गाँधी जयंती विशेष: बापू के इस मंदिर में रोज होता है उनके दिए उपदेशों का पाठ!

आज 2 अक्टूबर को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जन्मदिवस के रूप में मना रहा है। 2 अक्टूबर 1869 को मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म पोरबंदर के काठियावाड़ में हुआ था। देश भर में यूँ तो महात्मा गाँधी के बहुत सी प्रतिमा स्थापित की गई है,  लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की देश में गाँधी जी का एक मंदिर भी है जहाँ हर दिन उनकी पूजा की जाती है और साथ ही उनके दिए उपदेशों का पाठ भी किया जाता है। आइये जानते हैं बापू का ये प्रसिद्ध मंदिर कहाँ स्थापित किया गया है। 

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यहाँ स्थित है बापू का प्रसिद्ध मंदिर 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ओडिशा के संबलपुर जिले के भटारा गावं में महात्मा गाँधी का मंदिर स्थापित है। यहाँ बापू की पूजा अर्चना की जाती है और हर दिन लोगों को उनके दिए उपदेशों के बारे में बताया जाता है। यहाँ स्थापित बापू की प्रतिमा करीबन छह फ़ीट ऊँची है, मंदिर परिसर में अशोक स्तंभ और भारत माता की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है की साल 1928 में महात्मा गाँधी इस गावं में आये थे और ग्रमीणों को आजादी के मायने बताये थे। इसके बाद ही यहाँ ग्रामीणों ने मिलकर उनके मंदिर का निर्माण करवाया था। प्राचीन प्रमाणों के आधार पर महात्मा गाँधी ने यहाँ के लोगों को छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के प्रति भी जागरूक किया था। 

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ऐसे किया गया बापू के मंदिर का निर्माण 

बता दें कि, महत्मा गाँधी के मंदिर का निर्माण करने की पहल सबसे पहले ओडिशा के गांधीवादी नेता अभिमन्यु ने किया था। उन्होनें गावं वालों की मदद से साल 1971 में महात्मा गाँधी के इस मंदिर की नीवं डाली थी। गाँधी जी के इस मंदिर के निर्माण में विशेष रूप से ग्रामीणों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दिया था। बापू का ये मंदिर मुख्य रूप से 11 अप्रैल 1974 को बनकर तैयार हुआ और इस दिन ही मंदिर का ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री नंदिनी सथपति द्वारा किया गया था। 

बापू के इस मंदिर में बच्चों सहित ग्रामीणों को भी दिए जाते हैं उपदेश 

ओडिशा के भटारा गावं में स्थापित महात्मा गाँधी के इस मंदिर में रोजाना उनकी पूजा जाती है। इसके साथ ही साथ यहाँ प्रतिदिन बापू के दिए उपदेशों का पाठ भी किया जाता है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महात्मा गाँधी के दिए उपदेशों को विशेष रूप से वहां के स्थानीय बच्चों के साथ ही ग्रामीणों को भी दिया जाता है। यहाँ खासतौर से गाँधी जयंती, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर मंदिर को सजाकर वहां गाँधी जी की पूजा के बाद उनकी आरती की जाती है। गाँधी जयंती जैसे ख़ास मौके पर दूर-दूर से लोग बापू के इस मंदिर का दर्शन करने आते हैं। 

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