राजनीति भी गज़ब चीज है। कब कौन किसका दोस्त और कौन किसका दुश्मन बन जाए, ख़ुद नेताओं को भी इस बात की खबर नहीं होती। अब 10 मई 2021 को असम के नए मुख्यमंत्री बने हिमंता बिस्वा को ही ले लीजिये। कभी कांग्रेस के नेता तरुण गोगोई के करीबी रहे बिस्वा के बारे में राजनीतिक पंडित दबी जुबान में कहते हैं कि ये बिस्वा ही थे जिन्होंने अपनी रणनीति के बदौलत साल 2011 में तरुण गोगोई को मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया था। बाद में तरुण गोगोई के पुत्र गौरव की राजनीति में एंट्री हुई और हिमंता बिस्वा बागी हो कर भाजपा के पाले में चले गए।
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साल 1969 के 01 फरवरी को गुवाहाटी के गांधी बस्ती, उलूबारी में कैलाश नाथ सरमा और मृणालिनी देवी के यहाँ एक लड़के का जन्म हुआ, नाम रखा गया हिमंता बिस्वा सरमा। पेशे से वकील रह चुके हिमंता की राजनीति में एंट्री 15 मई 2001 को तब हुई जब वे जालुकबरी से विधायक चुने गए। इसके बाद हिमंता कभी रुके नहीं और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में तीन बार विधायक बने और फिर गोगोई जी के कैबिनेट में मंत्री पद भी हासिल किया। हालांकि तरुण गोगोई से मतभेद के बाद 21 जुलाई 2014 को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और फिर एक साल बाद 23 अगस्त 2015 को अमित शाह के घर पर भाजपा का दामन थाम लिया। इस तरह कभी कॉलेज में कांग्रेस के विरोधी रहे हिमंता बिस्वा आज एक बार फिर कांग्रेस के खिलाफ खड़े हैं और इस बार काफी मजबूती के साथ।
ऐसे में आज हम इस लेख में आपको ज्योतिषीय आकलनों से यह बताएँगे कि हिमंता बिस्वा का मुख्यमंत्री पद का शपथ लेना उनके जीवन को कौन सी दिशा देने वाला है।
श्री हिमंता बिस्वा सरमा की कुंडली का ज्योतिषीय आकलन
10 मई 2021 को श्री हिमंता ने 12 बजकर 06 मिनट पर असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ऐसे में श्री हिमंता बिस्वा की कुंडली पर अगर हम नजर डालते हैं तो हम पाते हैं कि श्री हिमंता की कुंडली में उनके लग्न का स्वामी नौवें भाव में विराजमान है और नौवें भाव का स्वामी 11वें घर में विराजमान है जो कि एक बेहद ही शुभ स्थिति है। श्री हिमंता की कुंडली सिंह लग्न की है और यह एक स्थिर लग्न है। यहाँ मैं आपको एक बात बताना चाहूँगा कि हाल के वर्षों में मैंने गौर किया है कि भाजपा के सभी नेताओं ने स्थिर लग्न मेन शपथ ग्रहण किया है और ज़्यादातर लोगों ने कुंभ राशि में शपथ ग्रहण किया है। हालांकि असम के लोगों को हिमंता बिस्वा से बहुत उम्मीदें हैं और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो स्थानीय लोग उन्हें किसी देवता की तरह पूजते हैं।
असम इस समय भारत के अन्य राज्यों की ही तरह कोरोना महामारी से घिरा हुआ है लेकिन असम में कोविड ही एकमात्र समस्या नहीं है। असम वर्षों से उल्फ़ा, सुल्फा और बोडो इत्यादि जैसे चरमपंथी संगठनों का ठिकाना रहा है जिसकी वजह से असम में अपहरण और उसके बदले फिरौती की मांग स्थानीय लोगों के लिए एक मुख्य समस्या बन चुकी है।
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स्वास्थ्य और इन सभी समस्याओं के अलावा श्री हिमंता के सामने लोगों को रोजगार देने की भी एक बड़ी चुनौती है। साथ ही असम के विकास का मुद्दा तो है ही। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि नए नवेले मुख्यमंत्री बने श्री हिमंता क्या इतनी सारी जिमीदारियों का निर्वाह करने में सफल हो सकेंगे? नीचे श्री बिस्वा की कुंडली है।
श्री बिस्वा की कुंडली में फिलहाल केतु की दशा चल रही है जो कि साल 2023 के 23 जुलाई तक रहने वाली है। इसके बाद शुक्र की दशा आरंभ हो जाएगी। शुक्र इस समय बुध और राहू के साथ कुंडली में दसवें भाव में मौजूद है और इन तीन ग्रहों की युति से दसवें भाव में मालव्य योग बन रहा है। शुक्र और बुध सिंह लग्न को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाने वाले माने जाते हैं और इस समय सौभाग्य से तीनों बिल्कुल ही सही जगह पर स्थित हैं।
श्री हिमंता की कुंडली में केतु की दशा जब तक रहेगी तब तक उनके लिए समस्याएँ तो बनी रहेंगी और इस दौरान उन्हें अनचाहे अवरोध और विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान असम के सुदूर इलाकों में भी इस जानलेवा वायरस के फैलने की आशंका है जिसकी वजह से श्री हिमंता का इस वायरस पर नियंत्रण हाथ से छूटता दिख सकता है। हालांकि हालिया स्थिति पर नजर डालें तो कोरोना की स्थिति अब भी अनियंत्रित ही नजर आती है।
अब अगर हम आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो श्री हिमंता के राज में असम में नए इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और विकास देखने को मिल सकता है। इस दौरान राज्य में निवेश का दौर शुरू होगा आम लोगों की हालत में दिन-ब-दिन सुधार होता नजर आ सकता है।
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वहीं दूसरी तरफ श्री हिमंता के राज के दौरान असमिया कला और संस्कृति का विस्तार देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर श्री हिमंता के नेतृत्व में असम से कुछ बेहतरीन कलाकार निकल कर आ सकते हैं जो कि असमिया संस्कृति का राष्ट्रीय स्तर पर नाम और मान बढ़ाने वाला साबित होगा। श्री हिमंता के नेतृत्व के दौरान धर्म का सकारात्मक उत्थान देखने को मिल सकता है।
इन सभी चीजों का असर आम लोगों पर होगा और वे इन मुद्दों पर सरकार की तारीफ करते हुए भी नजर आएंगे लेकिन साल 2023 के अंत में असम के अंदर स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े किसी बहुत बड़े घोटाले का पता चल सकता है जिसकी वजह से काफी हंगामा होने की आशंका है। हालांकि यह घोटाला सच में होगा या फिर यह विपक्ष की कोई साजिश भर होगी, यह बताना ज्योतिषीय लेखन और आकलन का हिस्सा नहीं है।
वहीं राज्य के अंदर सरकार की नीतियों के बदौलत किसानों की हालत में सुधार की भी संभावना बन रही है। कुल मिला कर श्री हिमंता का कार्यकाल असम राज्य के लिए बेहतर साबित होने की संभावना है और इस दौरान राज्य के हर क्षेत्र में संपूर्ण विकास देखने को मिल सकता है।
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