चार दिनों तक चलने वाला त्यौहार “छठ पूजा” दुनिया के सबसे कठिन व्रतों में से एक है। छठ पूजा व्रत को करने के नियम बहुत ही कठिन है, इसी वजह से इसे महापर्व और महाव्रत के नाम से भी संबाेधित करते हैं। दिवाली के 6 दिन बाद कार्तिक शुक्ल को छठ पूजा मनाई जाती है। इस त्योहार में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है।
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इस साल 20 नवंबर से छठ पूजा मनाई जा रही है। इस पूजा में सूर्य देवता और छठ माता की आराधना की जाती है। सूर्य देवता के विषय में तो सभी जानते हैं, लेकिन छठ माता कौन हैं, इस बारे में बहुत कम ही लोगों को पता है। तो चलिए आज इस लेख में आपको बताते हैं, कि आखिर छठ माता कौन हैं और सूर्य देव से इनका क्या संबंध है –
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कौन हैं छठ माता
पौराणिक कथाओं के अनुसार छठ माता और सूर्य देव रिश्ते में भाई-बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या तालाब के किनारे छठ पूजा की जाती है। षष्ठी मां यानी कि छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी मानी जाती हैं। मार्कण्डेय पुराण में इस बात की जानकारी दी गयी है, कि सृष्टि की देवी “प्रकृति” ने अपने आप को छह हिस्सों में विभाजित किया है। इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी के रूप में जाना जाता है, जो कि ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इन्हीं की पूजा की जाती है। बच्चे के जन्म के छह दिनों के बाद भी इन्हीं देवी को लोग पूजते हैं। सच्चे मन से छठ व्रत को करने से संतान को लंबी आयु, स्वास्थ्य और सफलता का वरदान मिलता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी बताया गया है, जिनकी नवरात्रि के दौरान षष्ठी तिथि को पूजा की जाती है।
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