हर माह आने वाली पूर्णिमाओं में से गुरु पूर्णिमा को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। हालाँकि इस साल मनाये जाने वाले गुरु पूर्णिमा के त्योहार की ख़ास अहमियत है क्योंकि इस साल इस दिन एक महासंयोग बनने जा रहा है। आइये जानते हैं आज गुरु पूर्णिमा के दिन कौन सा महासंयोग बनने जा रहा है। इसके साथ आपको बताने जा रहे हैं आज के दिन के विशेष महत्व और पूजा विधि के बारे में।
आज गुरु पूर्णिमा के दिन बन रहा है ये महासंयोग
बता दें कि आज गुरु पूर्णिमा जिसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है के दिन साल का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यानि कि आज पूर्णिमा के साथ ही साथ चंद्र ग्रहण भी लगेगा इसलिए इस गुरु पूर्णिमा का ख़ासा महत्व है। पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लगने के संयोग को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के रूप में माना जा रहा है। इसी वजह से आज एक दिन का महत्व अपने आप में काफी बढ़ जाता है। आज बन रहे इस महासंयोग के दिन विशेष रूप से मंत्रों को सिद्ध करने का काम किया जा सकता है।
चंद्र ग्रहण का दिन और समय
चंद्र ग्रहण 16 जुलाई 01:32:35 से शुरू होकर 17 जुलाई 04:29:50 तक रहेगा। ये आंशिक चंद्रग्रहण होगा जो भारत सहित अन्य एशियाई देशों, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है
गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए आज के दिन को व्यास पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख चार वेदों और “महाभारत” जैसे महाकाव्य के रचियता वेदव्यास को भारतीय संस्कृति में देवतुल्य माना गया है। महर्षि वेदव्यास का जन्म आज से करीबन 3000 ई.पू. आषाढ़ माह की शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था। वेदव्यास जी ने वेदों को आम लोगों को समझने के लिए इसे चार हिस्सों में बाँट दिया जिसे ऋग्ग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के नाम से जाना जाता है। आज के दिन विशेष रूप से व्यास जी की पूजा की जाती है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है।