क्यों लगाती हैं महिलाएं सावन में मेहँदी, जानें इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

हिन्दू धर्म में विशेष रुप से सावन के महीने को बेहद ख़ास माना जाता है। इस माह में चारों तरफ हरियाली रहती है इसलिए इसे प्राकृतिक सौंदर्य का माह भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में हर पावन मौके पर विशेष रूप से महिलाएं मेहँदी लगाती हैं। इसके साथ ही सावन के इस महीने में हाथों पर मेहँदी लगाना महिलाओं के लिए अनिवार्य माना जाता है।

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आज हम आपको सावन के इस पवित्र माह में हाथों पर मेहँदी लगाने के धार्मिक महत्व के साथ ही इसके वैज्ञानिक महत्व के बारे में भी बताने जा रहे हैं। तो देर किस बात की, आइये जानते हैं कि आखिर क्यों सावन में महेंदी लगाना महत्वपूर्ण माना जाता है। 

सावन माह में मेहँदी लगाने के धार्मिक महत्व 

हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के माह में महिलाओं के लिए विशेष रूप से हाथों में मेहँदी लगाना इसलिए अनिवार्य माना जाता है क्योंकि इसी माह में बहुत से प्रकार के तीज त्यौहार आते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार हाथों पर मेहँदी लगाना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है इसलिए भी किसी भी त्यौहार या व्रत के मौके पर महेंदी जरूर लगानी चाहिए।

सावन के माह में पड़ने वाले विशेष त्यौहार जैसे कि मधुश्रावणी और हरियाली तीज को महिलाओं के लिए ख़ास माना गया है। ये व्रत त्यौहार हर सुहागिन स्त्री अपने अखंड सौभाग्य के लिए रखती है। इसलिए इस दौरान सोलह श्रृंगार किया जाता है जिसमें मेहँदी लगाना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मेहँदी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है इसलिए सावन माह में आने वाले हर त्यौहार के मौके पर हाथों में मेहँदी लगाना आवश्यक माना जाता है। 

हाथों पर मेहँदी लगाने के वैज्ञानिक महत्व 

धार्मिक आधारों पर सावन के महीने को पवित्र तो माना जाता है लेकिन यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो बारिश की वजह से इस महीने में बीमारियां भी पनपने लगती हैं। आप सोच रहे होंगें कि इसका हाथों पर मेहँदी लगाने से क्या संबंध है।

असल में मेहँदी के हरे रंग को कई रोगों से बचाव के लिए बेहद कारगर माना जाता है। महिलाओं के लिए हाथों पर मेहँदी लगाने से उन्हें मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। चूँकि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, लिहाजा इसे लगाने से शरीर को ठंडापन मिलता है और शरीर की बढ़ी हुई गर्मी भी दूर होती है। हाथ के साथ ही साथ पैर के तलवों पर भी मेहँदी लगाने से शरीर की गर्मी दूर होती है। आयुर्वेदिक तथ्यों के अनुसार मेहंदी में कई प्रकार के औषिधीय गुण भी मौजूद होते हैं जो सावन माह में होने वाली बुखार और सिरदर्द आदि की समस्या से भी आपको निजात दिला सकती है। मेहंदी का प्रयोग कई प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने के लिए भी सहायक होता है। 

बता दें कि सिर्फ सावन के महीने में ही नहीं बल्कि महिलाओं के लिए किसी भी समय मेहँदी का प्रयोग फायदेमंद ही साबित होता है। हालाँकि बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त मेहँदी के प्रयोग से आपको जरूर बचना चाहिए। अधिक लाभ के लिए मेहँदी की पत्तियों को पीसकर लगाना चाहिए। धार्मिक आधारों पर भी पीसी हुई मेहँदी को लगाने का ही महत्व है।

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