटकॉम निर्मित मोबाइल कुंडली एप्लीकेशन के विषय़ में बताया तो वह एप पहले से उनके मोबाइल में डाउनलोडेड थी।
मनोज बाजपेयी के कुछ ज्योतिषीय अनुभवों को भी किताब में जगह मिली है। ‘मनोज बाजपेयी : कुछ पाने की ज़िद’ नाम से आई इस बायोग्राफी में एक जगह मनोज के हवाले से दिलचस्प किस्सा है। किताब में मनोज कहते हैं, “मैं एक फिल्म प्रोजेक्ट के लिए जैसलमेर गया था। वहां जाने-माने अभिनेता श्रीवल्लभ व्यास के पिता से मिला, जो नामचीन ज्योतिषी थे। वह काफी बुजुर्ग थे और बड़ी मुश्किल से बोल पाते थे। मैंने उनसे पूछा कि प्लीज बताइए कि इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रोजेक्ट का क्या होगा। वह बोले, कुछ नहीं होगा। तो मैंने कहा, अंकल, प्लीज फिर से देखिए, कुछ तो जरूर होगा। वह फिर से बोले, नहीं, मुझे कुछ नहीं दिख रहा। मैं वापस आ गया। मेरे दिल का एक हिस्सा कह रहा था कि ये सच है, वहीं एक हिस्सा कह रहा था कि यह सच नहीं है। हम सब शूट खत्म करके लौट आए और वाकई कुछ नहीं हुआ।”
इस ज्योतिषीय भविष्यवाणी ने भी संभवत: मनोज बाजपेयी का ज्योतिष में विश्वास गहरा किया होगा।
‘मनोज बाजपेयी : कुछ पाने की ज़िद’ नाम से प्रकाशित इस बायोग्राफी को पेंगुइन इंडिया ने प्रकाशित किया है। इस बायोग्राफी में मनोज बाजपेयी के जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। मसलन, मनोज बाजपेयी से पहले राजनीति किसे मिली थी, और किस अभिनेता के रोल ठुकराने पर मनोज को वीरेन्द्र प्रताप का यादगार रोल मिला? आखिर क्यों मनोज बाजपेयी के राम गोपाल वर्मा और अनुराग कश्यप से जबरदस्त मतभेद हुए? क्यों मनोज बाजपेयी एक मौके पर खुदकुशी के विषय में सोचने लगे थे? दरअसल, फिक्शन के अंदाज में लिखी इस बायोग्राफी में मनोज बाजपेयी के संघर्ष और जीवनयात्रा को बहुत दिलचस्प अंदाज़ में उभारा गया है, और ज्योतिष से उनके कनेक्शन का हर किस्सा बताया गया है कि जीवन में बहुत कुछ निर्धारित है।