लक्ष्मी योग ( Lakshmi Yog) एक ऐसा योग है जिसे हर कोई अपनी कुंडली में देखना चाहता है। आज के दौर में धन की सबसे अधिक आवश्यकता है इसलिए यदि आपकी कुंडली में लक्ष्मी योग बन रहा है तो यह बहुत शुभ माना जाता है। आज अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि लक्ष्मी योग होता क्या है और इससे व्यक्ति को क्या लाभ प्राप्त होते हैं।
कुंडली में कई तरह के लक्ष्मी योग बनते हैं। मुख्य रूप से यह पांच तरह के होते हैं इनके बारे में नीचे बताया जा रहा है।
1. लक्ष्मी योग (Lakshmi Yog)
2. महालक्ष्मी योग
3. श्री लक्ष्मी योग
4. अष्टलक्ष्मी योग
5. नवलक्ष्मी योग
लक्ष्मी योग (Lakshmi Yog)
कुंडली में लक्ष्मी योग (Lakshmi Yog) तब बनता है जब कुंडली के भाग्य भाव (नवम भाव) का स्वामी केंद्र में हो। इसके साथ ही यह मित्र राशि, स्वराशि, उच्च राशि, मूल त्रिकोण में हो और लग्नेश भी मजबूत हो तो इस योग से बहुत लाभ मिलते हैं। सीधे तौर पर देखा जाए तो कुंडली के त्रिकोण भाव को लक्ष्मी स्थान कहा जाता है जबकि केंद्र को विष्णु। जब केंद्र और त्रिकोण के बीच संबंध बनता है तो स्वाभाविक है कि इससे व्यक्ति को लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है। यह योग जिस जातक की भी कुंडली में बनता है वह भाग्यशाली होता है और उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती।
महालक्ष्मी योग (Mahalakshmi Yog)
यदि कुंडली के लग्न भाव का स्वामी त्रिकोण भाव में स्थित हो, द्वितीय भाव का स्वामी एकादश भाव यानि लाभ भाव में स्थित हो और द्वितीय भाव पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो यह महालक्ष्मी योग कहलाता है। इस योग के बनने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याएं कभी नहीं आतीं।
श्री महालक्ष्मी योग (Shri Mahalakshmi Yog)
यह योग सबसे कम कुंडली में देखने को मिलता है लेकिन जिस भी जातक की कुंडली में होता है वह महा धनवान होता है। यह योग तब बनता है जब दोनों त्रिकोणों के स्वामी केंद्र में बैठे हों और उनपर तीन शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो। इस योग का बनना वैसे बहुत मुश्किल माना जाता है लेकिन यदि आंशिक रूप से भी यह योग किसी की कुंडली में बन रहा है तो वह व्यक्ति भी धनवान होता है। उदाहरण के लिए यदि दोनों त्रिकोणों के स्वामी केंद्र में हों और केवल एक या दो शुभ ग्रहों की दृष्टि भी उनपर पड़ रही है तो व्यक्ति को धन की कमी कभी नहीं होती। ऐसे लोग बचपन से ही संपन्न पाए जाते हैं। वहीं कुछ लोग अपने दम पर भी धन कमाने में सक्षम होते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा ऐसे लोगों पर हमेशा होती है।
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अष्टलक्ष्मी योग (Ashtlakshmi Yog)
यह योग कुंडली में तब बनता है जब कुंडली के षष्ठम भाव में राहु ग्रह स्थित हों और गुरु ग्रह केंद्र में स्वराशि, मित्र राशि, उच्च राशि या मूल त्रिकोण राशि में हों। राहु षष्ठम भाव में यदि उच्च का हो तो यह योग और भी फलित होता है। षष्ठम भाव में बैठा राहु व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय दिलाता है। वहीं केंद्र में बैठा गुरु व्यक्ति को बुद्धि देता है। इस योग के बनने से व्यक्ति के अंदर धन कमाने की इच्छा होती है और वह कई तरीकों से धन कमाने में सक्षम होता है। ऐसे लोग परिस्थितियों को अपने अनुसार चलाने वाले होते हैं। सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता भी ऐसे लोगों में देखी जाती है।
नवलक्ष्मी योग (Navlakshmi Yog)
यह योग तब बनता है जब एकादश भाव का स्वामी केंद्र में स्थित हो और एकादश भाव पर इसकी दृष्टि हो। इसके साथ ही लग्नेश भाग्य भाव में हो और नवम भाव का स्वामी नवम भाव में ही स्थित हो। इस योग का बनना बहुत मुश्किल होता है और बहुत कम ही यह किसी की कुंडली में देखने को मिलता है। लेकिन जिस जातक की कुंडली में यह योग बन जाता है वह राजा के समान जीवन जीता है। माता लक्ष्मी का उसे हमेशा सहयोग मिलता है। ऐसे लोगों को धन की प्राप्ति के लिए बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह योग सबसे शुभ लक्ष्मी योग (Lakshmi Yog) होता है और जिस भी जातक की कुंडली में यह बने निश्चित ही वह महाधनी बनेगा।
चंद्र-मंगल युति से बनने वाला लक्ष्मी योग
कुंडली में यदि चंद्रमा और मंगल की युति हो रही हो तो इसे भी लक्ष्मी योग (Lakshmi Yog) के नाम से जाना जाता है। यह योग व्यक्ति को तब सबसे अच्छे फल देता है जब यह युति द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो। हालांकि बुरे भावों में इस योग का बनना व्यक्ति के चरित्र का नाश भी कर सकता है। इसलिए इस युति के संबंध में कोई भी बात बताने से पहले कुंडली में इस योग की स्थिति का देखा जाना बहुत जरूरी होता है।
लक्ष्मी योग बदल सकता है आपका जीवन
यह एक ऐसा योग है जिसकी कामना हर कोई करता है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी कुंडली में यह योग बने। यदि आपकी कुंडली में भी यह योग है तो इससे लाभ अवश्य होता है। हालांकि कई बार अकारक ग्रहों की दशा के कारण यह उतना प्रभावी नहीं हो पाता लेकिन जब कारक ग्रहों की दशा शुरू होती है तो अचानक से यह योग आपके जीवन की गति बदल सकता है। आपके पास धन की वृद्धि हो सकती है।
लक्ष्मी योग के लाभ
इस योग के नाम से ही जाहिर है कि इसके कुंडली में होने से व्यक्ति को धन मिलता है और माता लक्ष्मी ऐसे लोगों पर हमेशा कृपा बरसाती है। इसके साथ ही ऐसे लोगों को करियर के क्षेत्र में भी ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। पारिवारिक जीवन अच्छा रहता है। हालांकि ऐसे लोगों को दान-पुण्य के काम भी अवश्य करने चाहिए।
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