हिन्दू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र महीना माना जाता है। इस पवित्र महीने में ही कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। हिन्दू धर्म में कांवड़ यात्रा को ख़ासा महत्व दिया जाता है, इस दौरान काँवड़िये कांवड़लेकर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने के लिए निकलते हैं। आप में से बहुत से लोगों ने कांवड़यात्रा के बारे में सुना होगा लेकिन शायद ही किसी को इस पवित्र यात्रा के महत्व के बारे में मालूम होगा। आज इस लेख के ज़रिये हम आपको कांवड़ के महत्व और साथ ही इस यात्रा से संबंधित कुछ अन्य तथ्यों के बारे में भी बताने जा रहे हैं।
कब से शुरू होने जा रही है कांवड़यात्रा
धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो कांवड़यात्रा हिन्दू धर्म में ख़ासा महत्व है। सावन के महीने में शिव भक्त खासतौर से अपने कांवड़में गंगाजल लेकर सावन की चतुर्दशी पर शिव जी का जलाभिषेक करते हैं। हज़ारों लाखों की तादाद में लोग कांवड़ लेकर शिव जी को जल चढ़ाने पैदल ही कांवड़ यात्रा पर निकल पड़ते हैं। इस साल आगामी 17 जुलाई से सावन का महीना शुरु होते ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी हो जाएगी।
कैसे हुई कांवड़ यात्रा की शुरुआत
कांवड़यात्रा की शुरुआत किसने और कब की इस संदर्भ में धार्मिक ग्रंथों में अलग-अलग कथाएं प्रचलित है। एक कथा के अनुसार भगवान् श्री राम ने पहली बार कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होनें झारखण्ड के सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर देवघर में स्थित शिव जी के शिवलिंग का जलाभिषेक किया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार कांवड़ यात्रा की शुरुआत समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। माना जाता है की समुद्र मंथन से निकले विष को पीने के बाद शिव जी का पूरा शरीर जलने लगा था जिसे देखकर सभी देवताओं ने उनका जलाभिषेक करवाया था। ऐसी मान्यता है की तब से ही शिव जी को हर वर्ष जल अर्पित करने की प्रथा शुरू हुई जिसे कांवड़ यात्रा का नाम दिया गया।
क्या है कांवड़ यात्रा का महत्व ?
कांवड़यात्रा विशेष रूप से शिव जी को सावन के पवित्र माह में जल अर्पित करने के लिए हर वर्ष शिव भक्तों द्वारा की जाती है। हिन्दुओं में इस यात्रा का विशेष महत्व है, इस दौरान शिव भक्त साफ़ मन से शिव भक्ति में पूरी तरह से लीन होकर मनवांछित फल प्राप्ति के लिए यात्रा आरंभ करते हैं। सभी देवी देवताओं में शिव जी को विशेष रूप से पूजा जाता है इसलिए भी कांवड़ यात्रा को ख़ासा महत्व दिया जाता है।
जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया की आने वाली 17 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। लिहाजा इस यात्रा के लिए अभी से तीर्थ स्थलों के अलावा कई जगहों पर तैयारियां चल रही है जहाँ से होकर काँवड़ियों की यात्रा गुजरेगी।