Kumbh Sankranti 2021: जानें कुंभ संक्रांति का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

कुंभ संक्रांति 2021(Kumbh Sankranti 2021): सभी नव ग्रहों में सूर्य देव को राजा का दर्जा प्राप्त है। सूर्य देव शुक्रवार के दिन 12 फरवरी को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव का यह राशि परिवर्तन सभी जातकों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालेगा। मानव जीवन पर सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश सीधा असर डालेगा, और 12 फरवरी के दिन कुंभ संक्रांति का दिन बेहद शुभ योग बना रहा है।ज्योतिषीय गणना के अनुसार कुंभ एक शनि ग्रह की राशि है, और सूर्य सिंह का स्वामी है। जबकि शनि और सूर्य दोनों में शत्रुता का भाव होता है।

सभी ग्रहों में सूर्य  व्यक्ति को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक सूर्य को ऊर्जा का कारक माना गया है, और यदि जातक पर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है, तो उसे जीवन में हर तरह की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। सूर्य एक राशि में लगभग एक महीने तक विराजमान होते हैं।  12 फरवरी के दिन कुंभ संक्रांति के शुभ योग पर यदि जातक पूजा-पाठ कर पूरे नियमानुसार सूर्य उपासना कर उपवास करता है, तो उस पर सूर्य देव की विशेष कृपा होगी। कुंभ संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त पर ही पूजा करना चाहिए।तो आइए नीचे दिए गए लेख में जानते है, की किस मुहूर्त पर पूजा-पाठ करना है। 

कुंभ संक्रांति 2021: 12 फरवरी, शुक्रवार

शुभ मुहूर्त : पुण्य काल- 12:36 से 06:09 तक

            कुल अवधि- 5 घंटे 34 मिनट

 महापुण्य काल- 04:18 से 06:09 तक

        कुल अवधि- 1 घंटे 51 मिनट

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कुंभ संक्रांति विशेष महत्व

स्नान, दान करने वाली कुंभ संक्रांति का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा, एकादशी और अमावस्या तिथियों से भी ज्यादा महत्व कुंभ संक्रांति का होता है। इस दिन व्यक्ति के स्नान, दान करने से उसे देव लोक की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यदि संक्रांति के दिन कोई व्यक्ति स्नान नहीं करता है, तो कई जन्मों तक उसे दरिद्रता का दुख झेलना पड़ता है। स्नान के साथ-साथ इस दिन दान करना भी बेहद शुभ है, ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में हर प्रकार का सुख देखने को मिलता है, और उसके किसी भी कार्य में बाधा नहीं आती है, सब आसानी से पूर्ण हो जाते है। इसलिए संक्रांति के दिन जातक को अपनी सामर्थ्य के हिसाब से गरीब को दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए। 

कुंभ संक्रांति: गंगा स्नान का महत्व

पौराणिक मान्यता के मुताबिक कुंभ संक्रांति के दिन हिन्दू धर्म के सब देवी-देवता पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। यही कारण है, कि हिन्दू धर्म में कुंभ संक्रांति के दिन व्यक्ति को गंगा स्नान कर दान-पुण्य करना चाहिए ।ऐसी मान्यता है, कि व्यक्ति के पवित्र नदियों में स्नान करने से उनको सीधे देवी-देवताओं के दर्शन का मौका मिलता है, और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कुंभ संक्रांति 2021: कुंभ राशि पर सूर्य देव के राशि परिवर्तन का कैसा होगा प्रभाव 

कुंभ संक्राति के दिन सूर्य देव का कुंभ राशि में प्रवेश सभी 12 राशियों पर सीधा असर डालेगा,लेकिन कुंभ राशि वाले जातको पर इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा।सूर्य देव के राशि परिवर्तन से कुंभ राशि के जातको के जीवन पर अनेक तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। इस राशि परिवर्तन के दौरान कुंभ राशि के जातकों को विशेषकर अपनी सेहत के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है, इस दौरान कुंभ राशि के लोग थोड़ा गुस्सैल और चिड़चिड़े मिजाज के भी हो सकते हैं। सूर्य देव का राशि परिवर्तन कुंभ राशि के जातको को बेहद भावुक बना देगा। आप सदैव दूसरों की भलाई के बारे में सोचेंगे, और यही वजह है, की आप लोगों के बीच काफी पसंद किए जाएंगे। 

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