आधुनिक युग में व्यक्ति चाहे कितना भी आधुनिक हो जाए, लेकिन किसी भी शुभ काम को करने से पहले पंचांग में शुभ मुहूर्त जरूर देखता है। ऐसे में आपको पुष्य नक्षत्र योग के बारे में जानना बेहद जरूरी है, वैदिक ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र योग में व्यक्ति बिना पंचांग देखे विवाह के अलावा अन्य कोई भी शुभ काम कर सकता है।
आकाशिय मंडल में 27 नक्षत्र हैं और इनमें पुष्य नक्षत्र सबसे शुभ नक्षत्र माना जाता है। ज्योतिष की भाषा में पुष्य नक्षत्र को तिष्य और अमरेज्य नाम से भी पुकारा जाता है। तिष्य का मतलब है, शुभ और मांगलिक, अमरेज्य का मतलब है देवताओं के द्वारा पूजा जाने वाला नक्षत्र, और यही कारण है, कि इस नक्षत्र को बेहद शुभ माना गया है। साल 2021 में 28 जनवरी,गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है, क्योंकि यह योग गुरुवार के दिन बन रहा है इसलिए इसको गुरु पुष्य योग कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरुवार और रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र योग बनने से
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ये और अधिक शुभ योग हो जाता है। गुरुवार के दिन यह योग होने से गुरु पुष्य नक्षत्र योग और रविवार के दिन होने पर रविपुष्य नक्षत्र योग कहलाता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र योग का महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार पुष्प नक्षत्र योग में जन्म लेने वाले लोगों पर सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा होती है, वो जीवन में बहुत तरक्की करते हैं,और लोगों की मदद के लिए सदैव खड़े रहते है। ऐसे लोग दयालु और बुद्धिमान होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाओं का यश चारों तरफ फैलता है, और वह बेहद प्रभावशाली होती हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर जादू-टोने का भी प्रभाव नहीं पड़ता है। ज्योतिषीय गणना में इसे सर्वाधिक शुभ मुहूर्त माना गया है, और यही कारण है कि साल 2021 में 28 जनवरी को पड़ने वाला गुरु पुष्य योग खास योग है, क्योंकि यह गुरुवार के दिन पड़ रहा है। इसके अलावा यदि यह नक्षत्र योग गुरुवार या रविवार के दिन नहीं होता है तो सामान्य फल देता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र में घर, गाड़ी, ज़मीन, सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है और इस नक्षत्र में जातक अपना नया व्यापार भी शुरू कर सकता है, उसे बेहद लाभ मिलता है, क्योंकि यह नक्षत्र काम दोष मुक्त नक्षत्र होता है, और जल्द फल देने वाला है।
पुष्य योग के लाभ
पुष्य नक्षत्र योग में धार्मिक काम करना भी बेहद शुभ माना गया है, जप, दान-पुण्य, अनुष्ठान, दीक्षा आदि करना भी बेहद फलदाई होता है। यदि जातक पुष्य नक्षत्र योग पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करता है तो उसे विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस शुभ योग पर जातक को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी स्रोत कर लक्ष्मी पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से धन की देवी की असीम कृपा प्राप्त होती है, और जातक की आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती है। इसके साथ ही विद्यार्थियों को भी इस योग में शिक्षा के क्षेत्र में शुभ फल प्राप्त करने के लिए गुरु ग्रह की पूजा करनी चाहिए। इस योग में योग करना भी शुभ माना गया है इससे मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
किन ग्रहों का होता है प्रभाव
पुष्य नक्षत्र योग बेहद शुभ और फलदाई होता है। इस नक्षत्र पर शनि, चंद्र और गुरु का प्रभाव होता है, और यही वजह है कि इस नक्षत्र में ख़रीददारी का सबसे अच्छा योग बनता है। इस नक्षत्र में थोड़े धन का निवेश करके अत्यधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को आठवां नक्षत्र माना गया है। देव गुरु बृहस्पति ऐश्वर्य, वैभव, सुख-समृद्धि और पद-प्रतिष्ठा के स्वामी है, वहीं शनि देव को सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले धर्म के कारक ग्रह के रूप में देखा जाता है। शनि और गुरु समभाव रखते हैं, और यही कारण है कि गुरुवार के दिन शनि देव का नक्षत्र पुष्प उपस्थित होना बेहद शुभ फल देने वाला होता है।
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