साल 2021 का छठा महीना यानी कि जून शुरू हो चुका है और इसके शुरू होते ही जून महीने के पर्वों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। अब 02 जून को कालाष्टमी का पर्व है। कालाष्टमी के पर्व के दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव भगवान महादेव के रुद्र रूप माने जाते हैं। भगवान काल भैरव के भी आठ स्वरूप हैं और इन सभी आठ स्वरूपों का अपना अलग महत्व है।
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भगवान काल भैरव को भगवान शिव की प्रिय नगरी काशी का कोतवाल माना जाता है। मान्यता है कि बिना काल भैरव के दर्शन के काशी में कोई भी पुण्य कर्म मान्य नहीं होता है। भगवान काल भैरव को रक्षा करने वाले देवता के तौर पर देखा जाता है। यही वजह है कि सनातन धर्म में भगवान काल भैरव का विशेष महत्व है। मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन ही भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। इसी कारण से कालाष्टमी का भगवान काल भैरव के भक्तों को विशेष तौर से इंतज़ार रहता है और वो इस दिन धूम-धाम से भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन भगवान काल भैरव की पूजा अर्चना के कुछ नियम कायदे हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी है वरना भगवान काल भैरव रुष्ट हो जाते हैं और भक्तों को अनिष्ट फल देते हैं। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में कालाष्टमी के दिन उन कामों के बारे में बताएँगे जिन्हें भूल से भी इस दिन नहीं करना चाहिए। साथ ही वो तमाम मुहूर्त भी बताएँगे जिस दौरान भगवान काल भैरव की पूजा से प्रतिकूल फल मिलता है लेकिन उससे पहले कालाष्टमी से जुड़ी कुछ जरूरी बात आपके साथ साझा कर देते हैं।
कालाष्टमी 2021
कलाष्टमी तिथि प्रारंभ: 02 जून को रात्रि 12 बजकर 46 मिनट से
कलाष्टमी तिथि समाप्त: 03 जून को रात्रि 01 बजकर 12 मिनट पर
कालाष्टमी के दिन भूल से भी न करें ये काम
- कालाष्टमी के दिन गृहस्थ जीवन जी रहे लोगों को भगवान काल भैरव के स्वरूप बटुक भैरव की पूजा करने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि यह भगवान काल भैरव का सौम्य रूप है।
- भगवान काल भैरव की तामसिक पूजा से भी गृहस्थ जीवन जी रहे लोगों को बचना चाहिए।
- भगवान काल भैरव रक्षा करने वाले देवता माने जाते हैं इसलिए इनसे किसी के नाश की कामना भूल से भी न करें।
- भगवान काल भैरव की पूजा बिना माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के नहीं की जाती है। इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें।
- इस दिन किसी भी प्रकार का झूठ बोलना भगवान काल भैरव को नाराज करता है इसलिए झूठ बोलने से इस दिन बचना चाहिए।
- कालाष्टमी के दिन माता, पिता, गुरु व बुजुर्गों का भूल से भी अपमान न करें वरना अशुभ फल मिलते हैं।
- इस दिन विशेष तौर से घर की साफ-सफाई करनी चाहिए।
- जातक इस दिन व्रत रखें। कोशिश करें कि फलाहार पर रहें व नमक खाने से बचें।
कालाष्टमी के दिन वो मुहूर्त जिस दौरान भगवान काल भैरव की पूजा मना है :
- राहु काल : 12:19 पी एम से 02:03 पी एम तक रहेगा।
- यमगण्ड : 07:07 ए एम से 08:51 ए एम तक रहेगा।
- गुलिक काल : 10:35 ए एम से 12:19 पी एम तक रहेगा।
- दुर्मुहूर्त : 11:51 ए एम से 12:47 पी एम तक रहेगा।
- वर्ज्य : 11:49 पी एम से 01:31 ए एम, जून 03 तक रहेगा।
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