आज पौष पूर्णिमा (Paush Purnima 2021) है और आज ही के दिन से माघ स्नान प्रारंभ हो रहा है। पौष पूर्णिमा और पौष माह का यह दिन अपने आप में ही बेहद पुण्यदायी माना गया है। ऐसे में इस दिन को जो बात और ख़ास और शुभ बना रही है वह है आज के दिन होने वाला पुष्य नक्षत्र और दिन गुरुवार होने का महा संयोग। माघ स्नान (Magh Snan) का यह पर्व 27 फरवरी को माघ शुक्ल पूर्णिमा के साथ पूरा होगा। माघ के इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने, लोगों को दान देने का बेहद महत्व बताया गया है। जो कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है उसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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माघ स्नान (Magh Snan 2021) का महत्व
माघ माह और माघ स्नान का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्व बताया गया है। मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति इस दौरान स्नान, दान, और जप,तप की परंपरा का निर्वाह करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा माघ के इस महीने में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर जो कोई भी व्यक्ति स्नान करता है उसे दस हज़ार अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
माघ माह (Magh Mahina) को बेहद ही पुण्य दाई माना जाता है। इस महीने के दौरान हरिद्वार (Haridwar Kumbh), नासिक, उज्जैन और इलाहाबाद में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। ऐसे में जो कोई भी मनुष्य इस बेहद पुण्यदायी माह में इन पवित्र नदियों में जाकर स्नान करता है उसे अपने पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान और दान से ही नहीं बल्कि इस पवित्र माह के दौरान जो कोई भी व्यक्ति पवित्र नदियों के तट पर जाकर कल्पवास करते हैं उन्हें भी शुभ फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त माघ माह में गंगा स्नान करता हैं, उससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आर्शीवाद देते हैं।
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पवित्र नदियों में स्नान करना मुमकिन ना हो तो क्या करें?
यह बात भी स्वाभाविक है कि, प्रत्येक इंसान के लिए माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान करना मुमकिन नहीं होता। तो ऐसी स्थिति में क्या किया जाए? निराश होने की जरूरत नहीं है, यदि आप भी पवित्र नदियों में जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं तो इसके लिए आप घर पर ही स्नान के पानी में जल डालकर स्नान कर सकते हैं। जरूरी है तो दिल में श्रद्धा होना। इसके अलावा पूरे महीने मन और तन की पवित्रता, शुद्धता और श्रद्धा बेहद आवश्यक होती है।
इस महीने सुबह जल्दी उठकर स्नान के पानी में गंगाजल डालकर आप उससे स्नान करें। इसके बाद शुद्ध कपड़े पहन कर पूजा अर्चना करें और अपनी यथाशक्ति अनुसार गरीबों को भोजन कराएं। इसके अलावा आप गाय को हरा चारा खिलाएं और पक्षियों को दाना भी डालें। ऐसा करने से भी आपको पुण्य फल की प्राप्ति होगी।
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माघ माह/ माघ स्नान से जुड़ी कथा
माघ स्नान (Magh Snan 2021) से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में नर्मदा नदी के तट पर एक ब्राह्मण रहता था। इस ब्राह्मण का नाम था शुभव्रत। शुभव्रत यूं तो वेद शास्त्रों के अच्छे जानकार थे हालांकि उन्होंने अपने जीवन में कोई भी पुण्य काम नहीं किया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन पैसे बचाने में खर्च कर दिया था। जब ब्राह्मण बुजुर्ग हुए तो उन्हें कई तरह की बीमारियों और रोगों ने घेर लिया।
जीवन के इस पड़ाव में उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि, कैसे उन्होंने अपना पूरा जीवन सिर्फ धन कमाने और धन को बचाने में लगा दिया है। ऐसे में अब जब ब्राह्मण के परलोक जाने का समय नजदीक आया तो उन्हें एहसास हुआ कि, उन्हें कुछ शुभ काम भी करने चाहिए। तभी ब्राह्मण को एक श्लोक याद आया। वो श्लोक था, ‘माघे निमग्ना: सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति..’ अब ब्राह्मण शुभव्रत ने माघ स्नान का संकल्प लिया और इस श्लोक के आधार पर नर्मदा नदी में स्नान करने का प्रण लिया। ब्राह्मण ने कुल 9 दिनों तक सुबह उठकर नर्मदा नदी के जल में स्नान किया और दसवें दिन उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया।
हम आशा करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। यदि इस व्रत या अपने जीवन से जुड़ा कोई भी अन्य प्रश्न है तो आप हमारे जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।